8th Day of Navaratri, Talk to English Yogis on Style and Content Butlins Grand Hotel, Margate (England)

नवरात्रि का 8वां दिन  मार्गेट, 6 अक्टूबर 1989 अंग्रेज योगियों से बात, आज देवी पूजा का आठवां दिन है और इस दिन, काली की शक्ति काम करती है और उन्हें संहार काली कहा जाता है, जिसका अर्थ है सभी बुरी शक्तियों को नष्ट करने वाली। तो यह एक बहुत अच्छा दिन है, कि हमारे यहां, इंग्लैंड में, पूजा है। मैं इससे बहुत खुश हूं। मेरा चश्मा?  मुझे लगता है,मेरे पर्स में है। वौ कहा हॆ? उसके पास यह होगा? अब, मैं सोच रही थी कि मुझे यू.के. के सहज योगियों से बात करनी चाहिए, क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण है। अब मैं यूके में अपने सोलह साल के प्रवास को समाप्त कर रही हूं और मुझे वास्तव में आप लोगों का इतना प्यार और इतनी भलाई मिली है। अब अगले साल, मैं यहां नहीं रहूंगी क्योंकि मेरे पति का तबादला होने वाला है और निश्चित रूप से मैं और भी वापस आऊंगी और एक या करीब एक महीने के लिए, मैं आपके साथ रह सकती हूं, शायद मैं पहले से कहीं ज्यादा जितना अब तक रही हूँ उससे ज्यादा करीब रहूंगी। लेकिन कुछ ऐसा है जोकि मुझे लगता है कि मुझे आप लोगों को चेतावनी देनी चाहिए, क्योंकि अब मुझे गैविन [ब्राउन] के बारे में बहुत सारे पत्र मिल रहे हैं कि, “गैविन ऐसा क्यों हो गया है? उसके साथ क्या गलत हुआ है?” शायद हर कोई इन घटनाओं को,और कुछ अन्य सहज योगियों को भी ऐसा होते देख काफी डरा हुआ लगता है । क्योंकि अन्य देशों में, जब सहजयोगी Read More …

Shri Hanumana Puja: You Are All Angels Butlins Grand Hotel, Margate (England)

‘आप सभी देवदूत हैं’: श्री हनुमान पूजा, मार्गेट, केंट, (यूके), 23 अप्रैल 1989 आज का यह दिवस बहुत ही आनंदमय है, और सम्पूर्ण वातावरण इससे उत्साहित  लग रहा है, जैसे कि देवदूत गा रहें हों । और श्री हनुमान की यही विशेषता थी कि वे एक देवदूत थे । देवदूत, देवदूतों की भांति ही जन्म लेते हैं । वे देवदूत हैं, और वे मनुष्य नहीं हैं । वे दैवीय गुणों के साथ जन्म लेते हैं । लेकिन अब, आप सब मानव से देवदूत बन गए हैं । यह सहज योग की एक बहुत महान उपलब्धि है । देवदूतों के साथ जन्म लेने वाली शक्तियां, बचपन से ही उनमें देखी जा सकती हैं।  सर्वप्रथम, वे असत्य, झूठ से भयभीत नहीं होते हैं, वे इस बात की चिंता नहीं करते हैं कि लोग उनसे क्या कहेंगे, और वे जीवन में क्या खों देंगे । उनके लिए सत्य ही उनका जीवन है, सत्य उनके लिए प्राण है, और अन्यत्र कुछ भी उनके लिए महत्व नहीं रखता है । यह एक देवदूत का पहला महान गुण है । सत्य की प्रस्थापना व संरक्षण के लिए वे किसी भी सीमा तक जा सकते हैं और उन लोगो की रक्षा करने के लिए जो सत्य पर स्थित है । तो इस प्रकार से विशाल संख्या में देवदूत हमारे चहुं ओर व्याप्त हैं। तो इस प्रकार से बायें ओर हमारे अंदर गण हैं, तथा दाहिनी तरफ देवदूत स्थित हैं। और इसका अनुवाद संस्कृत भाषा या किसी भी अन्य भारतीय भाषा में देवदूत के रूप में है – Read More …