The Scientific Viewpoint Birmingham (England)
वैज्ञानिक दृष्टिकोण बर्मिंघम (यूके), 14 अगस्त 1981। बाला एक वैज्ञानिक हैं और उसकी तरह के अन्य लोग हैं जो विज्ञान से मोहित हैं। ऐसा लगता है कि पूरा आधुनिक विश्व विज्ञान से बहुत अधिक प्रभावित है। लेकिन एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण को एक बहुत ही खुले दिमाग वाला रवैया होना चाहिए जैसा कि उन्होंने आपको बताया है। हमें सबसे पहले अपने भीतर कुछ निष्कर्षों पर पहुंचना होगा। दूसरे आपको यह समझना होगा कि यदि आपके सामने कोई परिकल्पना रखी जाती है तो उसे पहले देखा जाना चाहिए, उस पर प्रयोग किया जाना चाहिए और फिर सिद्धांत के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। अब प्राचीन काल से, चाहे भारत में, इंग्लैंड में, अमेरिका में, यरुशलम में, कहीं भी, हम सर्वव्यापी शक्ति के बारे में सुनते आ रहे हैं, दूसरा जन्म या आत्म-साक्षात्कार, आत्मा साक्षात्कार, बपतिस्मा जैसा कि वे इसे कहते हैं। ये सब बातें जो हमने सुनी हैं, उन्हें सिद्ध करना है या उन्हें असत्य समझकर त्याग देना चाहिए। हम सत्य और असत्य दोनों को साथ साथ नहीं चला सकते। तो हमें यह पता लगाना होगा कि इन लोगों ने हमें जो भी बताया है, क्या यह पूरी तरह से झूठ था और ऐसा कुछ भी नहीं था, जो अस्तित्व में था। यह एक आसान तरीका है जिसमें कुछ लोगों ने यह कहकर खारिज कर दिया है कि कोई ईश्वर नहीं है, कोई दैवीय शक्ति नहीं है। यह सब बेकार चीजें हैं; हम उनकी ओर पीठ करके व्यर्थ ही नहीं जा रहे हैं। ऐसा करना बहुत आसान है। दूसरों ने आँख Read More …