Shri Ganesha’s Birthday House in Pratishthan, पुणे (भारत)
Talk held in occasion of Shri Ganesha’s Jayanti. Pratishthan (India), 10 February 2008.
Talk held in occasion of Shri Ganesha’s Jayanti. Pratishthan (India), 10 February 2008.
Makar Sankranti. Pratishtan (India), 2008.
Hindi Talk आज का दिन पृथ्वी के उत्तर भाग में महत्त्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि सूर्य दक्षिण से उत्तर में आता है। इसलिये नहीं कि ये हम कर रहे हैं। हर साल एक ही तारीख जो कि सूर्य के ऊपर कार्य हम करते हैं, तो हम लोग उसको क्यों इतना मानते हैं? क्या विशेष बात है कि सूर्य अगर उत्तर में आ गया, तो हम लोगों को उसमें इतनी खुशी क्यों? बात ये है कि सूर्य से ही हमारे सब कार्य जो हैं प्रणीत होते हैं। अँधेरे में, रात्रि में हम लोग निद्रावस्था में रहते हैं। लेकिन जब सूर्य उदित होता है, तो उसके बाद ही हमारे सारे कार्य चलते हैं। इसलिये इस कार्य को प्रभावित करने वाली जो चीज़ है वो है सूर्य। और वो क्योंकि हमारे कक्ष में आ जाती है, तो हम इसको बहुत मान्य करते हैं। सबसे बड़ी बात तो ये है कि बाकी सारे त्यौहार चंद्रमा पर आधारित होते हैं और सिर्फ यही एक त्यौहार ऐसा है, कि जो हम सूर्य के आधार पे करते हैं। ऐसे हमारे यहाँ सूर्यनारायण की भी बहुत महती है और लोग सूर्यनारायण को मानते हुये गंगाजी पर जा कर नहाते हैंऔर अनेक तरह के अनुष्ठान करते हैं। पर सब से महत्त्वपूर्ण है यही एक दिन है। अब हम लोगों को ये तय करना पड़ता है, कि इस दिन क्या करना चाहिये? इस विशेष दिन को क्या कार्य करना चाहिये? सूर्य का नमस्कार हो गया, सूर्य को अर्घ्य दे दिया और सूर्य के प्रति अपनी कृतज्ञता हम लोगों ने संबोधित की। Read More …