Devi Puja: Try to Become Aware Shrirampur (भारत)

देवी पूजा श्रीरामपुर (भारत), 21 दिसंबर 1989। पीछे जाएँ, जिन्हें जगह नहीं मिली है, कृपया पीछे हटें। समझदार बनें। तुम सब मुझे अच्छी तरह देख सकते हो और जो दूर हैं वे मेरे अधिक निकट हैं; यह एक तथ्य है। जब मैं सच कहती हूं, तो वहां विष्णुमाया होती है। कृपया बैठ जाएं। नमस्ते। उसका क्या नाम है? जेनी, तुम उस तरफ जाओ। पुरुषों के साथ मत बैठो। अपने आप पर एक अनुशासन रखना चाहिए। जो लोग यहां बैठे हैं कृपया बाईं ओर चलें। दूरी बनाए रखें। अब, आप इतने महान सहजयोगी, प्राचीन सहजयोगी हैं। लोग अनुशासन और सूझबूझ के लिए आपकी ओर देखते हैं। ज्यादातर जो बहुत नए होते हैं वो आगे आने की कोशिश करते हैं। ऐसा मैंने देखा है। यदि आप नेता हैं तो, फिर अगर आप सामने बैठे हैं तो मैं समझ सकती हूं। अन्यथा सामने बैठने की क्या जरूरत? अच्छा। कृपया बैठ जाएं। आप जितने आगे होंगे, आपको और अधिक चैतन्य महसूस होंगे। तुम कर सकते हो; इसके लिए आप गवाही दे सकते हैं। आप जितने करीब होंगे उतना आप कम महसूस करेंगे। यह मेरी तरकीब है। अब देखिए, क्या आप वहां ज्यादा वाइब्रेशन महसूस कर रहे हैं? जेनी, वहाँ, अपने आप को देखें। ठीक है? मैं कभी असत्य नहीं बोलती। क्या थोडा पानी मिलेगा। [हिंदी] नहीं, नहीं, आप क्यों नहीं कोई उचित सीट लेते है? [हिंदी] बेहतर होगा कि आप एक सीट ले लें। [हिंदी] मैं उन्हें एक ऐसी बात के बारे में बता रही हूं आवश्यक नहीं की आपको उसके बारे में पता Read More …