Public Program Nagpur (भारत)

Sarvajanik Karyakram Date 22nd December 1973 : Place Nagpur Public Program Type : Speech Language Hindi मेरा मतलब नागपुर के लोगों के ही सामने. बहुत पहले से ही ऐसे कुछ, सहज में ही कहना चाहिये, ऐसे कुछ समय आये, कि मुझे भाषण देने पड़े। बहुत बड़े बड़े जमावों के सामने, कहना चाहिये हजारो लोग यहाँ थे। १९३० की बात है, जब कि गांधी जी ने उपोषण किया था। मेरे पिताजी भी बड़े अच्छे वक्ता थे। आप सब उनके बारे में जानते होंगे। लेकिन उनको जरूरी काम से घर जाना पड़ा। सब लोगों ने कहा, सालवे साहब आप भाषण नहीं दीजियेगा तो सब लोग भाग जाएंगे। काम कैसे बनेगा? कहने लगे, ‘मैं तो जा रहा हूँ। मेरी लड़की जो मेरी धरोहर है उसे रख के जा रहा हूँ। और मैं लौट के आऊँगा उसके बाद भाषण दूँगा।’ लेकिन बहुत देर होगी वो लौटे नहीं। तो सब लोगों ने कहा कि, ‘भाई, वो तो आये नहीं । अब इनकी लड़की, धरोहर है उनको धरते हैं। अब कैसे होगा? भाषण कौन देगा? और चिटणीस पार्क के लोग हैं । कहीं बिगड़ गये तो पत्थर मारना शुरू कर देंगे।’ तो वहाँ एक साहब बैठे थे। उन्होंने कहा कि, ‘उन्हीं से कहिये भाषण देने के लिये, कि क्या आप भाषण देंगी?’ वो हमसे पूछे कि, ‘क्या आप भाषण देंगी?’ मैंने कहा कि, ‘हम देंगे।’ तब मेरी उमर सिर्फ सात साल की थी। उस वक्त के कुछ लोग हो तो उन्हें याद होगा कि मैंने पंधरह बीस मिनट तक काफ़ी अच्छा सा भाषण दिया था। बुढ्ढा-बुढ्टी Read More …