Devi Puja: “Keep Your Mother Pleased”

Vaitarna (भारत)

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                                “अपनी माँ को प्रसन्न रखें”, देवी पूजा

 वैतरणा (भारत), 21 जनवरी 1983

तो अब हम अपने पहले आधे दौरे के अंत में आ रहे हैं। अब हमें स्वयं पीछे देख कर  यह पता लगाने की कोशिश करनी होगी कि हमने इससे क्या हासिल किया है।

हमें यह समझना चाहिए कि सहज योग मस्तिष्क की गतिविधियों के माध्यम से नहीं किया जाता है। जैसे बहुत से लोग सोचते हैं कि यदि आप सिर्फ अपने आप से कहते हैं, “आपको ऐसा होना है”, तो यह काम करेगा। यदि आपको हर समय अपने आप को सूचित करना है कि, “ओह, आपको एक विशेष समस्या से छुटकारा पाना चाहिए”, तो आप बिलकुल ठीक हो जाएंगे। या कुछ लोग सोचते हैं कि अगर वे किसी को बताते हैं, कि ” आपके साथ क्या गलत है और आपको ठीक हो जाना चाहिए”, तो यह सब ठीक हो जाएगा। ऐसा नही है। क्योंकि सहज योग मानसिक स्तर पर काम नहीं करता है। यह आध्यात्मिक स्तर पर काम करता है जो मानसिक स्तर से बहुत ऊँचा है।

तो आपको क्या करना है यह समझना है कि अपने चक्रों को कैसे ठीक करें। और आपको यह समझना चाहिए कि अपनी मशीनों को कैसे कार्यान्वित करना है। शायद लोग अभी भी मानसिक स्तर पर रहते हैं और मानसिक स्तर पर समस्याओं को हल करने की कोशिश करते हैं। और इसीलिए सारी समस्याएं सामने आने लगती हैं। अब, यदि आपको किसी भी चक्र में कोई समस्या है या कुछ भी पकड़ने वाला है या आप पाते हैं कि आपके साथ कुछ गड़बड़ है, तो आध्यात्मिक स्तर के अलावा अन्य किसी तरीके के उपयोग का कोई लाभ नहीं।

कुछ लोगों का मानना ​​है कि अगर उन्होंने किसी विशेष तरह के कपड़े पहने हैं या अगर वे विशिष्ट तरह का दिखावटी व्यवहार करते हैं, तो वे वही बन जाते हैं। यह सच नहीं है। जैसे हमारे पास पश्चिम में हिप्पी हैं और वे सोचते हैं कि वे आदिम हो गए हैं। आप इस पर विश्वास करके आदिम न बनें। क्योंकि आप इतने अति विकसित हैं, कि आप आदिम नहीं बन सकते। तो सिर्फ मानसिक रूप से कुछ करने से हम कुछ बन नहीं जाते।

अब, यह मानसिक स्तर और भी सूक्ष्म रूप से लोगों में जा सकता है। आप में से कुछ लोग महसूस कर सकते हैं कि किन्ही आरती इत्यादि को हृदय से जानने से आप बहुत गहराई हासिल करेंगे, यह भी सच नहीं है। क्योंकि वह भी सिर्फ शब्द है। लेकिन, अगर यह आप के भीतर में एक जागृत बात है, तो वे मंत्र बन जाते हैं। और फिर आप इसे कार्यान्वित कर सकते हैं। लेकिन सबसे पहले आपको मंत्र बनाने की शक्ति प्राप्त करने के लिए एक निश्चित स्तर को प्राप्त करना होगा। इसके अलावा, जब आप कुछ आरती कहते हैं, तो यह आवश्यक संभावना नहीं है कि यह काम करेगा ही । आइए हम चीजों का सामना उस तरह से करें जैसे कि वे हैं तथा किसी अन्य बात के आदी ना हो जाएँ| आपको मंत्रों को समझने के लिए अपने भीतर एक निश्चित गहराई हासिल करनी होगी। सबसे पहले कम से कम आपके पास स्पष्ट-वायब्रेशन  होना चाहिए।

यदि आपके कुछ चक्रों पकड़े है, तो मेरी तस्वीर के सामने,  तस्वीर के लिए सभी सम्मान के साथ अपने चक्रों को बेहतर बनाने का प्रयास करें।  केवल यह तस्वीर ही  है जो इसे कार्यान्वित करने वाली है, अन्य कुछ नहीं या,  अगर मैं वहां हूं। लेकिन एक बार जब आपने आत्मज्ञान की एक निश्चित स्थिति हासिल कर ली है, तो आप अन्यथा भी मंत्रों का उपयोग कर सकते हैं, यह आपकी मदद करेगा। लेकिन सबसे पहले आपका दिल साफ होना चाहिए। मुझे पता चला है, सामान्य तौर पर, दो चक्र हैं जो अधिकांश पश्चिमी लोगों में ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। पहला हृदय है। इसका मतलब है कि हृदय स्वच्छ नहीं है, यह दिल साफ नहीं है, कि दिल में आप अभी भी एक छोटे व्यक्ति हैं, हृदय में आपने अपनी माँ को नहीं रखा है। आपको तस्वीर को निहार कर और अपनी माँ के प्रति सभी प्यार भरी भावनाओं को रख , उसके काम को समझने और उसे अपने हृदय में धारण कर अपने दिल को शुद्ध करना होगा। अगर दिल साफ नहीं है, तो हर चीज का कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह एक “कला हृदय”“dark heart”  है जो इन सभी चीजों को कर रहा है। दिल को साफ होना चाहिए, पूरी तरह से समर्पित और मुझे (माँ को) बाकी सब चीजों से पहले रखना ही  होगा। मैं आपको बता सकती हूं क्योंकि आप सभी सहज योगी हैं, मैं यह उन लोगों से नहीं कह सकती जो सहज योगी नहीं हैं।

