Public Program Dhule (भारत)

HINDI TRANSLATION (Marathi Talk) वास्तव में धूलिया नगर का यह बहुत बड़ा सौभाग्य है कि राजकुंवर राऊल जैसी स्त्री यहाँ है। उनके प्रेम के आकर्षण से ही मैं यहाँ आयी हूँ। मैंने उनसे कहा था कि मैं धूलिया एक बार अवश्य आऊंगी। और यहाँ मुझे अंदर से अनुभूति हो रही है कि उनका भक्तिभाव और प्रेम कितना गहन है । हमारे देश में धर्म के संबंध में सब ने बहुत कुछ लिखा हुआ है और बहुत सारी चर्चायें भी हो चुकी हैं। मंदिरो में भी घंटियाँ बजती हैं। लोग चर्च में जाते हैं, मस्जिद | में जाते हैं। धर्म के नाम पर अपने देश में बहुत सारा कार्य हुआ है। परंतु वास्तव में जो कार्य है वह कहीं भी हुआ है ऐसा दिखता नहीं। हम मंदिर में जाते हैं, सब कुछ यथास्थित करते हैं। पूजा- पाठ भी ठीक से करते हैं, घर आते हैं पर ऐसा कुछ लगता नहीं कि हमने कुछ पाया है। हमारे अन्दर अंतरतम में जो शांति है, अन्दर जो प्रेम है ये सब हम कभी भी नहीं प्राप्त करते। कितना भी किया, तो भी ऐसा लगता नहीं कि हम भगवान के पास गये हैं और हमें वहाँ ऐसी माँ मिली है जिन की गोद में सिर रखकर हम आराम से कह सकते हैं कि हमें अब कुछ नहीं करना है। मेरा ऐसा कहना नहीं है कि मनुष्य ने मंदिर नहीं जाना चाहिये । जाईये, अवश्य जाईये। अगर आप को मधु (शहद) की पहचान कर लेनी है, तो यह ही ठीक रहेगा कि पहले फूल की बातें Read More …