Public Program, Chitt apni aur rakhiye मुंबई (भारत)
Chitt Apni Aur Rakhiye Date:5th March 1975 Place: Mumbai Type: Seminar & Meeting speech Language: Hindi अभी कल मैंने आपसे बताया था कि सहजयोग में जब आप पार हो जाते हैं, तो क्या चीज़ हो जाती है। किस तरह से आप गुणातीत में उतरते हैं और गुणातीत में उतर के आप किस तरह से अपनी चेतना में चैतन्य लहरियों को देखते हैं। और उनके द्वारा दूसरों का उद्धार करते हैं, ये गुणातीत का आशीर्वाद है, ये कलियुग का भी बड़ा भारी आशीर्वाद है। और इसकी भविष्यवाणी पहले बहुत बार हो चुकी है, कि कलियुग में जब बहुत से लोग परमात्मा को खोजते हुए जंगलों में, कंदरों में और बड़ी-बड़ी कठिन तपस्या में संन्यस्त भाव से वहाँ तपाचरण कर रहे थें। उनकी भक्ति का फल, उनके पाचारण का फल कलियुग में होने वाला है। जहाँ पर कि सहज में ही कुण्डलिनी की जागृति हो कर के और सामूहिक उद्धार होगा, कल्याण होगा, मंगल होगा, लोग पार होंगे। सो तो सहजयोग की बात सही है और जिसके बारे में कहा है, वो भी सही बात है, क्योंकि सहज जो है वही एक तरीका प्रकृति का है। प्रकृति का अपना तरीका कोई सा भी असहज नहीं है। सब चीज़ सहज होती है, जैसे अपना श्वास लेना। हर तरह का काम जो प्रकृति करती है, जीवंत कार्य, वो सारा ही सहज होता है। लेकिन सहजयोग में एक सहज होने के नाते कुछ प्रशन भी खड़े हो जाते हैं। या जिसको कहना चाहिये कि मनुष्य इतना असहज है। मनुष्य ने अपने को इतना Read More …