Talk to Sahaja Yogis, Kshma Ki Shakti Ka Mahatav, Power of Forgiveness मुंबई (भारत)
Kshama Ki Shakti Ka Mahatva IV 20th January 1975 Date : Place Mumbai Seminar & Meeting Type Speech Language Hindi [Original transcript Hindi talk, Scanned from Hindi Chaitanya Lahari] कलयुग में क्षमा के सिवाए और कोई भी राक्षस है। आपके चित्त में घुसे हुए हैं । बात समझ बड़ा साधन नहीं है। और जितनी क्षमा की शक्ति में आई? अगर कोई साधु ही सिर्फ हो तो ठीक है। होगी उतने ही आप शक्ति शाली होंगे । सबको क्षमा परित्राणाय साधुनां विनाशाय च दुष्क ताम्। साधु कर दें। क्षमा वही कर सकता है जो बड़ा होता है। के साथ एक दुष्ट बैठा हुआ है तो बहुत ही प्रेम से छोटा आदमी क्या क्षमा करेगा? आज मैंने सवेरे अलग हटाना पड़ेगा कि नहीं? कितना कठिन काम कहा था कि धर्म को जानें, आपके अन्दर जो धर्म है? आप साधुता में खड़े है या आप दुष्टता में खड़े है उसको जानें। धर्म में खड़े हैं, जो आदमी धर्म में हैं यह आप पर निर्भर करता है। अगर आप साधुता खड़ा है उसकी कितनी शक्ति होती है! तो धर्म को में खड़े हैं और कोई दुष्टता चिपक रही है तो जाने। हाँ कितना सुन्दर हम धर्म में खड़े हैं, जो उसको हटा सकते हैं। लेकिन आज ऐसे अधर्म में खड़ा है वह तो अधर्मी है। उसका हमारा कितने हैं संसार में बताईए। Degree का फर्क है कोई मुकाबला नहीं है। वह तो अधर्म में खड़ा है। और जो लोग सधुता की ओर जा रहे हैं वे लोग हम तो धर्म में खड़े हुए है, Read More …