अब, हम हमेशा सहज योग को अपनी शब्दावली से जोड़ने की कोशिश करते हैं, न कि परमात्मा से सम्बंधित शब्दों से। ईश्वर जो हैं सो हैं, वह स्वयं को नहीं बदल सकते हैं। बदलना आपको होगा। तो जो कुछ भी हम ईश्वर के बारे में सोचते हैं, वही उस पर लादना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई सोचता है कि वह मेरे साथ अच्छा या बढ़िया होने की कोशिश करता है, या यदि वह तथाकथित रूप से मेरे करीब है और, यदि वह सोचता है कि वह बेहतर आयोजन कर रहा है या वह ये या वो  काम कर रहा है या ऐसा कुछ भी , जहां उसे लगता है कि वह महत्वपूर्ण है क्योंकि वह ये या वो काम कर रहा है , तो उस व्यक्ति को पता होना चाहिए कि यह सब मानसिक है। दरअसल, आप कुछ नहीं कर रहे हैं। जब भी आप कुछ करने की कोशिश करते हैं, तो आप वास्तव में खुद को भ्रमित करते हैं और मुझे भी भ्रमित करते हैं।

आपने कल का उदाहरण देखा है। मुझे यकीन था कि उन्हें अगले दिन जाना था। लेकिन कोई भी मेरी बात नहीं मानता, और वे दौड़े और उन्होंने पाया कि टिकट अगले दिन के लिए थे। यह ज्ञान आपके पास आता है यदि आप साफ दिल वाले हैं। जैसे, कल मैंने कहा, “बेहतर है कि, आप ना आयें”। मुझे नहीं पता था कि वहां क्या स्थिति थी – बस मैंने कहा, “मत आओ” – समाप्त। क्योंकि मुझे पता था कि वहां क्या होने वाला है। इसलिए ऐसे स्पष्ट विचार आपको तब आते है जब आपका दिल साफ होता है। लेकिन सबसे पहले, लोग यह नहीं समझते हैं कि आपको इसे अपने दिल के माध्यम से काम करना है, न कि अपने मस्तिष्क के माध्यम से। जब हमें अपने मस्तिष्क के माध्यम से चीजों को कार्यान्वित करना होता है, तो हम अपने मस्तिष्क को विकसित करने की कोशिश करते हैं, क्या ऐसा नहीं है? याद करके, कुछ अभ्यास करके, हमारे दिमाग को यह सिखाना कि कैसे सोचा जाता है, कैसे ये या वो तरीका अपनाया जाए। हम अपने मस्तिष्क को प्रशिक्षित करने की कोशिश करते हैं।

अब हमें सहज योग में अपने ह्रदय को प्रशिक्षित करना है। और सहज योग में हमारे दिल को प्रशिक्षित करने के लिए, सबसे पहले यह जानना होगा कि यह अहंकार से या फिर प्रति-अहंकार से ढंका हुआ है। लिंबिक क्षेत्र वास्तव में दिल का प्रतिनिधित्व करता है। और अगर अहंकार है, तो हमेशा केवल नाम का ही दिल होगा, यह सच्चा कार्यरत दिल नहीं होगा, बल्कि यह केवल मानसिक, मानसिक प्रक्षेपण\कल्पना  है। और आप ऐसा महसूस जरूर करेंगे कि “मैं इसे अपने दिल से कर रहा हूं।” लेकिन यह सच नहीं है।

अब, माना कि हमें अहंकार है फिर क्या करें? आप कह सकते हैं कि आपको अपने आप को यह बताने की कोशिश करनी चाहिए कि यह ठीक नहीं है और यह और वह और सभी प्रकार के मानसिक सुझाव या स्व सुझाव वगैरह – जिस तरह से भी मनोचिकित्सक जानते हैं,  वे आपको सुझाव देते हैं। वह फिर से मानसिक है। इस तरह से यह काम करने वाला नहीं है। हमें यह समझना चाहिए कि इसके लिए हमें जो करना है वह है, बायीं बाजु से उठा कर दायीं ओर डालना है। कोई दूसरा रास्ता नहीं है आपको इसे केवल अपने हाथों से काम करना है, आपके हाथ इसे कार्यान्वित  कर रहे हैं, न कि आपका दिमाग। इसलिए अपने हाथों और सहज योग की विधियों का उपयोग करें।

अब, हर किसी को पानी में नियमित रूप से बैठना चाहिए, यह महत्वपूर्ण है। हर सुबह आपको अपना ध्यान करना चाहिए। क्योंकि मानसिक स्तर पर हमें लगता है कि हम माँ के साथ रहे हैं, सब ठीक है, यह सब ठीक है। आपने आ कर देखा कि भारतीय कैसे हैं और वे अपने पैरों पर कितने हलके हैं और कैसे सहज योग के लिए अच्छे हैं। लेकिन यह सब देखने के बाद कि आपको पता है कि सहज योग पर काम किया जाना है, इसमें सोचना नहीं चाहिए। आप इसके बारे में बिलकुल भी सोच नहीं सकते। आप अपने विचार के माध्यम से जो भी करने की कोशिश करें, आप सहज योग में कोई भी परिणाम प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

