Subconscious, Supraconscious and Our Correct Ideals Chelsham Road Ashram, London (England)
अवचेतन, अतिचेतन चेल्शम रोड, क्लैफम, लंदन (यूके) 24 मई 1981 …इन लोगों ने इसे देखा और सोचा वे एक तरह के पागल लोग हैं। ऐसी सभी प्रकार की संभावित बातें। और नया सिद्धांत यह है कि मन कुछ नहीं कर सकता। लोग कहते हैं कि बेहतर होगा कि आप कुछ ऐसा करें जो आपके मन के नियन्त्रण के बाहर हो, आप देखिए। लेकिन इसका एक आसान सा जवाब है; मैं कहती हूँ देखते हैं, सरल उत्तर क्या है? आइए देखते हैं। सहजयोगी… ब्रेन ट्रस्ट से? सरल उत्तर क्या है? देखिये, वे कहते हैं कि, मन सीमित है, ठीक है, तो मन जो कुछ भी करता है वह सीमित है। तो अगर कोई ऐसे प्रयास हों जिनके द्वारा आप हमारे मन पर नियंत्रण पा लेते हैं, तो हम जो कुछ भी करते हैं, वह मन की क्रिया है। तो अगर इस प्रकार का कुछ किया जाता है, तो यह स्वतःस्फूर्त होता है, उनके अनुसार “यह स्वतःस्फूर्त है!” तो किसी अन्य को यह करने दो। मेरा मतलब है कि यह कुछ कुछ इस प्रकार है जैसे कि परमात्मा आपके साथ कर रहा है।” आइए सभी बुद्धिजीवियों को नीचे रखें! आप इसका क्या जवाब देते हैं? क्या आपने सुना है कि लिंडा [विलियम्स (पियर्स)]? प्रश्न बहुत सरल है। प्रश्न यह है कि वे कह रहे थे कि मन सीमित है। ठीक है? नमस्कार। क्या मारिया यहाँ है? मैं उसके बारे में सोच रही थी। वह कहाँ हॆ? मैं उसे देख नहीं पा रही। नमस्कार! मैं आज तुम्हारे बारे में सोच रही थी, किसी Read More …