Guru Nanaka Jayanti (भारत)

Guru Nanaka Jayanti “…They didn’t talk of Kundalini; that’s the only trouble. And they all, that time they were all fighting. Because of that fighting nature nobody had patience to tell them ‘baba, you don’t fight now’. because when there is fight going on you can’t talk to them. But with Sahaja Yoga.., Sahaja Yoga has given you a complete freedom.” Hindi: – “there were many true nice saints but nobody ever talked about the Kundalini, nobody talked. Every body talked about the self realization. But in you that Kundalini is seated.” “None of them talked about Kundalini. There had been very great gurus. Very great gurus. But that time every body was quarreling, nobody was listening. They were all fighting. So they never talked about ‘basic is the Kundalini’. See the trouble. All of this. They were not friendly with each other. This is the problem. That time they fought. They didn’t talk of Kundalini and self realization. They were all very evident but because of this gap the problem became wider and wider. None of them talked of Kundalini. Can you imagine! They say it is; some mentioned about it in the Sanskrit language but I have not seen, have you seen! So they all knew the same thing but they didn’t say. So, so many got separated and there was a big (drift/rift) within each other. Because the truth was; there is a Kundalini. And this one was not said critically….” Shri Mataji – “… She is Read More …

Diwali Puja, 1st Day, Dhanteras New Delhi (भारत)

Dhanteras Puja 27th October 2008 Date : Place Delhi : Type Puja : Speech Language Hindi ORIGINAL TRANSCRIPT HINDI TALK यह एक अद्भूत चीज़ है कि हमारे अन्दर बसी हुई शक्ति को हमने जगाया है और हम खोये रहते है हमारे अपने ही ने विचारों में। लेकिन हमारे अन्दर बहत शक्ति है और सब परमात्मा हमें ये शक्ति दी है। हम सब परमात्मा, परमात्मा कहते है पर सब ये जानते है कि वो हर जगह है, हर जगह रहते है, हर जगह वो देखते है। और हमारी हर एक बात को वो बहुत प्यार से देखते हैं। अब तुम लोग तो उनके दरबार में आ गये हो। यही मुझे कहना है कि मुझे बड़ा आनन्द आया कि इतने साल हो गये दिल्ली में सहजयोग बड़े जोरो में चला है। इसका मतलब ये है कि दिल्ली के लोगों में बड़ी श्रद्धा है और बहुत सामाजिक भी है। नहीं तो इतने और जगह में गयी हूँ, वहाँ इतना प्रचार हुआ फिर भी में ये नहीं कह सकती कि हर जगह इस कदर समझदारी लोगों में आयी। आप लोगों ने सहजयोग को पूरी तरह से समझना है और उसका आशीर्वाद आपके अधिकार की चीज़ है । आपने ‘सहज’ को समझा तो सहज आपको समझेगा । वो जानते हैं कि आप क्या है और आपकी क्या हैसियत है और आपको क्या देना चाहिए। अब मैं आपसे बताती हूँ ये एक बात कि बहुत साल पहले मैं आयी थी दिल्ली और दिल्ली में मैंने सोचा था कि यहाँ सहजयोग बहुत जम जाएगा | क्या वजह Read More …

Guru Puja, How To Become A Guru Campus, Cabella Ligure (Italy)

(कबैला लीगर(इटली), 20 जुलाई 2008) सभी सहजयोगियों के लिये आज का दिन बड़ा महान है क्योंकि आपका सहस्त्रार खोल दिया गया है, आप परमात्मा के अस्तित्व का अनुभव कर सकते हैं। ये कह देना कि परमात्मा है …. ये काफी नहीं है … और ये कहना भी कि परमात्मा हैं ही नहीं …ये भी सरासर गलत है और जिन लोगों ने ऐसा कहा है उन्हें इसके कारण बहुत कष्ट उठाने पड़े हैं। केवल आत्मसाक्षात्कार पाने के बाद ही आपको मालूम होता है कि परमात्मा हैं और उनके चैतन्य का अस्तित्व भी है। पूरे विश्व में ये बहुत बड़ी घटना है कि विराट का सहस्त्रार खोला गया। इसीलिये आज मैं कह रही हूं कि आपके लिये ये बहुत महान दिन है। आपमें से अनेकों ने अपने हाथों और सहस्त्रार पर ठंडी हवा का अनुभव किया है। सहजयोग में कुछ लोगों ने काफी प्रगति की है और कुछ ने बिल्कुल भी नहीं की है। कुछ अभी तक अपने पुराने कैचेज के साथ ही जिये जा रहे हैं। लेकिन अब मुझे कहना है कि आपमें से अनेक स्वयं के गुरू बन सकते हैं अर्थात शिक्षक और आपको एक गुरू की तरह ही व्यवहार करना चाहिये। गुरू की तरह से व्यवहार करने के लिये आपको सहजयोग को जानना होगा … इसके सिद्धांत और आपको इसके तौर तरीकों को पूर्णतया जानना होगा … तभी आप गुरू बन सकते हैं। आपके ऊपर ये एक बहुत बड़ा दायित्व है …… गुरू बनने के लिये आपके अंदर बहुत बड़ी समझ का होना आवश्यक है। इसके लिये आपके अंदर Read More …

Easter Puja: You must forgive The Pride Hotel, Nagpur (भारत)

ईस्टर  पूजा (आपको क्षमा करना ही चाहिए ), २००८  मैंने आशा नहीं की थी की आप सब यहाँ आएँगे पूजा के लिए | मुझे नहीं पता आप सब कैसे आ पाए | नहीं तो यह आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है हम सभी के लिए क्योंकि आपको पता है की क्राइस्ट कैसे मरे | उन्हें सूली पर चढ़ाया था | उन्हें क्रॉस पर चढ़ाया गया और फिर वो मर गए | उन्होंने आपके बारे में जिस तरह बताया वो वह कमाल की बात है | उन्होंने परमात्मा से क्षमाशीलता मांगी | हमे उनके जीवन से सीखना है की किस प्रकार सबको क्षमा करना |  हमे भी लोगों को क्षमा करना चाहिए | लोगों के लिए क्षमा करना बहुत कठिन प्रतीत होता है | और अगर वो  नाराज़ है तो वो नाराज़ है | वो क्षमा नहीं कर सकते | फिर आप सहज योगी नहीं है | सहज योगिओं ने क्षमा करना ही चाहिए | बहुत महत्वपूर्ण है | क्योंकि यही शक्ति है, जो आपको क्राइस्ट से मिली है, क्षमा की शक्ति | मनुष्य ग़लतियाँ करते है, वह उनके जीवन का हिस्सा है | पर उसी समय, सहज योगी होने के नाते आपको याद रखना है की आपको क्षमा करना है | वह कही ज़्यादा महत्वपूर्ण है, नाराज़ होने से | तो लोगों को उनकी किसी गलती के लिए, आपके मुताबिक या परमात्मा के मुताबिक, आपको क्षमा करना है | और आपको आश्चर्य होगा की क्षमाशीलता इतनी महान है, और संतुष्टि देने वाली आपकी विशेषता है | यदि आप लोगों को Read More …

Talk of the Evening Eve of Diwali (भारत)

Diwali Celebrations Date 10th November 2007: Noida Place Type Puja [Original transcript Hindi talk] हॅप्पी दिवाली ! आप सबको दिवाली मुबारक हो। ये तरह तरह के नृत्य को आपने देखा; इससे एक बात समझलो, कि ये जो भी थे जिन्होने ये लिखा, कहा, सब एक ही बात कह रहे हैं और सबसे बड़ी बात कौनसी कही कि परमात्मा एक है । उन्होनें अलग अलग अवतार लिए पर परमात्मा एक है । उनमें आपस में कोई झगड़ा नहीं और वो इस संसार में इसलिए आते हैं कि, दुष्टों का नाश करें । खराब लोगों को बर्बाद करे। और हो रहा है हर जगह । हर जगह मैं देखती हैँ, कि जो दुष्ट लोग हैं, वो सामने आ रहे हैं । और अब आप लोगों का भी यही काम है, कि जो दुष्ट हैं, जो परमात्मा के विरोध में काम करते हैं और पैसा कमाने के लिए कोई भी काम कर सकते हैं, वो सब नर्क में जाएंगे। हमको पता नहीं कितने नर्क हैं। अभी जिस माहौल में आप बैठे हैं, जिस जगह आप बैठे हैं, ये नर्क से परे है । इसका संबंध नर्क से कोई नहीं है। लेकिन आप इसमें रहकर | और अधर्म करें, गलत काम करें तो आप भी नर्क में जा सकते हैं। बहत तरह के न्क हैं और ये नर्क में जाने की 6. व्यवस्था भी बड़ी अच्छी है। क्योंकि वहाँ पर जानेवाले जानते नहीं कि हम कहाँ जा रहे हैं। और जो बच जाते हैं वो स्वर्ग चले जाते हैं। तो इस पृथ्वी तल पे Read More …

Makar Sankranti Puja House in Pratishthan, पुणे (भारत)

