What happens after Self-realisation? Caxton Hall, London (England)

              आत्म-साक्षात्कार के बाद क्या होता है?   कैक्सटन हॉल, लंदन (यूके), 26 जून 1978 प्रश्न यह है कि आत्म-साक्षात्कार के बाद वास्तव में हमारे साथ क्या होता है? बेशक, मेरा मतलब है, आप निर्विचार जागरूक महसूस करते हैं, आप सामूहिक चेतना महसूस करते हैं, आप दूसरों की कुंडलिनी को महसूस कर सकते हैं, आप कुंडलिनी को ऊपर उठा सकते हैं, आप चक्रों को महसूस कर सकते हैं। यह सब आप जानते हैं। लेकिन असल में, इंसान के साथ गहरे तरीके से क्या होता है, यह देखना होगा। तो, सबसे पहले, आइए जानें कि हम कैसे हैं, आत्मसाक्षात्कार होने से पहले हम क्या हैं, ताकि हमें पता चलेगा कि बोध के बाद हमारे साथ क्या होता है। अब यह विषय बहुत सूक्ष्म है और मैं चाहूंगी कि आप इसे बहुत, बहुत बड़ी एकाग्रता से सुनें। आज मैं अमूर्त चीजों के बारे में बात नहीं करने जा रही हूं, लेकिन बिल्कुल ऐसी चीज के बारे में जो वास्तव में बहुत तथ्य पूर्ण है। एक इंसान क्रमागत उत्क्रांति से बना है – आप यह अच्छी तरह से जानते हैं – कि वह उत्क्रांति से बना है। और एक बड़ा वाद-विवाद चल रहा है। ये इन बातों को नहीं समझते, इसलिए विवाद है। लेकिन वह सात चरणों में विकसित होता है और इसलिए कहा जाता है कि: इस दुनिया को बनाने में उसे सात दिन लगे। हम कह सकते हैं कि पूरे ब्रह्मांड ने लगभग सात चरण लिए। लेकिन, जैसा कि आप समझते हैं, एक बीज में सभी सूक्ष्म बीज होते हैं, एक पेड़ के Read More …