Seminar Day 1 (incomplete) Cowasji Jehangir Hall, मुंबई (भारत)

                      संगोष्ठी दिवस 1  मार्च 19, 1976, कावासजी जहांगीर हॉल, मुंबई, भारत, सहज योगी : यह 19 से 21 मार्च 1976 तक कौवासजी जहांगीर हॉल [मुंबई] में आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी के अवसर पर परम पावन श्री माताजी द्वारा दी गई सलाह की रिकॉर्डिंग है। यह पहले दिन की रिकॉर्डिंग है जो कि 19 मार्च 1976। श्री माताजी : बहुत दिनों के बाद हम फिर से इस हॉल में इकट्ठे हुए हैं। जब सहज योग अपनी शैशवावस्था में ही था, तब हमने इस हॉल में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। तब से, परमात्मा की कृपा से, सहज योगियों के मन में सहज योग बस गया है। मानो बारिश को भूखी धरती ने सोख लिया हो। सहज योग उन लोगों के लिए नहीं है जो सतही हैं और अपने भीतर और सभी साधकों वाली पूरी लगन और लालसा के साथ खोज नहीं रहे हैं। यह उन लोगों के लिए नहीं है जो पुस्तकों में ईश्वर को खोज रहे हैं। क्योंकि ईश्वर वहां नहीं है। यह उन लोगों के लिए भी नहीं है जो सोचते हैं कि वे भगवान को प्राप्त कर सकते हैं। कि वे अपने प्रयासों से, अपने चरम ‘हठ’ से, जैसा कि हम इसे ‘जिद\हठ’ कहते हैं, ईश्वर की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए है, जो दिल से, हर समय उससे मांगते रहते हैं। और उसकी तलाश में है, सत्य और वास्तविकता के लिए। ‘सहज’ – मैंने आपको कई बार कहा है, ‘साह’ का अर्थ है ‘भीतर’ और ‘ज’ का अर्थ है ‘आपके साथ पैदा Read More …