Advice to Delhi Yogis New Delhi (भारत)

Advice to Delhi Yogis (Hindi). Delhi (India), 15 March 1979. हर जगह के अपने वाइब्रेशन्स होते है दिल्ली, १५.३.१९७९ देलही के निवासियों ने सहजयोग में जो मेहनत की है वो बहुत प्रशंसनीय है क्योंकि आप जानते हैं कि सहजयोग में हमारे कोई भी मेंबरशिप नहीं है, कोई रूल्स नहीं है, कोई रेग्युलेशन्स नहीं है, ना ही कोई हम लोग रजिस्टर रखते हैं और ऐसी हालात में कुछ लोग इससे इतने निगडित हो जायें और इसके साथ इतने मेहनत से काम करें और ये सोंचे कि एक जगह ऐसी होनी चाहिए जहाँ सब लोग आ सके। अभी तो इनके घरों में ही प्रोग्राम होते हैं। तो इन्होंने मुझसे कहा था। मैंने कहा, ‘अच्छा देखो भाई, अगर कोई मिल जाये तुमको कोई जगह तो ठीक है। सबके दृष्टि से जो भी होना है वो अच्छा ही है।’ पर मेरे विचार से देहली के लोगों में ही ज्यादा परमात्मा का आशीर्वाद कार्यान्वित हुआ है। क्योंकि इस तरह से इन लोगों ने बहुत काम किया है कि देख कर बड़ा आश्चर्य होता है और जगह में तो बहुत कोशिश करने पर भी कुछ नहीं हो पाया है। ये सब आप ही का अपना है। आप ही के लिये जगह बनी हुई है और आप ही वहाँ रहेंगे और आप ही उसको इस्तेमाल करें, उसका उपयोग करें। लेकिन ये जरुरी है कि एक उसका न्यूक्लिअस होना चाहिए, एक जगह होनी चाहिए जहाँ गणेश जी की स्थापना होनी चाहिए। इस तरह की एक जगह होना जरूरी होती है। क्योंकि हर जगह के अपने- अपने वाइब्रेशन्स होते Read More …