Hindi Talk आज का दिन पृथ्वी के उत्तर भाग में महत्त्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि सूर्य दक्षिण से उत्तर में आता है। इसलिये नहीं कि ये हम कर रहे हैं। हर साल एक ही तारीख जो कि सूर्य के ऊपर कार्य हम करते हैं,  तो हम लोग उसको क्यों इतना मानते हैं? क्या विशेष बात है कि सूर्य अगर उत्तर में आ गया, तो हम लोगों को उसमें इतनी खुशी क्यों? बात ये है कि सूर्य से ही हमारे सब कार्य जो हैं प्रणीत होते हैं। अँधेरे में, रात्रि में हम लोग निद्रावस्था में रहते हैं। लेकिन जब सूर्य उदित होता है, तो उसके बाद ही हमारे सारे कार्य चलते हैं। इसलिये इस कार्य को प्रभावित करने वाली जो चीज़ है वो है सूर्य। और वो क्योंकि हमारे कक्ष में आ जाती है, तो हम इसको बहुत मान्य करते हैं। सबसे बड़ी बात तो ये है कि बाकी सारे त्यौहार चंद्रमा पर आधारित होते हैं और सिर्फ यही एक त्यौहार ऐसा है, कि जो हम सूर्य के आधार पे  करते हैं। ऐसे हमारे यहाँ सूर्यनारायण की भी बहुत महती है और लोग सूर्यनारायण को मानते हुये गंगाजी पर जा कर नहाते हैंऔर अनेक तरह के अनुष्ठान करते हैं। पर सब से महत्त्वपूर्ण है यही एक दिन है। अब हम लोगों को ये तय करना पड़ता है, कि इस दिन क्या करना चाहिये? इस विशेष दिन को क्या कार्य करना चाहिये? सूर्य का नमस्कार हो गया, सूर्य को अर्घ्य दे दिया और सूर्य के प्रति अपनी कृतज्ञता हम लोगों ने संबोधित की। Read More …

Adi Shakti Puja: Be One With Yourself First Campus, Cabella Ligure (Italy)

[English to Hindi translation] परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी आदि शक्ति पूजा कबेला, इटली 6 जून, 2004 आज की सभा बहुत विशेष है। आज का दिन भी बहुत बहुत विशेष है, अत्यधिक विशेष और अत्यंत परमानंद पूर्ण। इसका कारण है कि यह बात करता है और गाता है, और बताता है उत्पन्न करने की प्रणाली, उत्पन्न करने की शक्ति, मूलरूप, आदि और आदिकालीन के बारे में और यही एक इस महान ब्रह्मांड की रचना के लिए उत्तरदाई हैं। यह क्यों शुरू हुआ और यह किस तरह कार्य करता है यह आप पहले से ही जानते हैं। मुझे बताने की आवश्यकता नहीं है। परंतु आज हमें उस शक्ति के बारे में बात करनी है जो आपके हृदयों में छुपी है जिसके द्वारा आप जो कुछ चाहे कर सकते हैं एक नए संसार, नए परिवार और नए मापदंडों की रचना के लिए, वह सब जो अभी तक अज्ञात है। यह काफी संभव है, काफी संभव है और यह किया जा रहा है। पर जो कठिन है वह है लोगों को अधिक अनुकूल बनाना, एक दूसरे से अधिक सामंजस्य बिठाना पूर्णत:। एक मुश्किल चीज लगती है। वे आपस में ठीक रहते हैं अगर उनके अपने मित्र हों, अपनी शैली हो और अपना सामान हो। लेकिन उन्हें पूर्णत: एक रूप बनाना एक दूसरे से एकरूप बनाना एक धुन में, एक पंक्ति में, बहुत बहुत कठिन है और यह करना भी नहीं चाहिए। यह होना नहीं चाहिए, वह ऐसे होने नहीं चाहिए, परंतु यह कार्यान्वित होना चाहिए। अब समस्या यह है कि हमारे पास Read More …

Sahasrara Puja: Continue To Live A Life of Reality Campus, Cabella Ligure (Italy)

  सहस्त्रार पूजा (सच्चाई का जीवन जिए), कबेला, इटली, ९ मई २००४  आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है हमारे जीवन में सहज योगिओं के नाते | आज का दिन वह है जब सहस्त्रार खुला था, जो की बहुत करिश्माई बात हुई | मैंने कभी आशा नहीं की थी की मेरे जीवनकाल में मैं  यह कर पाऊँगी | पर ऐसा हुआ | और आप में से कई लोगों का सहस्त्रार खुला | उसके बिना आप कभी नहीं जान पाते की सत्य क्या है | और आप उसका आनंद ले रहे है, उस स्थिति का जहाँ आप जानते है की सत्य क्या है |  यह बहुत बड़ा आशीर्वाद है की सहस्त्रार खुल गया था और आप सबको आपका आत्मसाक्षात्कार मिला | नहीं तो सभी बातें, बातें ही है | उनका कोई अर्थ नहीं, कोई समझ नहीं | इसलिए मेरी पहली चिंता थी सहस्त्रार को खोलना | वह हुआ और अच्छे से हुआ | और आप सबका सहस्त्रार खुल गया | यह एक उल्लेखनीय बात है | कोई विश्वास नहीं कर सकता की आप में से इतने सारे लोगों का सहस्त्रार खुला है | पर मैं अब देख सकती हूँ साफ़ रौशनी आपके सरों के ऊपर |  जो भी आपने पाया है, वह उल्लेखनीय है| इसमें कोई संदेह नहीं | इसका कारण है ईमानदारी से ढूंढना | आपने ईमानदारी से ढूंढा, इसलिए आपको मिला | मैंने कुछ नहीं किया | क्योंकि आप वहाँ कंदील के जैसे थे, मैंने केवल उसे जला दिया, बस | यह करना बहुत बड़ी बात नहीं है | जैसे Read More …

Birthday Puja New Delhi (भारत)

Birthday Puja, New Delhi (India), 21 March 2004. [Shri Mataji speaks in Hindi:] I thank you all for giving Me this welcome. With such great love and respect you all have given this programme, I don’t know how much I have to thank you all, I don’t understand. [Shri Mataji speaks in English:] I wanted to thank you all for giving Me such a hearty welcome to Me today. I don’t know what words to use to thank you. [Shri Mataji speaks in Hindi:] Today in every moment I am enjoying it. I am very happy, what can I say to you all, I don’t understand. Your love and respect is beyond my strength, beyond my expectation. I don’t understand why you are all embarrassing Me, I don’t know what I have done for you all, the thing which you all wanted to have, you have got it. I haven’t done anything for you all. [Shri Mataji speaks in English:] I was overjoyed to see the way you all welcomed and you are singing songs of happiness and joy. I don’t know how to express Myself because I’m Myself very happy and I don’t know what to say in your praise, where you have taken to Sahaja Yoga so easily and have assimilated it. Whatever it is, it’s a very mutual admiration society, I should say, that we are enjoying each other. May God bless you all with this happiness and joy and complete oneness with the Divine. Thank you Read More …

Mahashivaratri Puja पुणे (भारत)

Mahashivaratri Puja 15th February 2004 Date: Place Pune Type Puja [Original transcript Hindi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari] कठिन है। कल्याण’ माने हर तरह से साफल्य, हर तरह से प्लावित होना, हर तरह से अलंकृत होना। जब आशीर्वाद में कोई कहता है कि तुम्हारा “कल्याण” हो तो क्या होना चाहिए? क्या होता है? ये कल्याण क्या है? यह वही कल्याण है जिसको हम आत्मसाक्षात्कार’ कहते है। बगैर आत्मसाक्षात्कार के कल्याण नहीं हो सकता। उसकी समझ भी नहीं आ सकती और उसको आत्मसात भी नहीं किया र जा सकता। ये सब चीजें एक साथ कल्याणमय होती हैं और जिसकी वजह से मनुष्य अपने को अत्यन्त सुखी, अत्यन्त तेजस्वी समझता है। इस कल्याणमार्ग के लिए आपको जो करना पड़ा वो कर दिया, जो मेहनत करनी थी सो कर ली. जो विश्वास धरने थे वो धर लिए । लेकिन जब कल्याण का मार्ग अब मिल गया, जब आपको गुरु ने मन्त्र दे दिया कि आपका कल्याण हो जाए तो क्या ा क चीज घटित होगी? आपके अन्दर सबसे बड़ी चीज समाधान। इसके वाद कुछ खोजना नहीं। अब आप स्वयं भी गुरु हो गए अब आपको कुछ विशेष प्राप्त होने वाला नहीं है। किन्तु इस समाधान का जो आशीर्वाद है उसको आप महसूस कर सकेंगे उसको आप जान सकेंगे और उसमें आज हम लोग यहाँ गुरु की पूजा करने के आप रममाण हो सकेंगे पहले तो देखिए, सबसे लिए उपस्थित हुए हैं। गुरु को सारे देवताओं से, बड़ी चीज है शारीरिक-शारीरिक तकलीफें, शारीरिक देवियों से ऊँचा माना जाता है। वास्तविक ये गुरु दुर्बलता Read More …