आपको अपने हाथों का उपयोग करना होगा, आपको अपने पैरों का उपयोग करना होगा, आपको अपने पैरों को पानी में भिगोना होगा क्योंकि पानी महासागर है। ये सभी पाँच चक्र – या, कहें, छह चक्र जो हैं – मैं पाँच कहती हूँ क्योंकि … एक मूलाधार चक्र है, जो सातवाँ है, और सबसे ऊपर मस्तिष्क है। इसलिए वहाँ बीच में जो पाँच चक्रों हैं  – उन्हें पूरी तरह इस रौशनी में संभालना चाहिए कि, मूल रूप से वे पदार्थ (पञ्च तत्व)से बने हैं। और ये पांच तत्व इन चक्रों के शरीर का निर्माण करते हैं। अब, इन चक्रों को, यदि उन्हें ठीक किया जाना है, तो हमें इन चक्रों की सभी समस्याओं को उन तत्वों में निकाल कर उन्हें सुधारना होगा, जहाँ से वे आ रहे हैं। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति जो एक बहुत ही दाएं तरफा व्यक्ति है। इस के लिए उसे बाईं बाजू से संतुलन प्रदान करना होगा। बेशक, हाथ से उठा कर डालना सब ठीक है, लेकिन तत्व के बारे में क्या? दाएं तरफा व्यक्ति में सभी गर्मी देने वाले तत्व होते हैं : हम कह सकते हैं, प्रकाश, हम कह सकते हैं, आग। तो ऐसे दाएं तरफा व्यक्ति के लिए  अग्नि या प्रकाश बहुत मदद करने वाले नहीं हैं। जैसे अगर आप तस्वीर के सम्मुख  दीप जलाते हैं, और यदि आप सिर्फ प्रकाश का उपयोग करते हैं, तो जो अहं-उन्मुख लोग हैं -उनके लिए यह काम करने वाला नहीं है। तो जो काम करने जा रहा है, वह धरती माता और जल तत्व है, जो ठंडा है। यहां तक ​​कि बर्फ उन लोगों के लिए बहुत सहायक है जो दाएं तरफा व्यक्ति हैं। इसलिए सभी शीतलन प्रभाव का उपयोग आपके दाएं तरफा को सही करने के लिए किया जाना चाहिए, ताकि आप इसे ठंडा कर सकें।

भोजन के बारे में भी। भोजन में, जो लोग दाएं तरफा व्यक्ति हैं, उन्हें उन खाद्य पदार्थों को लेना चाहिए जो बाएं-तरफा हैं, यानी कि जो कार्बोहाइड्रेट हैं – इसका मतलब है कि उन्हें आंशिक रूप से शाकाहारी बनना चाहिए, या काफी शाकाहारी होना चाहिए – और चिकन जैसी चीजें तो खा सकते हैं, लेकिन मछलियों को नहीं। ना हीं, समुद्री भोजन क्योंकि वे सभी गर्म हैं। इस प्रकार आप अपने चक्रों के भौतिक  पक्ष के साथ व्यवहार कीजिये। अब, फिर बाएं पक्षीय लोगों को, दीप –  प्रकाश या आग का उपयोग उनके बाईं ओर ठीक करने के लिए करना चाहिए। भोजन में भी ऐसे लोगों को नाइट्रोजेनस, प्रोटीन और खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए। उन्हें अधिक प्रोटीन लेना चाहिए।

अब, जहां तक ​​सहज योग का संबंध है, मूल बात कुंडलिनी की है। और कुंडलिनी, जैसा कि मैंने आपको बताया है, शुद्ध इच्छा है। फिर से, इसे ध्यान से सुनें: शुद्ध इच्छा। इसका मतलब है कि अन्य सभी इच्छाएं अशुद्ध हैं। केवल एक ही शुद्ध इच्छा है। और वह है परमात्मा के साथ एकाकार होना। ब्रह्म के साथ एकाकार, ईश्वर के साथ एकाकार होना  – वह एकमात्र शुद्ध इच्छा है। अन्य सभी इच्छाएं अशुद्ध हैं। तो अपने मन को धीरे-धीरे प्रशिक्षित करें ताकि वह उस शुद्ध इच्छा को मुख्य चीज के रूप में प्राप्त कर सके। यदि आप अपने मन को उस तरीके से प्रशिक्षित करते हैं, तो आप शुद्ध इच्छा विकसित कर सकते हैं, इस प्रकार धीरे-धीरे अन्य सभी इच्छाओं का निरोध हो जायेगा। ठीक है।

अब, परमात्मा के साथ एकाकार होने की यह इच्छा सबसे शुद्ध और सर्वोच्च है। और यह हासिल करने के लिए कि आपको क्या करना है? उसे प्राप्त करने के लिए आपको अपनी माँ को प्रसन्न रखना होगा। बहुत सरल। आदि शंकराचार्य ने कहा है कि आप इसके बारे में परेशान न हों, बस अपनी माँ को प्रसन्न रखें। आपको एक साधारण व्यक्ति बनना होगा, मेरे साथ चालाक होने की कोशिश नहीं करनी चाहिए या मेरे साथ चतुर नहीं होना चाहिए, मैं सभी को अच्छी तरह से जानती हूं। खुद को यह बताने की कोशिश करें कि “मुझे ऐसी बातें कहना चाहिए, मुझे इस तरह से व्यवहार करना चाहिए जिससे मेरी माँ खुश हो।” मान लीजिए कि आप सहज योग में हैं और आप गलत काम कर रहे हैं। इससे मुझे बिल्कुल प्रसन्नता नहीं होने वाली है। तो माँ को कैसे प्रसन्न किया जाए ?- कि आपको खुद देखने की कोशिश करनी चाहिए कि, किस तरह की चीज मुझे ( माँ को)सबसे अच्छी लगती है। मैं भी बहुत सरल इंसान हूं। इसलिए मैं एक साधारण दिल वाला व्यक्ति चाहती हूं जो इसके बारे में सरल हो।

उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति जो बहुत अधिक दिखाने की कोशिश करता है, वह हमेशा पहला बनने की कोशिश करता है या हमेशा ऐसा बनने की कोशिश करता है …जैसे एक सिनेमा स्टार  – मैं ऐसे लोगों को पसंद नहीं करती। आपको खुद को प्रस्तुत करने में बहुत शांत और बेहद शर्मीला होना चाहिए। क्या मैं दिखावा करती हूं कि मैं आदि शक्ति हूं? मैं नहीं करती। मैं आपकी तरह रहती हूं, बिल्कुल आपकी तरह, क्या मैं दिखावा करने की कोशिश करती हूं? तो फिर तुम्हे मेरे सामने प्रदर्शित करने की कोशिश क्यों करना चाहिए? तो उस तरह का व्यक्ति अच्छा नहीं है। दूसरे,  मेरे साथ आपको तनाव नहीं होना चाहिए, तनाव होने की आवश्यकता नहीं है। अगर मुझे आपमें कुछ गलत लगता है, अगर मैं आपको डाँटती भी हूँ – यह आपके भले के लिए है। अगर मैं एक अच्छा शब्द कहती हूं – यह आपके अच्छे के लिए है। मेरा सहज योग इस तरह काम करता है। मेरे पास पूरी दुनिया में किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है, न ही कोई नफरत है और न ही इस दुनिया में किसी के लिए कोई क्रोध है। मेरे पास करुणा के सिवा कुछ नहीं है, लेकिन करुणा में कभी-कभी मुझे डांटना पड़ता है और उसी करुणा में मुझे बड़े करुण रूप से भी बोलना पड़ता है।

तो दोनों तरह से यह आपकी मदद करता है, यह आपको दोनों तरीकों से मदद करता है। तो भगवान का शुक्र है कि आपके पास कोई है जो आपको सही समय पर, आपके अच्छे के लिए सुधार करेगा, क्योंकि आप संत हैं। और आप परमेश्वर के राज्य की स्थापना के लिए इस पृथ्वी पर आए हैं। आपको यही करना है और यदि आप ऐसे लोग हैं, जो सम्मानित नहीं हैं, जो समझदार नहीं हैं, जिन्हें सम्मान नहीं मिला है, जो सस्ते तरीके से व्यवहार करते हैं, तो लोग आपको कैसे स्वीकार कर सकते हैं। इसलिए इस हृदय चक्र को सबसे पहले देखा जाना चाहिए। अपने हृदय से – इच्छा करें कि आप अपनी माँ को प्रसन्न रखेंगे। यहां तक ​​कि अगर मैं आपसे नाराज हूं, तो इसके बारे में बुरा मत सोचो। यह एक संकेत है कि सहज योग अभी तक विकसित नहीं हुआ है। अगर मैं आपको डाँटती हूँ, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि आप में कुछ है जिसे बाहर निकलना है और जिसे मुझे डाँटना है ताकि वह दूर हो जाए। इसलिए इसे केवल एक सुधार कार्य बिंदु के रूप में स्वीकार करें जो आपके लिए अच्छा है, किसी प्रकार का कांटा आपके भीतर है जिसे दूसरे कांटे से निकालना है, और माताजी ने इसे बाहर निकाल लिया है।

एक बार जब आप अपनी माँ की करुणा को समझने लगेंगे तब,  मेरा आपसे कुछ भी कहना, मेरा आपको सुधारना या मेरा यह कहना कि यह गलत है, आप बुरा नहीं मानेंगे।। क्योंकि मुझे वह करना है। अब, वे लोग जिनके पास अच्छा दिल, साफ दिल नहीं है, वे इसे नहीं समझ सकते। वे इसे समझ नहीं सकते। बहुत कठिन। इसलिए आप अपनी माँ के प्रति अपना हृदय साफ रखें। मैं आपके लिए जो कुछ भी करती हूं वह सिर्फ एक आशीर्वाद है, आपके लिए हमेशा एक आशीर्वाद है। मैं आपके लिए जो कुछ भी कर रही हूं वह एक आशीर्वाद है, याद रखें। अब, एक और चक्र जो बुरी तरह से आप में से अधिकांश के साथ पकड़ा गया है, आपका नाभी चक्र है, यह सुझाव देता है कि आप अभी भी बहुत भौतिकवादी हैं। छोटी छोटी चीजों में भी हम भौतिकवादी होते हैं, यह सूक्ष्म और सूक्ष्मतर और सूक्ष्मतम होता जाता है…

