Shri Ganesha Puja. Chindwara (India), 18 December 1993.
यहाँ के रहनेवाले लोग और बाहर से आये हुये जो हिन्दुस्थानी लोग यहाँ पर हैं, ये बड़ी मुझे खुशी की बात है, की हमारे रहते हुये भी हमारा जो जन्मस्थान है, उसका इतना माहात्म्य हो रहा है और उसके लिये इतने लोग यहाँ सात देशों से लोग आये हये हैं। तो ये जो आपका छिंदवाडा जो है, एक क्षेत्रस्थान हो जायेगा और यहाँ अनेक लोग आयेंगे , रहेंगे। और ये सब संत -साधु है, संत हो गये और संतों जैसा इनका जीवन है, कहीं विरक्ति है, कहीं ….. ( अस्पष्ट) है। कोई मतलब नहीं इनको। अपने घर में तो बहत रईसी में रहते हैं। यहाँ आ कर के वो किसी चीज़ की माँग नहीं और हर हालत में ये खुश रहते हैं। इसी तरह से सहजयोग के बहुत से योगी लोग आये हये हैं। अलग- अलग जगह से, मद्रास से आये हुये हैं और आप देख रहे हैं कि हैद्राबाद से आये हुये हैं। विशाखापट्टणम इतना दूर, वहाँ से भी लोग आये हुये हैं। बम्बई से आये हुये हैं, पुना से आये हुये हैं। दिल्ली से तो आये ही हैं बहुत सारे और लखनौ से आये हैं। हर जगह से यहाँ लोग आये हैं। पंजाब से भी आये हैं। इस प्रकार अपने देश से भी अनेक जगह | से लोग आये हये हैं। और यहाँ पूजा में सम्मिलित हैं। ये बड़ी अच्छी बात है कि सारा अपना देश एक भाव से एकत्रित हो जायें । बहुत हमारे यहाँ झगड़े और आफ़तें मची हुई हैं। इन सब से छुट्टी हो जायें और होना ही चाहिये । जब आप अपने अन्दर के धर्म को पहचानते हैं, तो आप जान लेते हैं कि आप सब एक हैं। हमारा कोई ऐसा मठ नहीं है और कोई ऐसा, जैसे गुरुओं के बड़े बड़े काफ़िले हैं, ऐसा कोई मामला नहीं है। हमारे यहाँ तो कोई भी मेंबर भी नहीं है । इसकी कोई संस्था नहीं, ऑर्गनाइझेशन नहीं, कुछ नहीं है। सब अपने आप सारे काम हये हैं। सारे देश की ऐसी स्थिति हो जायें, जहाँ लोग संत हो जायें , तो वहाँ पर कोई भी प्रश्न नहीं रहता । सारे प्रश्न हमारे देश के ऐसे छूट जायें। इन लोगों की गरीबी भी हट गयी और जो कुछ इनकी शिकायतें थीं, शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक वो सब ठीक हो गयी। और ये अनन्त चीज़ों से आशीर्वादित हैं । और ये हैरान है कि ये कैसे हो गया! बिल्कुल खास बात नहीं क्योंकि ये समय आया है। सब को होना है। छिंदवाडे में भी होना है, हर जगह होना है। और सब को इसका पूरी तरह से फ़ायदा होना चाहिये। यहाँ पर हमने सेंटर शुरू किया हुआ है। जो लोग छिंदवाडे के हैं वो लोग जरूर इस सेंटर में आयें और अपने को सम्मिलित करें, तो उनको आत्मसाक्षात्कार मिलना कोई मुश्किल नहीं है। एक क्षण में उनको मिल सकता है। जो कबीर ने कहा, जो नानक ने कहा, जो ईसा ने कहा, मोहम्मद ने कहा वो चीज़ आप हैं, ये टाइम आ गया है। इसका फ़ायदा उठाना चाहिये। खास कर के मेरा जन्म यहाँ हुआ है, तो आप लोगों के लिये विशेष बात ये है कि चैतन्य मुझे दिखायी देता है, सारे आकाश में चैतन्य जैसे फैला हुआ हो। तो इस चीज़ को आप समझने की कोशिश करें। और इसको पा लें। ये सब के लिये हैं। इसमें जात-पात कोई चीज़ का बंधन नहीं है । सब लोगों को ये आनन्द इस सृष्टि में मिलें। हमारा सब को अनन्त आशीर्वाद है!