Christmas Puja Ganapatipule (भारत)

Christmas Puja IS Date 25th December 2003: Ganapatipule Place: Type Puja [Original transcript Hindi talk] ईसामसीह की आज जन्मतारीख है और हम लोग बहुत खुशी से मना रहे हैं। किंतु जीझस क्राइस्ट को कितनी तकलीफें हुईं वो भी हम लोग जानते हैं और जो तकलीफें, परेशानियाँ उनको हुई वो हम लोगों को नहीं हो सकती क्योंकि अब समाज बदल गया है, दुनिया बदल गयी है और इस बदली हुई दुनिया में आध्यात्मिक जीवन बहुत महत्त्वपूर्ण है। इससे कितने क्लेश हमारे दूर हो सकते हैं। हमारे शारीरिक क्लेश अध्यात्म से खत्म हो सकते हैं। मानसिक क्लेश अध्यात्म से खत्म हो सकते हैं। इसके अलावा जागतिक जो | क्लेश हैं वो भी खत्म हो सकते हैं। इस तरह सारी दुनिया की जिंदगी जो है अध्यात्म में पनप सकती है। कितना महत्त्वपूर्ण है ये जानना की एक तरफ तो ईसामसीह जैसा अध्यात्म का…. और दूसरी तरफ हम लोग जिन्होंने अध्यात्म को थोडा बहुत पाया है और हम लोगों की वजह से दुनिया शांत हो गयी। बहुत सी तकलीफें दूर हो गयी है और मनुष्य जान गया कि उसके लिये सबसे बड़ी चीज़ है अध्यात्म को पाना । ये आप लोगों की जिंदगी से उसने जाना है। आपको देख कर उसने जाना है। ये सारा परिवर्तन आप लोगों की वजह से आया। हम अकेले क्या कर | सकते थे? जैसे ईसामसीह वैसे हम। हम कितना कर सकते थे । लेकिन इतने आप लोगों ने जब अध्यात्म को प्राप्त कर लिया है, तब देख सकते हैं कि दुनिया कितनी बदल गयी है। आपके प्रभाव से Read More …

Diwali Puja: The Need for Sincerity Los Angeles (United States)

                                                    दीवाली पूजा  लॉस एंजिल्स (यूएसए), 9 नवंबर 2003 आज दीपावली का महान दिन है। इसका मतलब है कि आज दुनिया को एक उचित दिशा में ले जाने के लिए एक बड़ा प्रकाश बनाने के लिए प्रकाश, अपने दिलों के प्रकाश को एक साथ शामिल करने का महान दिन है। यह बहुत खुशी का दिन है, और इसमें शामिल होने वाले भी बहुत आनंद फैला रहे हैं। लेकिन समस्याएं हैं, जैसा कि वे कहते हैं, लेकिन हमारे लिए कोई समस्या नहीं है क्योंकि अंधकार नहीं है, हम कहीं भी अंधकार नहीं देखते है, हमें प्रकाश, प्रकाश और प्रकाश ही दिखाई देता है। फिर किस चीज की कमी है, जो गुम है वह है हमारी निष्ठा। हमें स्वयं के प्रति बहुत ईमानदार होना होगा, क्योंकि यह केवल उधार लिया हुआ प्रेम या उधार का आनंद नहीं है, बल्कि यह स्रोत के भीतर से है, यह प्रवाहित है, बह रहा है और बह रहा है। तो उसे जगाना है, और वह प्रेम बहना चाहिए, और हमारी छोटी-छोटी क्षुद्र चीजें जैसे ईर्ष्या और प्रतिस्पर्धा और वे सभी ख़राब करने वाली चीजें हैं, उन्हें स्वच्छ करना चाहिए। और अगर आपका दिल प्यार से भरा है तो इसे धोया जा सकता है। आज का दिन प्रेम, प्रेम का प्रकाश फैलाने का है, जिससे हर कोई प्रबुद्ध और प्रसन्न महसूस करता है और इन छोटी-छोटी समस्याओं को भूल जाता है। मुझे खुशी है कि आपको कोई हॉल मिल गया है, यह सब भाग्य है कि हमें मिल गया, लोग हॉल पाने के लिए बहुत चिंतित थे। लेकिन Read More …

Shri Ganesha Puja: They Are All Incarnations Campus, Cabella Ligure (Italy)

Ganesh Puja 13 September 2003, cabella , italy अब हम नन्हें बच्चों के सम्मुख हैं। यही बच्चे अवतरण हैं। यही (बच्चे) उत्थान प्राप्ति में, मानव जाति का नेतृत्व करेंगे। मानवता की देखभाल की जानी चाहिए। बच्चे कल की मानव जाति हैं और हम आज के हैं। अनुसरण करने के लिए हम, उन्हें क्या दे रहे हैं? उनके जीवन का लक्ष्य क्या है? ये कहना अत्यन्त-अत्यन्त कठिन है परन्तु सहज योग से वे सभी मर्यादित ढंग से चलेंगे,वे मर्यादित व्यवहार करेंगे। बहुसंख्या में सहजयोगी बनने से, सभी कुछ भिन्न हो जाएगा। परन्तु बड़े सहजयोगियों का ये कर्तव्य है कि उनकी देखभाल करें, उनका चारित्रिक स्तर बेहतर हो, उनके जीवन बेहतर हों ताकि वे आपके जीवन का अनुसरण करके वास्तव में अच्छे सहजयोगी बन सकें। ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी है । सम्भवतः हमें इसका एहसास नहीं है। इस बात को हम नहीं समझते, परन्तु ये सभी नन्हें शिशु महान आत्माओं की प्रतिमूर्ति हैं और इनका पालन पोषण भी उन्हीं के रूप में किया जाना चाहिए। वैसे ही इनका सम्मान होना चाहिए और अत्यन्त सावधानी से इन्हें प्रेम किया जाना चाहिए। यह  बात समझ लेनी आवश्यक है। हमारे बड़ी आयु के लोगों की समस्या ये है कि हम बच्चों को ध्यान देने योग्य, परवाह करने योग्य और उन्हें समझने योग्य नहीं मानते, हम सोचते हैं कि हम स्वयं बहुत अधिक विवेकशील एवं बहुत अच्छे हैं तथा हमें अपनी शक्ति इन छोटे बच्चों पर नष्ट नहीं करनी चाहिए।  बड़ी आयु के लोगों के साथ ये कठिनाई है। परन्तु, आज जब हम यहां बैठे हुए Read More …

Shri Krishna Puja पुणे (भारत)

Hindi Transcript of Shri Krishna Puja. Pune (India), 9 August 2003. हम लोगों को अब यह सोचना है कि सहजयोग तो बहुत फैल गया और किनारे किनारे पर भी लोग सहजयोग को बहुत मानते हैं। लेकिन जब तक अपने अन्दर सहजयोग वायवास्तीह रूप से प्रकटित नहीं होगा तब तक जैसा लोग सहजयोग को मानते हैं वो मानेगें नहीं। इसलिए ज़रूरत है कि हम कोशिश करें कि अपने अन्दर झांकें। यही कृष्ण का चरित्र है कि हम अपने अन्दर झांके और देखें जाने की कौन सी ऐसी चीजे हैं जो हमें दुविधा में डाल देती हैं। इसका पता लगाना चाहिए। हमें अपने तरफ देखना चाहिए, अपने अन्दर देखना चाहिए और वो कोई कठिन बात नहीं है जब हम अपनी शक्ल देखना चाहते हैं तो हम शीशे में देखते हैं। उसी प्रकार जब हमें अपनी आत्मा के दर्शन करने होते हैं तो हमें देखना चाहिए हमारे अन्दर ,वो कैसे देखा जाता है । बहुत से सहजयोगियों ने कहा माँ यह कैसे देखा कर जायेगा कि हमारे अन्दर क्या है, और हम कैसे हैं? उसके लिए ज़रूरी है कि मनुष्य पहले स्वयं की और नम्र हो जाए क्योंकि अगर आपमें नम्रता नहीं होगी तो आप अपने ही विचार लेकर बैठे रहेंगे। कृष्ण के जीवन में पहले दिखाया गया कि एक छोटे लड़के के जैसे वो थे बिलकुल जैसा शिशु होता है बिलकुल ही अज्ञानी वो इसी तरह थे , वो अपने को कुछ समझते नहीं थे | उनकी माँ थी एक और वो अपनी माँ के सहारे वो बढ़ना चाहते थे। इसी प्रकार Read More …

Adi Shakti Puja: We are the singers of Shri Mataji Campus, Cabella Ligure (Italy)

