Poem: To My Flower Children (United States)

मेरे फूलों से बच्चों के प्रति आप जीवन से रुष्ट हेंजैसे कि नन्हे बच्चे –जिनकी माँ अंधेरे में खो गयी है! आप का उदास मलिन मुखव्यक्त करता है आपकी हताशाक्योंकि आपकी यात्रा का अन्त निष्फल है। आप तो सुंदरता खोजने के लियेकुरूपता ओढ़ कर बेठे हैं। सत्य के नाम परआप प्रत्येक वस्तु कोअसत्य का नाम देते हैं। प्रेम का प्याला भरने के लियेआप भावनाओं कोरिक्त कर देते हैं। मेरे सुंदर मधुर बच्चों, मेरे प्रिय पुत्रों, युद्ध करने से आपको शान्ति कैसे मिल सकती है ?युद्ध-स्वयं से, अपने अस्तित्व से और स्वयं आनंद से भी ! पर्याप्त हो गये हैं, अब बस कर दो, ये संन्यास, त्याग के आपके प्रयास – जो सान्त्वना के कृत्रिम मुखौटे हैं। ञ्ु कमलपुष्प के पंखुड़ियों में –आपकी दयामयी माँ की गोद मेंविश्राम करो।मैं आपके जीवन कोसुंदर बहारों से सजा दूंगी।और आपके क्षण और जीवनआनंद के परिमल से भर दूंगी!मैं आपके मस्तक परदिव्य प्रेम का अभिषेक करूंगी !आपकी यातनाओं कोमैं अब अधिक नहीं सह सकती।मुझे आपको प्रेम के महासागर में डुबोने दोजिससे आप अपना अस्तित्वउस एक महान में खो दे।जो कि आपकी आत्मा की कलि के कोष मेंमंद हास्य कर रहा है।गूढ़ता में चुपके से छुपा हैसदैव आपको छलते, चिढ़ाते हुये।जान लो, अनुभव करो,और आप उस महान को खोज पाओगे।आपके कण कण में, तंतु मेंपरमाह्लाद के आनंद को स्पन्दित करते हुयेऔर पूरे विश्व को प्रकाश से लपेटते हुयेआच्छादित करते हुये! माँ निर्मला