What is Seeking? Brighton Pavilion, Brighton (England)

परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी (आत्मा की) खोज क्या है? ब्राइटन पवैलियन,  यूनाइटेड किंगडम  31st March, 1980 मैंने कल आपको बताया था कि आप को कैसे अनुभव होता है अपनी खोज का? आप को अपनी खोज का अनुभव क्यों होता हैं। हमारे अंदर ऐसा क्या है जो इस खोज को कार्यान्वित करता है? और यह योग सहज है। और कोई रास्ता नहीं है जिससे आप अपना आत्म साक्षात्कार प्राप्त कर सकें, क्योंकि अगर आपको एक बीज को अंकुरित करना है तो उसमें अंकुरण होना चाहिए। इसी प्रकार अगर आपको अपनी नई चेतना में अंकुरित होना है, वह आपके कुंडलिनी जागरण के द्वारा ही होना है, क्योंकि इसी कार्य के लिए कुंडलिनी वहां है। अगर आप को ये (माइक) मुख्य स्विच में लगाना है तो आप को तार प्रयोग करना होगा। इस के लिए और कोई रास्ता नहीं है। जैसे कल मैंने आपको बताया था कि ये सुंदर यंत्र बनाया गया है, सारे प्रयास किये गए हैं। आप इस से गुजर चुके हैं, कितने, हम ने इसे पैंतीस करोड़ के लिए कितना गिना था? पैंतीस! हां? सहज योगी: तीन सौ पचास मिलियन श्री माताजी : तीन सौ पचास मिलियन प्रकार के जीवन! और अब आप मनुष्य बन गए हैं। तो, आखिरकार अवश्य ही इस सुंदर मानवीय ढांचे, इस यंत्र का कोई अर्थ होगा कि क्यों इसका निर्माण किया गया। इसका अवश्य कोई कारण होगा। और जैसे आप को अपना मानवीय साक्षात्कार प्राप्त हुआ है, जैसे आपको यह मानवीय शरीर मिला है, अगर आपको और विकसित व्यक्तित्व तक पहुंचना है, तो Read More …