आदिशक्ति पूजा ,कबेला , लीगुरे , १५ जून २००३ छोटी पूजा के बाद बड़े ही उत्साह के साथ गोंडरी भजन गाया गया । अंत में , श्रीमाताजी ने कहा: मैं बहुत प्रसन्न हूँ, आप सभी यहाँ पर हैं, गोदड़ी के गीत गा रहे हैं। शायद, आपको अर्थ नहीं पता। अर्थात् हम श्रीमाताजी के गायक हैं।और वे गीत गाये गए हैं, लोगों द्वारा, जो ग्रामवासी हैं। और वे गीत गा रहे हैं कि हम गा रहे हैं, अपनी माता के गीत, उनके प्रति अपने सम्पूर्ण प्रेम के साथ। और वह सब गायन आप तक पहुँच गया है। बहुत-बहुत खुशी की बात है, मेरे लिए। क्योंकि वे केवल सामान्य ग्रामवासी हैं। और कैसे आपने चयन कर लिया, ऐसा अच्छा भाव, और गीत उनमें से।  परमात्मा आपको आशीर्वादित करे। आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

Inauguration of Vishwa Nirmal (भारत)

Udghatan – Vishwa Nirmala Prem Ashram Date 27th March 2003 : Noida Place : Seminar & Meeting Type [Original transcript Hindi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari]  अपने देश में जो अनेक प्रश्न हैं, उसमें सबसें बड़ा प्रश्न है कि यहां पर औरतों को और आदमियों को अलग-अलग तरीके से देखा जाता है। पता नहीं ये कैसे आया, क्योंकि अपने शास्त्रों में तो लिखा नहीं है। कहते हैं शास्त्रों में कि: यत्र पूज्यन्ते नार्या, नारियां जहां पूजनीय होती है तत्र रमन्ते देवता।  तो पता नहीं कैसे हमारे देश में इस तरह की स्थिति सम्पन्न हुई है, जिससे औरतों के प्रति कोई भी आदर नहीं है। विशेषतः मेरा विवाह यू.पी. में हुआ और मैं देखकर हैरान हुई कि यू.पी. में घरेलू औरतों का कोई स्थान ही नहीं है। उनमें और नौकरानियों में कोई फर्क ही नहीं है। ये इस प्रकार क्यों हुआ, और क्यों हो रहा है?  क्योंकि लोग उस ओर जागृत नहीं हैं और कभी-कभी देख कर के तो रोना आता है। जिस तरह से औरतों को छला है, घर से निकाल दिया, कोई वजह नहीं है, यूही घर से निकाल दिया। और ऐसे बहुत सारे हमने जीवन में अनुभव लिए और जिसकी वजह से अत्यन्त व्यथित हो गए। समझ में नहीं आता था कि इस तरह से क्यों औरतों को सताया जा रहा है और इनके रहने की भी व्यवस्था नहीं है। जब घर से निकल गई तो उनको देखने वाला भी कोई नहीं है। बाल बच्चे ले करके निकल आएंगी बेचारी। वो लोग तो हैं निराश्रित पर बच्चों को भी विल्कुल बुरी तरह से निकाल देते हैं। ये अपने यहाँ की व्यवस्था किस तरह से बंदल सकती है, इसका कोई इलाज है या नहीं?     Read More …

Public Program New Delhi (भारत)

Sahaja Yogi – Ek Adarsh Hindustani   Date: March 24, 2003   Place Delhi    Type: Public Program   आप लोगों का ये हार्दिक स्वागत देख करके हृदय आनंद से भर आता है और समझ में नहीं आ रहा है कि क्या कहूँ और क्या न कहूँ। आप न जाने कितनी जगह बैठे हैं,  मैं तब से देख रही हूँ कि कहाँ-कहाँ सब लोग बैठे हैं। शायद इस स्टेडियम में मैं पहली मर्तबा आयी हूँ और आप लोग इतने बिखरे-बिखरे बैठे हैं।  आपसे आज के मौके पर क्या कहना चाहिए और क्या बताना चाहिए, ये ही समझ में नहीं आता है कि आप लोग अधिकतर सहजयोगी हैं। और जो नहीं भी हैं वो भी हो ही जायेंगे, हर बार ऐसा ही होता है। जीवन में सहजयोग प्राप्त होना एक जमाने में बड़ी कठिन चीज थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब तो बहुत सहज में ही आपकी कुण्डलिनी जागृत हो सकती है। और सहज में ही आप उस स्थान को प्राप्त कर सकते हैं जो कहा जाता है कि आप ही के अन्दर आत्मा का वास है। और आप ही के अंदर वो चमत्कार होना चाहिए जिससे आपको अपने आत्मा से परिचित किया जा सके। ये चीज़ एक जमाने में बड़ी कठिन थी। हजारों वर्षों की तपस्चर्या जंगलों में घूमना, ऋषियों-मुनियों की सेवा उसके फलस्वरूप कुछ लोग, बहुत कुछ लोग, इसे प्राप्त करते थे। पर आजकल ऐसा ज़माना आ गया है कि गर मनुष्य को ये गति नहीं मिली तो न जाने वो किस ठौर उतरेगा, उसका क्या हाल होगा?  शायद इसीलिए इस कलियुग में भी ये सहजयोग इतना गतिमान है। इसमें तो आप लोगों का भी योगदान है। हजारों सहजयोगी हो गए हैं और सब लोग आपको खुद पार करा सकते हैं। ये कितना बड़ा कार्य हो गया है, क्योंकि मेरे अकेले के बस का इतना था क्या?  लेकिन इसको संवारा है आपने, इसको उठाया है आपने और इसके लिए मेहनत की है आपने।  मैं आपको कितना धन्यवाद दूँ ये मैं नहीं समझ पाती। कितनी बड़ी Read More …

Birthday Puja New Delhi (भारत)

80th Birthday Puja Date 21st March 2003: Place New Delhi: Type Puja [Original transcript Hindi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari] सारे सहज योगियों को हमारे ओर से अनन्त आशीर्वाद । इतने बड़े तादाद में आप लोग आज यहां पर हमारा जन्मदिवस मनाने के लिए पधारे। मैं किस तरह से आपको धन्यवाद दूं? मेरी तो समझ में नहीं आता है! बाहर से भी इतने लोग आये हैं और अपने भी देश के इतने यहाँ सम्मिलित हुए । ये देखकर के हृदय भर आता है। न जाने हमने ऐसा कौन सा अद्भुत कार्य किया है जो आप लोग हमारा जन्म दिन मनाने के लिए यहाँ एकत्रित हुए हैं। आप लोगों का हृदय भी बहुत विशाल है कि आपने आज के दिन इतने दूरस्थ स्थित जगह पर आकर के हमें सम्मानित किया हमारे पास तो शब्द ही नहीं हैं कि आप लोगों से बताया जाए कि इससे हम कितने आनन्द से पुलकित हो गए! ন हिन्दी प्रवचन : सहज सरल बात जो है बो सहजयोग है आज मैंने अंग्रेजी में इन लोगों को बताया और इसके लिए सब लोग तैयार हैं। आप और आपको बताने की ज़रूरत नहीं क्योंकि कहीं भी जाएं, कोई देहात में जाएं, शहर में इस देश में तो सब लोग जानते ही हैं कि जाएं. हर जगह सहजयोग के लिए उपयुक्त आध्यात्मिक जीवन कितना महत्वपूर्ण है और है। इसलिए मैं चाहती हूँ कि आप लोग और लोग चाहते हैं कि आध्यात्म में उत्थान हो। पूरी तरह से कोशिश करें और अगले साल लोग प्रयत्नशील हैं। कोई हिमालय में Read More …

Mahashivaratri Puja पुणे (भारत)

[Original transcript Hindi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari] Translation  अंग्रेजी प्रवचन – अनुवादित आज हम श्री शिव-सदाशिव की पूजा करेंगे। उनका गुण यह है कि वे क्षमा की मूर्ति हैं। उनकी क्षमाशीलता क्षमा के गुण के कारण ही हम आज जीवित हैं, अन्यथा ये विश्व नष्ट हो गया होता। बहुत से लोग खत्म हो गए होते क्योंकि मानव की स्थिति को तो आप जानते ही हैं। मनुष्य की समझ में ही नहीं आता कि उचित क्या है और अनुचित क्या है। इसके अतिरिक्त वे क्षमा भी नहीं कर पाते। गलतियों पर गलतियाँ करते चले जाते हैं। परन्तु वो अन्य लोगों को क्षमा नहीं कर सकते। इसलिए हम लोगों को यही गुण श्री शिव-सदाशिव से सीखना हैं। Transcription   हिन्दी प्रवचन  आज हम लोग श्री सदाशिव की पूजा करने वाले हैं। इनका विशेष स्वभाव यह है कि इनकी क्षमाशीलता इतनी ज्यादा है कि उससे कोई इन्सान मुकाबला नहीं कर सकता। हर हमारी गलतियों को वो, माफ करेंगे। वो अगर न करते तो ये दुनिया खत्म हो सकती थी।  क्योंकि उनके अन्दर वो भी शक्ति है जिससे वो इस सृष्टि को नष्ट कर सकते हैं। इतने क्षमाशील होते हुए भी ये शक्ति उनके यहां जागृत है और बढ़ती ही रहती है। इसी शक्ति से जिससे वो क्षमा करते हैं। उसी परिपाक से या कहना चाहिए अतिशयता से फिर वो इस संसार को नष्ट भी कर सकते हैं।  तो पहले तो हमें उनकी क्षमाशीलता सीखनी चाहिए। छोटी-छोटी चीजों को लेकर के हम झगड़ा करते हैं छोटी-छोटी बातों पर हम झगड़ा करते हैं। पर Read More …