इसलिए यह समझने की कोशिश करें कि पदार्थ इतने महत्वपूर्ण नहीं है। पदार्थ सिर्फ एक-दूसरे को खुश करने के लिए है। विशेष रूप से, अपनी माता को प्रसन्न करने के लिए । इसका अन्य कोई मूल्य नहीं है। इसलिए आपको भौतिकवादी होने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, इस अर्थ में कि, आप देखते हैं, एक छोटी सी चीज के लिए आपको यह करना होगा, एक छोटी सी चीज के लिए आपको वह करना होगा। यह सब कोई भी महत्वपूर्ण नहीं है। अगर यह अच्छी तरह से कार्यान्वित होता है,ठीक है और अगर यह काम नहीं करता है -तो भी ठीक है | तो, आप देखते हैं, नाभी चक्र बहुत व्यक्तिगत है, बहुत व्यक्तिगत है। यह हर किसी की निजी चीज है। यदि आपकी इच्छा केवल लक्ष्मी शक्ति की ओर है, तो जाने कि, आप चाहते हैं कि आपके पास अधिक धन हो या आप यहां-वहां की छोटी-छोटी बिना किसी आध्यात्मिक मूल्य की चीजों का ध्यान रखते हैं, तो ज्यादा से ज्यादा आपका लक्ष्मी तत्व जागृत हो भी सकता है।

लेकिन इस लक्ष्मी तत्व को महालक्ष्मी तत्व बनना पड़ता है। जो कि आपके उत्थान  के लिए है। और बस उस महालक्ष्मी तत्व को प्राप्त करने के लिए आपको ऐसा कुछ करना है की आपकी सभी भौतिक चीजों और आपकी सामग्री का इस तरह से उपयोग करना है कि आप मुझे प्रसन्न कर दें। यह बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए आपको कुछ ऐसा नहीं करना चाहिए जो मुझे प्रसन्न न करे। यह बहुत महत्वपूर्ण है, हर किसी को समझना चाहिए मैं चाहती हूं कि आप यह समझें कि जब आप कपड़े भी पहनते हैं, तो , कुछ चीजें जो मुझे पसंद नहीं होती हैं, जैसे कि अव्यवस्थित बाल आदि। यह फैशन का हो सकता है, जो भी हो, लेकिन मुझे यह पसंद नहीं है। हमेशा अच्छी तरह से कंघी करना चाहिए, ठीक से बाल बनाना चाहिए। इन आधुनिक चीजों को आपको छोड़ देना चाहिए, अव्यवस्थित बालों का, क्योंकि यह आपके अंदर आने वाले पक्के भूतों का संकेत है। यदि आपके बिखरे बाल हैं, तो भुत व्यक्ति को पहचान लेते हैं और वे ऐसे व्यक्ति में आ जाते हैं, जिसके बाल उलझे हुए होते हैं। इसलिए अपने बालों को उचित तरीके से बनाने की कोशिश करें, अब भारतीयों को देखें कि वे कैसे अपने बाल बनाते हैं|

उन्हें देखें: वे सभी अपने बालों को ठीक से बनाते हैं। चूँकि – मुझे आपके बालों से कोई लेना-देना नहीं है, मैं कोई हेयरस्टाइल करने वाली व्यक्ति या ऐसी कोई भी नहीं हूं, लेकिन – अगर आपके बालों में अच्छी तरह से कंघी नहीं की गई है, तो निश्चित रूप से आप परेशानी में हैं। तो इन बातों पर ध्यान दें।

फिर, कुछ लोगों को अव्यवस्थित कपड़े पहनने की आदत होती है, यह भी अच्छी बात नहीं है। आपको ख़ूब व्यवस्थित, साफ़ सुथरे कपड़े पहनने होंगे। इसलिए नहीं कि यह भौतिक है, बल्कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि यदि ऐसा नहीं है, तो इस तरह की सामग्री सभी बाधाओं को आपकी ओर आकर्षित करेगी। आपको अपने आप को साफ और स्वच्छ रखना चाहिए क्योंकि ये बाधा प्रवेश नहीं करना चाहिए। ये सभी विचार जो पश्चिम में आए हैं वे किसी शैतानी ताकत से आए हैं। यह सुंदर नहीं दिखता,किसी भी आध्यात्मिक व्यक्ति के लिए,  किसी भी तरह से यह अच्छा नहीं लगता। हमें अपनी शैलियों को बदलना होगा जो कि दिव्यता को आकर्षित करेंगी और न कि भूतों को। हम नहीं चाहते हैं कि कोई भी भूत हम पर आए। यदि आप इस सरल तथ्य को समझते हैं, तो आप इस तरह से कपड़े पहनना शुरू कर देंगे, जो आधुनिक नहीं भी हो, या प्राचीन ना भी हो सकता है, जो कुछ भी हो  – साफ-सुथरा, साफ-सुथरा, स्पिक-एंड-स्पैन हो। अन्यथा, भी, यदि आप अधिक से अधिक चीज़ों को देखते हैं, तो एक हजार एक चीजें जो स्वभाव और प्रकृति में प्लास्टिक हैं का संग्रह का कोई फायदा नहीं हैं। आपके पास थोड़ी चीजें होनी चाहिए जिनका कोई आध्यात्मिक मूल्य हो। ना की सभी असाधारण चीजें जो हम रखने की कोशिश करते हैं जिनका कोई आध्यात्मिक मूल्य नहीं है। इसलिए कोशिश करें कि आप इन सभी निरर्थक चीजों को जमा न करें। धीरे-धीरे आप कम करते जाएंगे, आप कम करते चले जाएंगे। आपके पास सरल जीवन, बेहतर चीजें और आध्यात्मिक चीजें होंगी।

