Just mere awakening of the Kundalini is not sufficient Sydney (Australia)

       कुण्डलिनी जागरण हो जाना मात्र ही पर्याप्त नहीं है  सिडनी (ऑस्ट्रेलिया), 29 मार्च 1981। मोदी ने अवश्य ही बहुत स्पष्ट रूप से आपको बताया होगा कि सहज योग में कैसे विकास किया जाए क्योंकि वह उनमें से एक हैं जिन्होंने अपने विकास को सुनिश्चित करने के लिए वास्तव में बहुत सकारात्मक कदम उठाये हैं। अब बोध के बारे में एक सरल बात समझनी होगी कि, केवल कुंडलिनी का जागरण पर्याप्त नहीं है, यह केवल शुरुआत है। आपको अपना बोध प्राप्त होता है लेकिन आपको वृक्ष बनना होगा, आपको विकसित होना होगा, आपको बनना होगा। यदि आप विकसित नहीं हो सकते हैं तो आपने वह हासिल नहीं किया है जो आप बनना चाहते थे। और ध्यान के साथ और ध्यान के बारे में समझ के साथ आप बहुत तेजी से बढ़ते हैं, बहुत तेजी से । अब हमारे पास जो कुछ बाधाएं हैं, उनमें से एक है, जिसे मैंने देखा है, जो सहज योग में ही निर्मित हैं। उनमें से एक यह है कि आप इसे इतनी आसानी से प्राप्त कर लेते हैं कि आप इसे हल्के में लेते हैं। यह इसके ढांचे में ही है, केवल सहज रूप से निर्मित। आप देखते हैं कि जो कुछ भी आपको इतनी आसानी से मिल जाता है आप उसे हल्के में लेते हैं। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि जब आपकी आंखें होती हैं तो आप अपनी आंखों की कीमत नहीं जानते, आप इसे हल्के में लेते हैं। लेकिन जब आपके पास नहीं होती हैं तो आप आंखों की कीमत जानते हैं, Read More …