Talk to Sahaja Yogis, Open Your Heart, Seminar 4th Session (भारत)

योगीयों से बातचीत लोनावाला (भारत), 25 जनवरी 1982 सारी दुनिया से इतने सारे सहज योगियों से मिलने और उनसे बात कर पा कर बहुत खुशी है। वे मुझे विश्व में सबसे अच्छी समझते हैं|, इस पूरे विश्व में एक ऐसे व्यक्ति के साथ जो की सहज योगी नहीं है तालमेल होना असंभव है| यहां तक कि अगर आप उन्हें आत्मसाक्षात्कार भी देते हैं, यदि वे सहज योगी नहीं बनते हैं, तो उन्हें अपने स्वयं के अस्तित्व की सूक्ष्मता भी समझने में मुश्किल हो सकती है। आज, जैसा कि हम यहां सभी सहज योगी हैं, मै तम्हे अस्तित्व का\\का सूक्ष्मता के धरातल पर विकास के बारे में बताउंगी।हर समय, जैसा कि हम कुछ भी कर रहे होते हैं, हम सोच रहे होतेहैं कि क्या और कैसे करें । “आत्मबोध करने के लिए क्या करना चाहिए?”यह पहला प्रश्न लोगों ने मुझसे पूछा, जब उन्हें आत्मबोध नहीं हुआ था| “माँ हमें आत्मसाक्षात्कार पाने के लिए क्या करना है ?” तो फिर मुझे कहना पड़ा “कुछ भी नहीं, बस मेरी और अपने हाथ फैला दें है, और यह काम होजावेगा।” यह सच है, यह इस तरह से ही काम करता है। अब प्राप्ति के बाद, आपको कुछ करना होता है, जैसा कि वे कहते हैं। लेकिन फिर भी सवाल आता है आपको क्या करना है “इस चक्र को हटाने के लिए, इस चक्र के लिए हमें क्या करना चाहिए? तकनीक क्या है, क्या बात है? “आज के समय में सहज योगी के साथ परेशानी ये है कि वे सभी पहले से टेक्नोक्रेट हैं। उन्होंने Read More …