जो कुछ भी आप खरीदते हैं, वायब्रेशन देखें और फिर खरीदें, अन्यथा बस न खरीदें। क्योंकि सभी प्रकार के निरर्थक भूत आपके घर में होंगे और आप परेशान होंगे। तो जो कुछ भी आप खरीदना चाहते हैं, आपको वायब्रेशन संबंधी जागरूकता पर देखना होगा। यदि आप नहीं समझ पाते हैं तो, किसी और से पूछें, किसी एक सहज योगी से मदद लें। लेकिन सिर्फ इसलिए आप चीजों को ना खरीदते जाएँ क्योंकि आपको लगता है कि वे सस्ते हैं, या वे बढ़िया हैं, या अच्छे हैं। इसलिए ऐसी चीजें खरीदने की कोशिश करें, जो वाइब्रेंशन-के तौर सब ठीक हो। और अगर ऐसा नहीं है – ख़त्म करें,  यह महत्वपूर्ण नहीं है। ऐसा कि,  “मुझे इसे खरीदना होगा, मुझे इसे खरीदने के लिए बॉम्बे जाना होगा” -ऐसे विचार ही गलत है।

अब, हर समय चित्त अपने अंदर होना चाहिए। मैंने देखा है कि हमारा चित्त बाहर की ओर है। उसके कारण, जो हम बाहर देखते हैं, वह वायब्रेशन के लिए अच्छा नहीं है। लेकिन अगर आपका चित्त अंदर है, तो आप ऐसी कोई चीज नहीं खरीदेंगे जो वायब्रेशन के लिए अच्छी न हो। या कुछ चीजों के आप मालिक नहीं रहेंगे, आप बस फेंक देंगे। लेकिन चित्त बाहर है और इस वजह से आपको यह नहीं पता है कि इस का आकलन कैसे करना है। नाभी चक्र का भी ध्यान रखना होगा | इसके लिए आपको सोचना नहीं पड़ेगा, आपको इसे कार्यान्वित करना होगा, देखें कि नाभी का कौन सा बाजू पकड़ रहा है।

यदि दाईं ओर पकड़ है, तो आपके लिए चीनी सर्वोत्तम है। शक्कर \चीनी कई चीजों का प्रतिनिधित्व करती है। चीनी का मतलब है आपकी, जीभ भी मधुर होनी चाहिए, आपको मीठा बोलना चाहिए। लोग सोचते हैं कि अगर आप किसी से मीठी-मीठी बातें करते हैं, तो लोग सोचने लगेंगे कि आप किसी किसी चीज में काम के नहीं हैं या आप बिल्कुल दब्बू इंसान हैं। हमें नम्र बनना होगा। हमें निरहंकारी और विनम्र होना चाहिए, हमें सीखना चाहिए कि एक-दूसरे से मीठी बातें कैसे करें। और अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि कैसे बोलें, तो अधिक चीनी, वायब्रेटेड चीनी लें। यह आपकी जीभ को मीठा और मधुर बना देगा, और किसी अन्य व्यक्ति के बारे में आपके विचारों को कठोर और आलोचक बनाने की बजाय मधुर कर देगा| तो दायीं बाजु तरफ़ा right sided लोगों के लिए चीनी के उपभोग का सुझाव दिया जाता है।

बायीं बाजू तरफ़ा left-sided लोगों के लिए – नमक। बाएं तरफा लोगों को नमक अधिक लेना चाहिए, और नमक के साथ वे कई समस्याओं को हल कर सकते हैं क्योंकि नमक उन्हें एक व्यक्तित्व देता है, एक प्रेरणा जिसके द्वारा वे खुद को एक गरिमामय तरह से व्यक्त कर सकते हैं और इसलिए बहुत सुस्त नहीं है। इसलिए आपकी बातों या व्यवहार या हर चीज की गति मध्य में होनी चाहिए। यह सुस्त नहीं होना चाहिए, न ही बहुत जल्दी-जल्दी और तेज और व्यस्त होना चाहिए। तो आप समझेंगे कि सहज योग सब कुछ का मध्य बिंदु है। हर चीज को मध्य में लाने की कोशिश करनी चाहिए। एक अति से दूसरी अति तक नहीं। अगर आप बहुत ज्यादा बात करते हैं और बहुत ज्यादा बकबक करते हैं और अगर आप तेज हैं, तो सतर्कता से अपनी गति को कम करने की कोशिश करें। आपको सचेत रहना होगा। देखें, “मेरी गति बढ़ रही है; मुझे बात करने की कोई आवश्यकता नहीं है। मुझे रुकना चाहिए| ” लेकिन जो लोग बिल्कुल भी बात नहीं करते हैं वे भी अच्छे नहीं होते हैं। इसलिए जो लोग बात करते हैं या जो नहीं बात करते हैं, उन्हें केवल एक ही बात समझनी होगी – कि हम जो भी बात करते हैं, हम मध्य रह कर बात करते हैं। एक बार जब आप समझ जाते हैं तब चीजों के प्रति आपकी प्रतिक्रियाएं बिल्कुल मध्य में, संतुलित और सुंदर होंगी।

अब, यह सब मेरे लिए है, मैं इस समय कह सकती हूं क्योंकि समय हमारे लिए भी कम है – हम सभी ने अपने प्रवास का पूरा आनंद लिया है, मुझे लगता है, इसलिए आप सभी खुश हैं और हमने इसे अच्छी तरह पूरा किया है। और यह हम सभी के लिए काफी सबक है और आनंद का एक बहुत अच्छा अनुभव भी है। इसलिए – किसी भी चीज़ के बारे में दोषी महसूस नहीं करना क्योंकि दोषी महसूस करने पर आप का काबू नहीं रहता है। दोषी महसूस करना एक पलायन है, आपको इसका सामना करना चाहिए। आपको इसका सामना करना चाहिए और देखना चाहिए, अपने आप को ठीक करना चाहिए – और इसके साथ एकाकार होना चाहिए। यह बस दोषी या आक्रामक महसूस करते रहने से बेहतर तरीका है।

