Confusion and the ordinary householders Madras (भारत)

                भ्रांति और सामान्य गृहस्थ  सार्वजनिक कार्यक्रम दिवस 2 मद्रास (भारत), 7 दिसंबर 1991। मैं सत्य के सभी साधकों को नमन करती हूं। कल शुरुआत में ही मैंने आपसे कहा था कि सत्य वही है जो वह है। यदि हमें सत्य नहीं मिला है तो हमें उसके प्रति विनम्र और ईमानदार होना चाहिए, क्योंकि सत्य हमारी भलाई के लिए है, हमारे शहर, हमारे समाज, हमारे देश और पूरे ब्रह्मांड की भलाई के लिए है। यह एक बहुत ही खास समय है जब आप सभी पैदा हुए हैं, जहां लोगों को आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करना है। यह पुनरुत्थान का समय है जैसा कि बाइबिल में वर्णित है, यह कियामा का समय है जैसा कि मोहम्मद साहब ने वर्णित किया है। यह एक बहुत ही खास समय है जब नल, जैसा कि आप जानते हैं, नल दमयन्ती अख्यान – नल का सामना कली से हुआ था। वह कली पर बहुत क्रोधित हुआ और कहा कि “तुमने मेरे परिवार को नष्ट कर दिया है, तुमने मेरी शांति को नष्ट कर दिया है, और तुम लोगों को भ्रम में डाल देते हो, इसलिए मैं तुम्हें मार डालूंगा।” उन्होंने कली को चुनौती दी कि “तुम्हें हमेशा के लिए समाप्त कर देना चाहिए।” तब कली ने कहा, “ठीक है, मैं आपको अपना महात्म्य बता दूं। मैं आपको बताता हूं कि मुझे वहां क्यों होना चाहिए। अगर मैं तुम्हें समझा सका तो तुम मुझे मारने का इरादा बदल सकते हो, लेकिन अगर मैं नहीं कर पाता तो तुम मुझे मार सकते हो।” तो उसने कहा कि “आज वे सभी Read More …