Public Program, Sahajyog ki Utapatti Birla Kreeda Kendra, मुंबई (भारत)

Sahajyog Ki Utapatti Date 7th December 1973 : Place Mumbai Seminar & Meeting Type Speech Language Hindi [ORIGINAL TRANSCRIPT HINDI TALK] प्रेम की तो कोई भाषा नहीं होती है, जो प्रेम के बारे में कहा जाये। हमारी माँ हमसे जब प्यार करती है, वो क्या कह सकती है की उसका प्यार कैसा है? ऐसे ही परमेश्वर ने जब हमें प्यार किया, जब उसने सारी सृष्टि की रचना की, तब उनके पास भी कोई शब्द नहीं थे कहने के लिये। मनुष्य ही जब अपने निमित्त को, अपने इन्स्ट्रमेंट को पूरा कर लेता है, तभी भाषा का अवलंबन हो कर के हम लोग कुछ प्रभु की स्तुति कर सकते हैं। आज के लिये कोई विशेष विषय या सब्जेक्ट तुम लोगों ने मुझे बताया नहीं। क्योंकि तीन दिनों में पूरी बात कहने की है। आज उत्पत्ति पे मैं कुछ कहूँगी। मेरा जो कुछ कहना है वो हायपोथिटिकल है। हर एक साइन्स में पहले हायपोथिसिस है। हायपोथिसिस का मतलब है अपनी जो कुछ खोज है उस खोज के बारे में उसकी विचारणा जनसाधारण के सामने रखी जायें । उसके बाद देखा जाता है कि जो कुछ कहा गया है उसमें सत्य कितना है। फॅक्ट कितना है, फॅक्च्युअल कितना है। जिस दिन वो चीज़ सिद्ध हो जाती है उसी दिन लोग उसे साइन्स के कायदे या लॉ समझते हैं। उसी तरह मेरा कहना ही आप लोगों के लिये, अधिकतर लोगों के लिये बिल्कुल हायपोथिटिकल है। लेकिन उसकी सिद्धता भी हो सकती है और दिखायी जा सकती है। इसके अलावा आदिकाल से अनेक द्ष्टाओं ने जिसको Read More …