यह ठीक तरीका नहीं है – क्योंकि मैंने कहा कि यह मानसिक नहीं है। इसलिए यदि आप इन दो चक्रों पर इन कुछ बिंदुओं को समझते हैं – नाभी और आपका हृदय – यदि आप इन दो बिंदुओं को स्पष्ट रूप से समझते हैं कि, आपको इसे स्वच्छ रखना चाहिए, और उस की अभिव्यक्ति आपके व्यवहार में, आपके पहनावे में, आपके चलने में दिखाई देगी। गति, बातचीत और सब कुछ बाहरी तौर पर लेकिन आप बाहर से नहीं अपितु अंदर से हीं जा सकते। माना कि कोई ऐसा कहता है कि, सब ठीक है, “माँ, मैंने अपने बालों को बहुत अच्छी तरह से कंघी किया है, इसलिए मैं बिल्कुल ठीक हूँ।” ऐसा नहीँ है। जरुरी नहीं। यहां तक ​​कि अगर आपने अपने बालों को कंघी किया है, तो भी आप भूत ग्रस्त हो सकते है। लेकिन संभावना कम से कम  है।

तो किसी भी व्यक्ति को यह समझना होगा, कि इसके लिए काम करना होगा। मुझे लगता है, यह वास्तव में यह आपके दिमाग में बैठ जाना चाहिए कि सहज योग पर काम किया जाना है। आप अपने आप को यह नहीं बता सकते हैं कि, “ओह, मैं बहुत खुश हूं”, क्योंकि यह आपके अहंकार को सहलाता है, या “बहुत दुखी” क्योंकि यह आपके प्रति-अहंकार के माध्यम से परेशान कर रहा है। “मैं बहुत खुश नहीं हूं”, “मैं बहुत खुश नहीं हूं” “मैं बहुत खुश हूं” या “मैं बहुत दुखी हूं”। यह तरीका नहीं है आपको आनंद में रहना है। और ये चीजें काम कर सकती हैं। आपके पास खुद के प्रति धैर्य होना चाहिए, खुद के लिए प्यार और गरिमा, कि आप सहज योगी हैं। प्रत्येक व्यक्ति को इसे स्वयं के लिए कार्यान्वित करना पड़ता है, ताकि संपूर्ण सुधर सके।

कुछ लोग हो सकते हैं जो केवल दूसरों के बारे में ही चिंतित हैं। अपने बारे में चिंता करें – और दूसरों की अच्छाई देखें, बुराइयां नहीं बल्कि दूसरों की अच्छाईयों। और, ऐसा भी कि, अगर किसी को आपको ऐसा बताना पड़े कि आपको संगठित\व्यवस्थित होना चाहिए, तेजी से आगे बढ़ें वगैरह तो इसका बुरा न मानें, हमें ऐसा ही होना है। हमें बहुत जल्दी बनना है, हमें इस दुनिया में बहुत काम करना है, हमारे पास बर्बाद करने का समय नहीं है। हमारे पास बर्बाद करने का समय नहीं है। यह बहुत जल्दी होना है और हमें इसके बारे में बहुत शीघ्र और स्वस्थ होना है। जैसा कि आप जानते हैं कि – इस यात्रा में आपने देखा है कि – मैं आप लोगों की तुलना में कितना काम कर रही हूँ। और मैं आप लोगों की तुलना में बहुत अधिक उम्रदराज़ हूँ। ठीक है, आप कह सकते हैं कि “माँ, आप आदि शक्ति हैं”, यह सब ठीक है, लेकिन मैं आपकी आदर्श हूँ। किसी भी स्थिति में, यदि कोई व्यक्ति आपका आदर्श है, तो उस व्यक्ति की तरह बनने की कोशिश करें, उन गुणों को अपने अंदर ग्रहण करने का प्रयास करें।

इसलिए, अब मुझे उन सबसे विदाई लेनी पड़ सकती है, जो दूर जा रहे हैं। मुझे आशा है कि मैं आपको देख पाऊंगी, लेकिन जैसा कि आप जानते हैं, मेरे पास कार्यक्रम और कार्यक्रम और कार्यक्रम हैं। मुझे नहीं पता कि मैं कहां रहने वाली हूं और मैं कहां रहूंगी – किसी भी स्थिति में, मैं वहां रहने की कोशिश करूंगी। तो कार्यक्रम आज है, मेरे पास एक कार्यक्रम है, जिसके लिए मुझे जाना है, आपको नहीं जाना है। अब आप कलवा जा रहे हैं जहाँ आप अपना दोपहर का भोजन करेंगे, मैं वहाँ रहूँगी। एक गांव में, एक गांव के रस्ते में वे आपके लिए कुछ पका रहे हैं। और फिर मैं खुद कुछ अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त रहूंगी, इसलिए मैं सीधे बॉम्बे चली जाती हूं। फिर कल सुबह मेरा एक कार्यक्रम है, आपके पास कोई कार्यक्रम नहीं है। इसलिए – मुझे नहीं पता, आप में से कुछ को आना पड़ सकता है, मुझे नहीं पता कि स्थिति क्या है – किसी भी स्थिति में, अगर आपको खरीददारी करने जाना है, तो आप बॉम्बे में कुछ खरीददारी कर सकते हैं और चीजें प्राप्त कर सकते हैं अपने लिए यदि आप इसे करना चाहते हैं, तो जो वापस जा रहे हैं। और शाम का समय है… कामाक्षी और मैल्कम की शादी। और जो भी आप सामूहिक रूप से देना चाहते हैं, उनके लिए एक उपहार, जो भी आपको करना है, आप इसे कल सुबह कर सकते हैं। और फिर परसों सुबह  … 23 तारीख सुबह आप … आप में से अधिकांश को दिल्ली जाना है। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो दिल्ली नहीं जा रहे हैं। अब वे हाथ उठाएं जो 23 तारीख को दिल्ली नहीं जा रहे हैं। वारेन? वारेन? वॉरेन नहीं जा रहा है? वॉरेन, यह क्या है, आप नहीं जा रहे हैं? ठीक है। तो … 