Inauguration of Vaitarna Music Academy (भारत)

English Transcript Inauguration speech for the opening of the new Music Academy (transcr. only English part). Vaitarna (India), 1 January 2003. I’m sorry I spoke in Hindi language, because to talk about My father in any other language is very difficult, though he was a master of English language and he used to read a lot. He had a big library of his own where I also learned English, because my medium of instruction was Marathi. I’d never studied Hindi or English. But because of his library, because I was very fond of reading, I picked up English, whatever it is, and also Hindi. Now they all say I speak very good English and very good Hindi, I am surprised, because to Me they were foreign languages. And when I did my matriculation also, I had a very small book of English, and for inter-science also I had a very small book. And in the medical college of course there was no question of any language, but because I used to read a lot. So I would suggest to all of you to read, read more. But don’t read nonsensical books, very good famous books you must read. That’s how I developed my language, and I had to do so well. By reading that, I could know also so much about the human failings. I didn’t know human beings have those failings, I didn’t know. I was absolutely beyond them. After reading everything, I came to know that there are Read More …

New Year’s Eve Puja (भारत)

New Year Puja Date 31st December 2002: Place Vaitarna: Type Puja Speech [Hindi translation from Marathi and English talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari] इतनी बड़ी संख्या में कार्यक्रम के लिए बुद्धिमान तथा विद्वान व्यक्ति थे परन्तु आए आप सब लोगों को देखकर मैं बहुत उन्होंने सर्वसाधारण लोगों की ओर ध्यान प्रसन्न हू। वास्तव में मैंने ये जमीन 25 वर्ष दिया, उनकी देखभाल की और उनमें संगीत पहले खरीदी थी। परन्तु इस पर मैं कुछ न कला को बढ़ावा दिया। इसी विचार के साथ कर सकी क्योंकि इस पर बहुत सारी मैंने निर्णय किया कि कला और संगीत के आपत्तियाँ थीं, आदि-आदि। परन्तु किसी तरह से मैंने इसकी योजना बनाई और अब प्रचार-प्रसार के उनके लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मैं ये स्थान समर्पित कर दूं। ये देखकर मुझे प्रसन्नता हो रही है कि मेरा ये विचार फलीभूत हो गया है काश कि आप लोगों कि इतनी कठिनाइयों का सामना करने को प्रसन्न करने के लिए आज मेरा भाई भी के पश्चात् आज मेरे सम्मुख मेरी पूजा के यहां होता! वो अत्यन्त प्रेम एवं करुणामय व्यक्ति था। मैंने देखा कि वो कभी किसी से नाराज़ नहीं हुए। सदा उन्होंने सभी लोगों यहां पर मुझे अपने भाई बाबा की याद की बहुत अच्छी तस्वीर मेरे सम्मुख पेश की। आती है जिन्होंने भारतीय संगीत, शास्त्रीय परन्तु इस विषय में कोई भी क्या कर सकता ये सब कार्यान्वित हो गया है। आप सब लोगों को यहां देखकर मुझे प्रसन्नता हो रही है कार्यक्रम में भाग लेने के लिए इतने सारे सहजयोगी उपस्थित हैं Read More …

Christmas Puja Ganapatipule (भारत)

Christmas Puja, Ganapatipule (India), 25 December 2002. Merry Christmas to you all. According to Sahaja Yoga, Christ is settled on your Agnya Chakra. His whole life is depicting the qualities of a person who is a realised soul. What He has suggested in His own life is that you should not have any greed or lust. The way these days people are greedy all over the world is really shocking. Right from the childhood, our children also learn to ask for this or ask for that; only complete satisfaction in life can give you that equanimity, that balance by which you do not hanker after things. These days even India has become very much westernised in the sense they are also very much wanting to have this and that. Actually, now in America suddenly, with this happening, people are getting to spirituality. They come to spirituality because they think they have not found any satisfaction anywhere. But we have to see from His life, the great life of Christ. First He was born in a small little hut, as you saw many of them when you come round. Very much satisfied. And He was put in a cradle which was all covered with dry, very dry grass. Can you imagine? And then He sacrificed His life on the cross. Whole thing is a story of a sacrifice. Because He had a power, power of Spirit, that He could sacrifice anything, even sacrifice His own life, so you can understand the Read More …

Devi Puja: The heart is closed, which has to open out Ealing Ashram, London (England)

देवी पूजा (हृदय बंद है जिसे खुलना चाहिए), लंदन(इंग्लैंड), ३० अगस्त २००२  मै नहीं जानती क्या कहूँ (हॅसते हुए)| आप इस घर में रह रहे है अब, और ये बहुत अच्छा था क्योंकि सहज योगी यहाँ रहते थे और उन्होंने मेरे यहाँ वास का आनंद लिया| पर हमें बदलना है और प्रगति करना है| यही बात है| हर बदलाव के साथ आपको प्रगति करनी ही चाहिए, नहीं तो उसका कोई अर्थ नहीं| उस बदलाव का कोई अर्थ नहीं| तो अब वो सोच रहे है की मुझे इस घर में रहना चाहिए| मुझे लगता है यह अच्छा विचार है|  डेरेक ली: (बहुत अच्छी खबर है हमारे लिए माँ)  श्री माताजी, हम आपका शुक्रियादा अदा करना चाहेंगे| यहाँ एलिंग में आकर रहने के लिए, इस घर में इतने लम्बे समय तक| और हम जानते है, की इस घर से सभी प्रकार के आशीर्वाद हमारे लिए आये है | और मै कहना चाहता था, की वह प्रतीकात्मक था श्री माताजी | जब आप यहाँ आये, यह घर पूरी तरह ख़राब और नष्ट हो रहा था | और अब आपने उसे बनाया, उसे पुनः नया तैयार करवाया, बनवाया, एक महल के रूप में, जो यह अभी है| और हम आशा करते है श्री माताजी की आप ऐसा ही आश्चर्यजनक और खूबसूरत बदलाव पा सकते है हमारे साथ, क्योंकि  यह प्रतीकात्मक है (हँसते हुए)|  श्री माताजी: पर क्या मैंने वह नहीं किया? मैंने पहले ही किया है| आप देखे, ये आपकी करनी है| आपने स्वीकार किया, जिससे कार्य हुआ| और मुझे कहना चाहिए की बहुत Read More …

Guru Purnima Puja: What is our duty? Campus, Cabella Ligure (Italy)

गुरु पूर्णिमा पूजा, कबेला लिगुरे (इटली), 24 जुलाई 2002 यह बहुत ही रोचक है कि जिस तरीक़े से आपने पता लगाया कि, आज असली गुरु पूर्णिमा है। पूर्णिमा वह दिन है जब चंद्रमा पूर्ण होता है। मुझे यह पता था, लेकिन सहजयोगियों के लिए हमें शनिवार, रविवार, सोमवार – शुक्रवार, शनिवार, रविवार की व्यवस्था करनी होती है। चाहे वह तारीख़ पर हो या ना हो, हमें इसकी व्यवस्था करनी होती है । तो उस मामले में, यह इस समय दो दिन पहले था शायद, हमने व्यवस्था की, ठीक है  इससे कोई अन्तर नहीं पड़ता। आख़िरकार, चंद्रमा हमारे लिए है और हम चंद्रमा के लिए हैं, इसलिए यह कुछ ऐसी चीज़ नहीं हो सकती है जो इसमें बहुत ग़लत होगी। गुरु सिद्धांत के बारे में मैं आपको पहले ही बहुत बता चुकी हूँ। गुरु सिद्धांत में, हमने इस पृथ्वी पर आए लोगों को देखा है। वे सब अधिकतर  जन्मजात साक्षात्कारी थे, वास्तव में, और उन्होंने कभी  साक्षात्कार नहीं दिया किसी को –  एक बहुत बड़ा अंतर है। वे सब  जन्मे थे साक्षात्कारी  आत्माओं की भाँति  और वे सूफ़ी हो गए और उन्हें अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है किन्तु उन्हें साक्षात्कार नहीं दिया गया, उनके पास था, और उनके आत्म- साक्षात्कार के कारण, जैसा कि उनके पास था, उनके पास इतना ज्ञान है और वही जो उन्होंने प्रयास किया लोगों को देने का । वे चक्रों के बारे में सब कुछ जानते थे, वे जानते थे,  उनके पिछले जीवन की उपलब्धियों के कारण वे जानते थे , शायद उनमें से कुछ Read More …

Guru Puja: The Advice Campus, Cabella Ligure (Italy)

