Seven Chakras and their Deities, Paane ke baad New Delhi (भारत)

1973-11-25 Seven Chakras and their Deities (Paane ke baad) 1973, Mumbai कि आपको कुछ भी नहीं करने का है सहज में हो जाता है । सहज शब्द का अर्थ रोजमर्रा भाषा में सहज माने आसान। लेकिन सहज शब्द जहाँ से आया वो ‘सह’ और ‘ज’ के साथ मिले हुए सहज से आया। माने आसान है । मतलब जो हमारे साथ जो पैदा हुई आँख है, हमारे साथ जो पैदा हुई  हमारी नाक है, इसका हमें कुछ देखना नहीं पड़ता।[अस्पष्ट]  इस कारण इसमें कोई भी प्रतिबिम्ब पूरा नहीं पड़ता। अगर कोई ऐसा सरोवर हो कि जिसके अन्दर कोई भी लहर उठ नहीं रही। तो उसके चारों तरफ फैला हुआ उसका सौन्दर्य पूरा का पूरा अन्दर प्रतिबिंबित होता है । इतना ही नहीं पर पूरा तादात्म्य होता है। इसी तरह से जब आप किसी भी सुन्दर दृश्य को देखेंगे परमात्मा की रचना की ओर दृष्टि करेंगे आप निर्विचार हो जाएंगे। निर्विचार होते ही उसके अन्दर की जो आनन्द-शक्ति है वो आपके अन्दर पूरी प्रतिबिम्बित होगी I  इतना ही नहीं आप ने उसमें पूरी तरह से तादात्म्य पा लिया है।  इसी तरह से [अस्पष्ट] अनेक विधि परमात्मा ने आपके लिए श्रृंगार सजाए हैं, अत्यन्त सौन्दर्य चारों तरफ फैला हुआ है। उस सौन्दर्य के सूत्र ही में उतरने से ही आपके अन्दर आनन्द की उत्पत्ति हो जाती हैं। उस आनन्द को आप देखने के लिए ही पैदा हुए हैं, अपने को बेकार में दुखी बनाने की कोई ज़रूरत नहीं। [अस्पष्ट] बहुत लोगों ने ये भी पूछा है कि हमें अब आगे क्या करना होगा। Read More …