Knots On The Three Channels Caxton Hall, London (England)
“तीन नाड़ियों की ग्रंथियां”
कैक्सटन हॉल, लंदन (यूके), 2 अक्टूबर 1978
यह जो ब्रह्म का तत्व है, यह सिद्धांत है उस स्पंदित भाग, हमारे ही अंदर निहित शक्ति का तत्व, जिसे हमें महसूस करना है, और जो हर चीज में स्पंदित होती है। यह सहज योग के साथ होता है, बेशक, कुंडलिनी चढ़ जाती है, लेकिन यह इसका अंत नहीं है, क्योंकि, मानव वह साधन है जिसमें यह प्रकाश प्रकट होता है। लेकिन एक बार प्रकट होने के बाद यह जरूरी नहीं है कि यह हर समय ठीक से जलती रहे। एक संभावना है, […]