Vishuddhi Chakra New Delhi (भारत)

Vishudhi Chakra (Hindi). Delhi (India), 16 March 1979. विश्व के लोग हमारी ओर आँखें किये बैठे हैं  कि भारतवर्ष से ही उनका उद्धार होने वाला है, तब तक नहीं पा सकेंगे। और हमारी ये हालत है कि एक साधारण सा व्यवहार जो होता है, वो भी नहीं है। कल मैंने आप से कहा था कि मैं आपको हृदय में बसे हुए शिवस्वरूप सच्चिदानंद आत्मा के बारे में बताऊंगी आज। लेकिन सोचती हूँ कि आखिर में ही बताऊंगी जब सारे ही चक्र बता चुकुंगी, वो अच्छा रहेगा। हालांकि उनको पहले से आखिर तक, अपनी दृष्टि वहीं रखनी चाहिये। बाकी जो भी चक्र हैं, एक उनके चक्र को जानने से ही ठीक हो जाते हैं। इन तीन हृदय चक्र के तीन हिस्सों से उपर एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण चक्र है, जिसे हम लोग विशुद्धि चक्र कहते हैं, विशुद्धि चक्र। जहाँ पे हमारा कंठ होता है, इसके बराबर पीछे में ये चक्र होता है। अब इसके लिये आप एक्झॅक्टली (exactly) किसी के लिये नहीं कह सकते हैं कि ये यहीं होता है। क्योंकि ये बड़ी ही सूक्ष्म चीज़ है, थोड़ा ऊँचे, नीचे होता ही है। जैसी-जैसी मनुष्य की प्रकृती होती है और जैसे-जैसे उसका फॉर्म होता है, वैसे ही इसकी चक्र की भी स्थितियाँ उस तरह से थोड़ी बहुत आगे-पीछे होती हैं। कभी कभी एक इंच का भी फर्क होता है। इसलिये आप ये नहीं कह सकते, कि ये बराबर उस जगह ही होगा। थोड़ा सा मैंने देखा है, किसी का ऊपर होता है, किसी का नीचे होता है। किसी का और भी Read More …