गुरु पूजा , कबेला , इटली – २१ जुलाई ,२००२ तालिओं की जोरदार गड़गड़ाहट… भारत में वो सब मानसून की राह देख रहे थे, और वो बहुत परेशान थे क्योंकि बारिश नहीं आयी | तो मै बरसात को बंधन दे रही थी, और वो यहां आ गई(तालियां बजने लगी और माँ हंसने लगी)|  और अब टेलीविजन पर बताया है, की भारत में भी बरसात होने वाली है | पर पहले इटली में ! (हँसी) मुझे बताया गया था की इटली में आपको बरसात  की बहुत आवश्यकता थी| और पहली बरसात जो आपने पाई कुछ दिन पहले और अब ये दूसरी बरसात है| क्योंकि हमारे किसानों की परेशानियों की समझ यहाँ है|  और जो बरसात है, आप देखे, इतनी दयालू है, की वो सही समय पर बरसती है| मै आश्चर्यचकित हूँ उसकी तुरंत गतिविधि पर और उसकी आज्ञाकारिता पर|  आज का दिन बहुत बड़ा है, हम सभी के लिए क्योंकि हम गुरु पूजा मना रहे है|और सभी बड़े गुरुओं को याद कर रहे है, जो इस धरती पर आये संसार को सत्य के बारे में सिखाने के लिए | बहुत सारे थे ऐसे संत| और उन्होंने पूरी तरह से प्रयत्न किया मानव जाति को समझाने का, की अध्यात्म क्या है | पर यह ऐसी विषमता है की लोग कभी नहीं समझ पाए की अध्यात्म सबसे महत्वपूर्ण है जिसकी हमें ज़रूरत है| की हमे देवी शक्ति से एकरूप होना चाहिए| उनका सब परिश्रम गलत दिशा में था | पहले वो निश्चित ही बहुत होशियार थे, जानवरों से ज्यादा, और ढूंढ़ने लगे, सत्य Read More …

Adi Shakti Puja: Use Your Right Side For Giving Realization Campus, Cabella Ligure (Italy)

श्री आदि शक्ति पूजा, काबेला लिगुरे इटली, 2002 यह एक अलग दिन है, पूर्ण रूप से, आप सब के लिए क्योंकि यह पूजा है आदिशक्ति की और आदिशक्ति एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व है। यह केवल बायाँ पक्ष नहीं  है जिसे आप जानते हैं। आप सभी केवल बायाँ पक्ष जानते हैं, श्री गणेश से, भिन्न-भिन्न चक्रों  के उत्थान से बायीँ नाड़ी में। मैं आपको बताना नहीं चाहती थी दाएँ पक्ष के बारे में, शुरुआत में, क्योंकि जो लोग दाएँ पक्ष से गुजरे हैं, वे बस खो गए। उन्हें गायत्री मंत्र मिला ग्रन्थों से, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि यह किस बारे में है, वे बस इसे रटते थे। वे इसका वास्तविक अर्थ भी नहीं जानते थे, और इसी तरह वे चले गए दाहिनी ओर और, मुझे नहीं पता, वे अटक गए आज्ञा पर; और फिर वे प्रयास कर रहे थे आत्म-साक्षात्कार के लिए। उन्हें भरोसा दिया गया था कि यदि आपने यह दायाँ पक्ष सही से किया तो आप पहुँच जायेंगे अंतिम लक्ष्य तक आत्म साक्षात्कार के। परन्तु उनमे से कोई भी वहां नहीं पहुँचा। उनमें से अधिकांश भयानक क्रोध में आ गए, भयानक क्रोध दूसरों को श्रापित करने का, दूसरों को नष्ट करने का। यह सारी बातें उन्होंने सीखीं अपने दाएँ पक्षीय आंदोलन से। कुण्डलिनी की जागृति नहीं थी, और उन्हें पहुँचाया गया ज़्यादा से ज़्यादा आज्ञा चक्र तक, और फिर उनका पतन हो गया पूर्ण अज्ञानता के भिन्न स्थानों में। ये सारी पुस्तकें लिखी गयी थीं बिना समझ के कि दाएँ पक्ष से हो कर जाना सरल नहीं है Read More …

Sahasrara Puja: Watch Yourself Campus, Cabella Ligure (Italy)

Sahasrara Puja Talk Cabella, Italy 2002-05-05  आज एक बहुत महान दिवस है, मुझे कहना चाहिए, सहस्रार मनाने के लिए, सहस्रार की पूजा। यह बहुत ही अद्वितीय बात है, जो घटित हुई है, कि आपके सहस्रार खोले गए। ऐसे कुछ बहुत ही कम लोग थे, इस पूरे विश्व में। उसमें कुछ सूफ़ी थे, कुछ संत थे। उसमें कुछ और लोग भी थे चीन इत्यादि में। परन्तु बहुत कम, बहुत कम अपने सहस्रार खोल पाए। इसलिए जो कुछ भी उन्होंने कहा, या लिखा, वह कभी लोगों द्वारा समझा नहीं गया। उन्होंने वास्तव में उन्हें सताया। उन्होंने उन्हें क्रूस पर चढ़ाया। और सभी प्रकार की भयानक चीज़ें कीं, क्योंकि वे सहन नहीं कर सकते थे, कि किसी को यह आत्मसाक्षात्कार मिला रहा है। इसलिए, यह बहुत ही महान दिवस है, क्योंकि सामूहिक रूप से यह सहस्रार खोला गया है। आप में से हर एक को यह मिल गया है। साथ ही विश्व भर में, आपके यहाँ कई लोग हैं जिन्होंने अपने सहस्रार खोले हैं। निश्चित रूप से, हमें और भी अधिक की आवश्यकता है, उन्हें समझाने के लिए, कि क्या है यह महान घटना, सहस्रार का इस तरह से सामूहिक रूप से खोला जाना।  कुछ बहुत अधिक बढ़ गए हैं, अपना आत्मसाक्षात्कार पाने के बाद, बहुत अधिक। उन्होंने सहज योग को बहुत अच्छी तरह से समझा है। और उन्होंने अपनी गहराई को विकसित किया है, और उनकी चेतना वास्तव में एक बहुत बड़ी जागरूकता है, ईश्वर के साथ एकाकारिता की। ईश्वरीय शक्ति से एकाकार होना मनुष्य के लिए सबसे बड़ा आशीर्वाद है। अब Read More …

Gudi Padwa Puja (भारत)

Gudi Padwa Puja Date 13th April 2002: Place Gurgaon: Type Puja [Original transcript Hindi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari] हम लोग जो मनाते हैं गुड़ी पड़वा ऐसा भी तिथियां हैं वो मानते हैं। एक तारीख हर एक जगह है, साउथ में भी है। हर ऐसी जरूर है जो सूर्य के रूप से होता है। जगह ये त्यौहार मनाया जाता है। जो सूर्य जब दक्षिणायण से उत्तरायण में आता सम्वत शुरु हुआ है और जो शालीवाहान ने है उस दिन जरूर हम एक त्यौहार मानते भी सम्वत शुरु किया वो सब एक ही दिन हैं। वो सारे देश में वही दिन माना जाता पड़ते हैं। वो आज का ही दिन है और सारे है । अब जो है, चन्द्रमा के हिसाब से, देश में उसको माना जाता है। उसी के ज्योतिष शास्त्र भी हमारे यहाँ चन्द्रमा के हिसाब से सब हमारी तिथियां और सब हिसाब से चलता है। ज्योतिष में भी चन्द्रमा हमारी तारीखें बनायी जाती हैं खास करके की स्थिति देखी जाती है। कहाँ है, क्या है। त्यौहार। और हम लोग चन्द्रमा के कैलेंडर उसी के अनुसार ज्योतिष शास्त्र बनाया पर चलते हैं। विदेशी लोग जो हैं वो सूर्य जाता है। और इसीलिए जो पहले हमारा के कैलेंडर पर चलते हैं इसलिए उनकी कैलेंडर बनाया गया जिसको कि हम लोग तारीख कभी बदलती नहीं है। अपने यहाँ हर एक त्यौहार हमेशा चनद्र की स्थिति पर होता है और इसलिए हमारे पर निर्भर हैं, जिन लोगों को अपनी तिथि यहाँ की तारीख भी बदलती है और का पता नहीं होगा Read More …

Doctor’s conference at AIIMS Jawaharlal Auditorium, New Delhi (भारत)

