Teen Shaktiya मुंबई (भारत)

TEEN SHAKTIYAN, Date: 21st January 1975, Place: Dadar, Type: Seminar & Meeting [Hindi Transcript] जैसे कोई माली बाग लगा देता है और उस पे प्रेम से सिंचन करता है और उसके बाद देखते रहता है कि देखें कि बाग में कितने फूल खिले खिल रहे हैं। वो देखने पर जो आनन्द एक माली को आता है उसका क्या वर्णन हो सकता हे! कृष्ण नाम का अर्थ होता है कृषि से”, कृषि आप जानते है खेती को कहते हैं। कृष्ण के समय में खेती हुई थी और क्राइस्ट के समय में उसके खून से सींचा गया था। इस संसार की उर्वरा भूमि को कितने ही अवतारों ने पहले संबारा हुआ था। आज कलियुग में ये समय आ गया है कि उस खेती की बहार देखें, उसके फूलों का सुगन्ध उठायें। ये जो आपके हाथ में से चेतन्य लहरियाँ बह रही हैं ये वही सुगन्‍ध है जिसके सहारे सारा संसार, सारी सृष्टि, सारी प्रकृति चल रही है। लेकिन आज आप वो चुने हुये फूल हैं जो युगों से चुने गये हैं कि आज आप खिलेंगे और आपके अन्दर से ये सुगन्ध संसार में फैल कर के इस कीचड़ के इस मायासागर के सारी ही गन्दगी को खत्म कर दे। देखने में ऐसा लगता है कि ये केसे हो सकता है ? माताजी बहुत बड़ी बात कह रही हैं। लेकिन ये एक सिलसिला है, कन्टिन्यूअस प्रॉसेस (continuous process) है। और जब मंजिल सामने आ गयी तब ये सोचना कि मंजिल क्‍यों आ गयी ? कैसे आ गयी ? कैसेहो सकता है ? जब Read More …