Rationalism, Emotionalism And Wisdom Caxton Hall, London (England)

                            “तर्कबुद्धि, भावनात्मकता और विवेक”  कैक्सटन हॉल, लंदन, 12 जून 1978। … तो तर्कसंगतता क्या कर सकती है? हमारे अंदर तर्कसंगतता होने के कुछ कारण होने चाहिए [और] भगवान ने हमें तर्कसंगतता क्यों दी है। वह अपने हीरे को इस तरह बर्बाद नहीं करता है! तर्कसंगतता हमें यह समझने की समझ देती है कि हम तर्कसंगतता के माध्यम से वहां नहीं पहुंच सकते। क्योंकि जहाँ तक और जब तक यह घटना आपके साथ घटित नहीं होती, तब तक आप उस पर विश्वास नहीं करेंगे। आप इस पर विश्वास नहीं करने जा रहे हैं कि, यह तर्कसंगतता, जिस पर हम निर्भर हैं, जो हमारा सहारा है, जो ; हम हर समय सोचते हैं कि तर्कसंगतता के साथ ही हमारी पहचान पूर्ण होती है। और हम बहुत तर्कसंगत हैं और हमें अपनी तर्कसंगतता पर भी गर्व है। तो, आप तर्कसंगतता के माध्यम से एक बिंदु पर पहुंचते हैं, जहां आप को समझ आता है कि, यह घोड़ा अब आगे किसी भी उपयोग का नहीं होगा। यह तर्कसंगतता का उपयोग है! एक तरह से यह आपको उस समापन बिंदु पर ले जाता है जहाँ आपको लगता है कि इसे छोड़ दिया जाना चाहिए या इस पर निर्भर नहीं किया जा सकता है। दूसरी तरफ तर्कसंगतता आपको एक दृष्टिकोण देती है जिसका आप को अनुभव प्राप्त होने के बाद में संबंध समझ आ सकता है। आप समझने लगते हैं कि तर्कसंगतता आपको क्यों निराश कर रही थी। तो यह एक नकारात्मक तरीके से एक शिक्षक है। यह एक नकारात्मक तरीके से एक शिक्षक है। लेकिन Read More …