Seminar Day 2 New Delhi (भारत)
Seminar in Delhi (India), 10 March 1979. भारतवर्ष योगभूमि , सेमिनार दिल्ली, १०/३/१९७९ आज सबेरे मैंने आपसे बताया था अंग्रेजी में कि परमात्मा ने हमें जो बनाया है, आप इसे माने या न माने, उसका अस्तित्व आप समझे या न समझे वो है। और उसने हमें जिस प्रकार बनाया, जिस तरह से बनाया है वो भी | एक बड़ी खूबी की चीज़ है। मैंने सबेरे बताया था कि कैसे बहुत थोड़े से समय में एक अमीबा जैसे प्राणी से मनुष्य बनाया गया। और आप को मनुष्य बनाया गया सो क्यों? और आगे इसका क्या होने वाला है या ऐसे ही भटकता रहेगा? मैंने बताया कि आपको भगवान ने स्वतंत्रता दे दी है। चाहे तो आप परमात्मा को पायें और चाहे तो आप शैतान के राज्य में जायें। ये आपकी स्वतंत्रता है। इसके लिए कोई भी आप पर, कोई भी आप पर परमात्मा का बंधन नहीं । अगर आप गलत रास्ते जाएंगे तो आप पर वहाँ के जो कुछ भी कृपायें हैं वो होंगी। और जो आप सही रास्ते जाएंगे तो सही रास्ते का जो भी आशीर्वाद है वो आपको मिलेगा । गलत और सही जानने के लिए भी बहुत बड़ी-बड़ी हस्तियाँ संसार में आयीं, उनको हम ‘अवतार ‘ कहते हैं, अवतरित हैं। बड़े-बड़े गुरु इस संसार में आयें जो असली गुरु थे। वो जब भी आये उन्होंने सही रास्ता, धर्म का रास्ता बताया कि आप कायदे से रहिये, बीचो-बीच रहिये, अति न करिये। धर्म के नाम पर जब -जब कोई-कोई संकट आये और जब ये देखा गया कि संसार से Read More …