एम्स में डॉक्टर का सम्मेलन, नई दिल्ली (भारत)।2 अप्रैल 2002  सभी सत्य साधकों को हमारा प्रणाम। डॉक्टरों से बात करते समय  मैं अपने कॉलेज के दिनों के बारे में सोचती हूँ, जब मैं भी चिकित्सा में अध्ययन कर रही थी, परंतु  सौभाग्यवश  या दुर्भाग्यवश हमारा कॉलेज पूरी तरह से बंद हो गया, लाहौर में,एवं मुझे अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। ऐसा नहीं है कि मेरा इस पश्चिमी चिकित्या शिक्षा में कोई विश्वास नहीं था, किंतु यह एक अच्छा अवसर था इसे उससे जोड़ने का और समझने का कि पाश्चात्य  चिकित्सा शिक्षा में क्या कमी रह गई है। असफल तथ्य  यह है ,कि मनुष्यों को चिकित्सा विज्ञान में कुछ, अति व्यक्तिगत माना जाता है और सम्पूर्ण साथ  जुड़ा हुआ नहीं, समझा जाता। हम सब समपूर्ण से जुड़े हुए हैं। किंतु लोगों को कैसे विश्वास दिलाएँ कि आप सभी सम्पूर्ण के साथ जुड़े हुए है और यह कि आप अलग नहीं हैं? क्यों कि हम सम्पूर्ण से जुड़े हुए है,  हमारी सभी समस्याएँ पूर्ण से जुडी हुई हैं, तो आप किसी को केवल एक चीज़ के रोगी और दूसरे रोगी को एक दूसरी चीज़ का रोगी नहीं मान सकते, हो सकता है कि एक व्यक्ति जिसे एक परेशानी है, उसे बहुत सारी अन्य दूसरी परेशानियाँ भी हो सकती है,  कई अन्य संबंद्ध जिन्हें हम पश्चिमी चिकित्सा विज्ञान में स्थापित  नहीं कर सकते। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति को चिकित्सकीय रूप से बहुत बीमार समझना, हो सकता है, परंतु आप नहीं जानते, उसकी मानसिक स्थिति क्या है? वह मानसिक रूप से क्या कर रहा Read More …

Holi Puja (भारत)

Holi Puja, Palam Vihar, Gurgaon, Delhi, India, 29 March 2002. (translated from hindi) Holi was started during the time of Shri Krishna. Before Him in the time of Shri Rama …. He was very austere. Because of that the society became very peaceful but people were devoid of all joy. So He thought that there should be a way by which people should be able to laugh freely and be joyful. And like it happens to all such ventures it happened in the case of Holi also that it produced an opposite effect. They started playing Holi in a very wrong way. It brought a very bad name to this festival. And it deteriorated to such an extent that I said, I will never play Holi now. The story of how it started is like this. There was a demo ness called Holika. She was the sister of Prahlad and Prahlad’s father used to trouble him a lot. Holika had a boon that she would not be burnt by the fire. Prahlad’s father wanted to kill him and told Holika to take the child (Prahlad) and sit on the burning pyre thinking that she would not die. But it is surprising that she died and Prahlad was not hurt in the fire and came out of it unscathed. This is a very big happening which demonstrated that it is very wrong to be cruel and aggressive. She had the boon but still she got burnt. That’s why we have this Read More …

Public Program New Delhi (भारत)

Sarvajanik Karyakram – Public Program Date 24th March 2002: Place New Delhi Public Program Type [Original transcript Hindi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari] वो सबके अंदर है और स्थित है। उसके क. अंदर रंग, जाति-पाति कोई भेद नहीं। हर इंसान में है। जानवर में भी है। आपको आश्चर्य होगा कि जानवर प्यार बहुत समझते हैं। इंसान से भी ज्यादा जानवर समझते हैं प्यार क्या चीज़ है। तो हम लोग वाकई अगर अपनी उत्क्रान्ति में बढ़ रहे हैं, अपने Evolution में बढ़ रहे हैं तो हमारे अंदर प्यार का बड़ा जबरदस्त प्रकाश होना चाहिए। अगर प्यार आ जाए तो हमारे सारे प्रश्न जो हैं, जो मानव जाति के लिए पहाड़ सत्य को खोजने वाले आप सभी जैसे खड़े हैं, एक दम खत्म हो जाऐं। साधकों को हमारा प्रणाम | प्यार की हमने व्याख्याएं अनेक की हैं जिस चीज की आज हर जगह कमी है, पुर उसकी कोई व्याख्या नहीं कर सकता वो है प्रेम। यही प्रेम जो है यही प्रभु की क्योंकि वो एक सागर है हमारे अंदर बसा भक्ति है बहुत लोग जिस बात को शब्द हुआ एक महान सागर है और उसको समझते हैं, लेकिन प्रेम एक शब्द नहीं है। भोगना भी हमारे ही नसीब में है । उसकी प्यार एक शक्ति है और उसका भण्डार लहरें भी हमीं ज्ञात कर सकते हैं। हमारे हमारे ही अंदर है। हम सभी उस प्यार से ही लिए वह है। दूसरा चाहे उसे समझे या भरे हैं। कभी-कभी उसका अनुभव हमको न समझे लेकिन हमारे लिए वो एक बहुत आता है Read More …

Birthday Puja New Delhi (भारत)

Birthday Puja 21st March 2002 Date: Place Delhi: Type Puja [Original transcript Hindi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari] आप इसको महसूस कर सकते हैं। इसको जान सकते हैं कि ये प्यार, परमात्मा का प्यार, परमात्मा की शक्ति सिर्फ प्यार है और प्यार ही की शक्ति है जो कार्यान्वित होती है। हम लोग इसे समझ नहीं पाते। किसी से नफरत करना, किसी के प्रति दुष्ट भाव रखना, किसी से झगड़ा करना, ये तो बहुत ही गिरी हुई बात है। आप तो सहजयोगी हैं, आपके मन में सिर्फ प्यार के और कुछ भी नहीं होना चाहिए। अपने देश में आजकल जो आफत मची है, इसको देखते हुए 1 मैं देख रही हैं कि ये सारे प्यार की समझ में नहीं आता है कि धर्म के नाम पर महिमा कैसे फैल गई, कहाँ से कहाँ पहुँच इतना प्रकाण्ड रौरव इंसान ने क्यों खड़ा गई, कितने लोगों तक, इसकी खबर ही कर दिया? इसकी क्या ज़रूरत थी? एक नही है! किन्तु इसका पूरा शास्त्र समझ में चीज़ शुरु होती है फिर इसकी प्रतिक्रिया आ गया । प्यार का भी कोई शास्त्र हो आती हैं और प्रतिक्रिया शुरुआत की एक सकता है? प्यार का कोई शास्त्र नहीं। क्रिया से भी बढ़कर होती है। इस तरह से प्यार जो है एक महामण्डल की तरह सब परमात्मा का जो भी आपको अनुभव है वो दूर छाया हुआ है। इसका एहसास हमें कम होता जाता है। अब समझने की कोशिश नहीं, उसे हम जानते नहीं। लेकिन परमात्मा करना चाहिए कि हम प्यार को कैसे बढ़ावा का प्यार, Read More …

New Year’s Eve Puja (भारत)

New Year Puja – You Should Be Satisfied Within 31st December 2001 Date: Kalwe Place Type Puja [Original transcript Hindi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari] देर हो गई और आप लोगों की प्रेम की आप कर रहे हैं कि सिर्फ इस शक्ति को शक्ति मुझे खींच के लाई है यहाँ । कुछ तो अपने लिए, अपने बच्चों के लिए आप आपकी माँ की तबियत ठीक नहीं है और इस्तेमाल करें? ये बहुत जरूरी है क्योंकि इच्छा शक्ति जबरदस्त है। उसी के बूते मैंने देखा है कि पार होने पर भी लोगों में दोष रह जाता है। पूर्णता आनी चाहिए। पर चल रहा है। मैं चाहती हूँ आप लोगों की भी इच्छा जब तक आप दूसरों से संबंधित हो कर शक्ति जबरदस्त हो जाए। इस मामले में के सहजयोग का कार्य न करें, आपको आपने क्या किया वो खुद ही सोचना चाहिए। पता ही नहीं चलेगा कि आप के अंदर अपनी ओर नज़र करके देखें कि आपने इसमें कौन सी मेहनत की? आप ध्यान लोग आते हैं और पैसा बनाते हैं। ऐसे करते हैं, ध्यान में आप गहनता लाएँ और बहुत से लोग हैं जो सहजयोग में आने के सोचिए कि आप एक संत हैं। और आपको बाद पैसा बनाते हैं बाद में जरूर वो खुल क्या करना चाहिए? माँ ने आपको संत जाते हैं, दिखाई देता है और बेकार परेशानी बना दिया है। अब आपको आगे क्या करना होती है। सो फायदा क्या? चाहिए? अपनी दुरुस्ती तो करनी है। इसमें कोई शक नहीं । आगे आपको क्या करना आप Read More …

Christmas Puja Ganapatipule (भारत)

