The Meaning of Yoga London (England)

The Meaning Of Yoga Date : 11th November 1979 Place : London Туре Public Program Speech [Translation from English to Hindi, Scanned from Hindi Chaitanya Lahari] सहजयोग आपके अन्दर जीवाणु की तरह आड़ोलन एक के बाद एक क्रिया आदि एक से विद्यमान है । यह आपके अन्दर जन्मी हुई दूसरी तरह के आड़ोलन के माध्यम से होता चीज है। व्यक्ति के अन्दर ये अन्तर्जात होती है जो अवययों में मौजूद है जैसे पेट स्वतः स्वतः इसका अंकुरण होता है अभिव्यक्ति होती है। बिल्कुल वैसे ही जैसे सब आपके मस्तिष्क से आता है । अनुकंपी आप छोटे से बीज को अंकुरित होकर वृक्ष नाडीतन्त्र और पराअनुकम्पी नाड़ी तन्त्र बनते (Sympathetic, और खाए हुए पदार्थ को नीचे को धकेलता है। ये देखते हैं। यही सहजयोग है। अन्य Parasympathetic) हुए सभी योग जो इसके साथ-साथ चलते हैं, वे गतिशील हो उठते हैं और इसे कार्यान्वित सब सहजयोग के ही अंग-प्रत्यंग हैं। इन्हें करते हैं। ये एक बहुत बड़ी प्रणाली है और इससे अलग नहीं किया जा सकता। मुझे एक बहुत बड़ी संस्था है जो ये कार्य कर लगता है कि लोगों में कुछ गलत-फहमी है। रही है। आप यदि इसे पृथक करना चाहें तो योग के चार अंग होते हैं। ये सोचना भी पाचन प्रणाली भिन्न है मस्तिष्क प्रणाली । भिन्न है, स्नायु प्रणाली भिन्न है । आप इन्हें गलतफहमी न होगी कि वे अलग- अलग हैं जब हम कहते हैं कि हमने खाना खाया है इस तरह से अलग नहीं कर सकते कि तो इसका अर्थ ये नहीं होता कि बोल्ट की Read More …