Christmas Puja, Ganapatipule (India), 25 December 2001. 2001-12-25 Christmas Puja Talk, Ganapatipule, India अच्छा लगा क्रिसमस पूजा के दौरान इतने सारे सहज योगियों को यहाँ आया देख कर । ईसाई धर्म दुनिया भर में फैल गया है, और बहुत सारे तथाकथित ‘ईसाई’ हैं जो कहते हैं कि वे ईसा मसीह  का अनुसरण करते हैं – मुझे नहीं पता कौन से विशेष दृष्टिकोण से! ईसा मसीह परम चैतन्य का अवतार थे, वह ओंकार थे । वह श्री गणेश थे। और जो उनका अनुसरण करते हैं, उन्हें बहुत अलग तरह के लोग होना चाहिए। परन्तु यह हमेशा होता है हर धर्म में, कि वे बिना सोचे समझे विपरीत दिशा में चले जाते हैं, पूर्णतया विपरीत।  ईसा मसीह के जीवन का सार, निर्लिप्तता और बलिदान था। एक व्यक्ति जो निर्लिप्त है, उसके लिए बलिदान जैसा कुछ नहीं होता है। वह अपने जीवन को केवल एक नाटक के रूप में देखता है।  ऐसा महान व्यक्तित्व इस पृथ्वी पर आया और इस तथाकथित ‘ईसाई’ धर्म का निर्माण किया, जिसने युद्ध किए और सभी प्रकार की पाखंडी चीज़ें; और अब लोग इसके बारे में जान रहे हैं।  वह सत्य के लिए खड़े हुए थे और ईसाई नहीं जानते क्या सत्य है। सत्य यह है कि आप आत्मा हैं और, आपको आत्मा बनना है। वे ही हैं जिन्होंने बात की, दूसरे जन्म की, आत्मसाक्षात्कार की। लेकिन वे भूल गए हैं उन्होंने क्या कहा था, उन्हें क्या प्राप्त करना है। यह इतनी अजीब बात है कि ये सभी महान लोग इस पृथ्वी पर आए और एक उचित धर्म Read More …

Marriages the day after Shri Ganesha Puja Campus, Cabella Ligure (Italy)

Marriages. Cabella (Italy), 23 September 2001. Talk to brides You are going to marry. I am going to just .. (the microphone is adjusted) .. and with full understanding. It’s very important to understand your role in Sahaja Yoga as married women. We have had very funny types of women who got married because they wanted to marry, and they saw to it that the marriage is not successful. And they have been of such a trouble to Me that I don’t understand that before marriage why don’t they see that what they have to do. You have to make a successful marriage in Sahaja Yoga. It’s not an ordinary marriage. And for that, it’s not sacrifice, but joyful understanding. You may have to withstand many troubles also. Financially maybe somebody’s not so well off. Maybe, though he’s all right, he’s not looking after you financially, he’s not giving you money or maybe he’s very dominating – it’s possible. Everything is possible. As you could be the same. So in Sahaja Yoga we have selected you to be married and we think that you will make a very, very happy marriage. Now it is more the responsibility of the woman somehow, because marriage is her responsibility and she has to make a happy marriage. If any of you now don’t want to marry a particular person, you can say no. But now if you are marrying, then please think of the way a Sahaja Yogini who is getting married. The Read More …

Shri Krishna Puja: Ananya Bhakti New York City (United States)

श्री कृष्ण पूजा| निर्मल नगरी, कैनाजोहारी, न्यूयॉर्क (यूएसए), 29 जुलाई 2001।   आज हम सब यहां श्री कृष्ण की पूजा करने के लिए एकत्रित हुए हैं। श्री कृष्ण, जो विराट थे, उन्होंने युद्ध भूमि में प्रवेश किए बिना ही हर तरह की बुराई से लड़ाई की। श्री कृष्ण का जीवन, अपने आप में बहुत ही सुंदर, रचनात्मक और प्रेमपूर्ण है, लेकिन उन्हें समझना आसान नहीं है।   उदाहरण के लिए, कुरुक्षेत्र में, जब युद्ध चल रहा था और अर्जुन उदास हो गए थे, तब अर्जुन ने पूछा, : “हम क्यों लड़ें, अपने परिजनों से, क्यों लड़ें अपने ही करीबी रिश्तों, दोस्तों और अपने गुरुओं से? क्या यह धर्म है ? क्या यह धर्म है?” इससे पहले, गीता में, श्री कृष्ण ने एक व्यक्तित्व का वर्णन किया है जो एक ऋषि हैं। हम उन्हें संत कह सकते हैं। उन्होंने इसे स्तिथप्रज्ञ कहा । इसलिए, जब उनसे पूछा गया कि स्तिथप्रज्ञ की परिभाषा क्या है, तो उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति का विवरण दिया, जो अपने आप में शांत है और अपने वातावरण के प्रति भी शांत है।   यह आश्चर्यजनक है |  यह ज्ञान उन्होंने गीता में प्रथम स्थान पर दिया। यह सबसे उत्तम है, उन्होंने  इसे ज्ञान मार्ग कहा है । यह सहज योग है, जिससे आप सूक्ष्म ज्ञान प्राप्त करते हैं। लेकिन उसी समय, जब आप उन्हें अर्जुन को सलाह देते हुए देखते हैं, तो यह बहुत आश्चर्यजनक है कि यहाँ वे केवल आध्यात्मिकता की बात कर रहे है , पूर्ण अनासक्ति की | और वहाँ वे अर्जुन से कह रहे है कि: “तुम जाओ Read More …

We Have To Be Transformed Royal Albert Hall, London (England)

रॉयल अल्बर्ट हॉल में सार्वजनिक कार्यक्रम। लंदन (यूके), 14 जुलाई 2001. मैं सत्य के सभी साधकों को नमन करती हूं। आप में से कुछ ने सत्य पाया है, आप में से कुछ ने इसे पूरी तरह से नहीं पाया है, और आप में से कुछ ने इसे बिल्कुल नहीं पाया है। लेकिन अगर आप आज की स्थिति में चारों ओर देखते हैं, तो आपको सहमत होना पड़ेगा कि बड़ी उथल-पुथल चल रही है। देशों के बाद देश सभी प्रकार की गलत चीजों को अपना रहे हैं। कोल्ड वॉर जारी है, लोग एक-दूसरे को मार रहे हैं, खूबसूरत जगहों को नष्ट कर रहे हैं, एक-दूसरे का गला काट रहे हैं। वे सभी मनुष्य ईश्वर द्वारा निर्मित हैं। सर्वशक्तिमान ईश्वर ने उन्हें बनाया है और उन्हें मानवीय जागरूकता के इस स्तर पर लाया है। इस मोड़ पर कोई यह नहीं देख पाता है कि हम सामूहिक रूप से कहां जा रहे हैं। यही है, हमें कहाँ पहुँचना है – या क्या यही हमारी नियति है? क्या यही मनुष्य की नियति है, भूमि या किसी और चीज की खातिर आपस में संघर्ष कर नष्ट हो जाना? पूरी दुनिया को एक मानें, और सोचें कि क्या हो रहा है: हर दिन जब हम अखबार पढ़ते है तो, भयानक खबरें सुनते हैं कि, हर दिन लोग बिना किसी तुक और कारण के आपस में भयानक बर्ताव कर रहे हैं । हमें सोचना होगा, नियति क्या है? हम कहां जा रहे हैं? क्या हम नर्क जा रहे हैं या स्वर्ग जा रहे हैं? हमारी स्थिति क्या Read More …

Guru Puja: Introspection, Love & Purity Campus, Cabella Ligure (Italy)

2001-07-08 गुरु पूजा टॉक: आत्मनिरीक्षण, प्रेम और पवित्रता, केबेला,इटली, डीपी  आप नहीं जानते कि आपकी माँ को कैसा लगता है इतने सारे लोगों को देख कर जो वास्तव में स्वयं गुरु बन गए हैं वे सत्य को ख़ोज  रहे हैं एक बहुत ही कठिन समय में। वे जानना चाहते रहे हैं कि सत्य क्या है। और यह मुश्किल समय, स्वयं, सहायक रहा है आपके दिमाग पर कार्रवाई करने के लिए कि इस विश्व में क्या हो रहा है, हम अपने आस-पास जो कुछ भी देख रहे हैं, पूरे विश्व में भी, निश्चित रूप से वहाँ कुछ बहुत अनुचित है और हमें उससे आगे जाना होगा।  ढूँढ़ने में, एक बात बहुत महत्वपूर्ण है, कि व्यक्ति के पास इसके बारे में महान लगन होनी चाहिए । और अनकहे दुखों से भी आपको गुज़रना होगा। ढूँढ़ना है जब अपने भीतर भी आप संघर्ष कर रहे हैं और बाहर भी आपको कुछ भी संतोषजनक नहीं मिल रहा । इस तरह ढूँढ़ने में दोहरी तीव्रता है। उस ढूँढ़ने में, जब आप प्रयास कर रहे हैं सत्य तक पहुँचने की, ऐसा लगता है कि यह एक बहुत ही कठिन बात है । लेकिन आप लाचार हैं, क्योंकि आप संतुष्ट नहीं हैं उस से जो आप के आसपास विद्यमान है । आज विश्व को देखिए, यह संघर्ष से भरा है । हर तरह के झगड़े हैं यहाँ। लोग तुच्छ चीज़ों के लिए लड़ रहे है-भूमि के लिए; मनुष्यों की हत्या कर रहे हैं । भूमि, क्या यह मनुष्य बना सकती है? वे बहुत ही सामूहिक तरीके से Read More …