योगी: समूह के बाकी, तिरेपन लोग जा रहे हैं। 

ठीक है। तो आप सब जा रहे हैं। जो लोग नहीं जा रहे हैं, उनमें से जो … जो दिल्ली जा रहे हैं, वे 23 को नहीं बल्कि बाद में अपने हाथ खड़े कर दें। लंदन और यूरोप के लोग। तो यह दूसरा समूह है। अब जो लोग दिल्ली जा रहे हैं, कृपया देखें कि आप अपनी सीट बुक करें। देखिये, आपको मुझे इस बारे में सिरदर्द नहीं देना चाहिए, इसलिए आप अपनी सीटें ठीक से बुक करें। आप सभी को अपने आरक्षण नहीं मिल सकते हैं, आप में से कुछ ट्रेन से जा रहे हैं। और दिल्ली में लोगों को सूचित करें, खुद इसे व्यवस्थित करें। आप देखिये? आपके पास मदद करने के लिए आपके साथ पेरकर और कोई और जयवंत हो सकता है। कि जो लोग जा रहे हैं – ये दो व्यक्ति, पेरेकर और जयवंत आपकी देखरेख करेंगे, आप अपनी सीटें बुक करें … तो आप अपनी सीटें बुक करें। फिर किसी को भी दिल्ली के लोगों से बात करनी चाहिए और पता लगाना चाहिए, क्योंकि वे आपको लगभग सात दिनों के लिए अपने साथ रखना चाहते हैं।

अब, 26 जनवरी आप सभी को वहां होना चाहिए, मुझे उम्मीद है कि आप सभी वहां जाने वाले हैं। 26 वीं सुबह वे आपको परेड देखने के लिए आसपास ले जाना चाहते हैं, मैं वहां नहीं भी रहूँ, 26 की शाम मैं वहां हो सकती हूं, मुझे नहीं पता। 27 को कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं। इसलिए 26 तारीख तक आपको जो भी करना है, आप समाप्त कर सकते हैं, और 27 को  मैं अपना कार्यक्रम शुरू कर रही हूं, लेकिन फिर भी आप उनके साथ रहेंगे, मुझे लगता है। उन्हें ये फ्लैट 28 तारीख से मिल गए हैं। तो उन्हें आपके बारे में गलत धारणा है, उन्हें लगता है कि आप सभी को अटैच्ड बाथरूम और जुड़ी हुई चीजें चाहिए, इसलिए उन्होंने फ्लैट लिए हैं। और मैंने उनसे कहा कि “फ्लैट नहीं लें  -क्योंकि सबसे पहली बात वे महंगे हैं और वे लोग यह चाहते भी नहीं, वे तो एक बंगले में जाना चाहते हैं लेकिन मुझे पता नहीं है, उन्हें भी ऐसी धारणाएं हो गई हैं चूँकि, उन्हें लगता है कि आप बाथरूम से बहुत लिप्त हुए हैं,  … जो सच भी है। इसलिए उन्हें लगता है कि वे हमें बाथरूम से जुड़े कमरे देकर हम पर उपकार कर रहे हैं, आप देखिए। तो इसीलिए ऐसा हुआ है, अब, जो भी हुआ है वह हुआ है।

अब, विवाह के लिए। हमने इन दिनों शादियां तय की हैं। अब सूची किसे मिली है? सूची किसे मिली है?

 योगी: इंग्लैंड ने गलती से [NAME] को [NAME] बना दिया था, उसे वहां नहीं होना चाहिए था| वह स्विट्जरलैंड से है। इसके अलावा, वह पूरी सूची है। उसकी शादी पहले से ही तय हो चुकी है। इसलिए, मुझे पता नहीं है, लेकिन यह लगभग अस्सी प्रतिशत तय है। तो … अब, यह आपने मुझे दिया है, लेकिन अब मैं यह कहने की कोशिश कर रही हूं, कि किसने किसे चुना है, यह अभी तक ज्ञात नहीं है। तो इस सूची को पास करें और जब तक आप दिल्ली में हैं तब तक आप मुझे बताएं। 6 तारीख को विवाह होने वाले हैं। इसलिए अभी भी हमारे पास इसे सुलझाने का समय है। 6 तारीख पर।

योगी: मुझे लगता है कि उनमें से अधिकांश कुछ सुझाव देने के लिए आप पर भरोसा कर रहे हैं। 

नहीं, मैं नहीं दूंगी। मुझे माफ करें श्रीमान। मुझे नहीं, सर। आप तो मजाक जानते हैं? बाड़ पर एक साथी बैठा था और एक अन्य सज्जन गए और एक कार में जा रहे थे, उन्होंने उससे पूछा, “आप ऐसी जगह कैसे जाते हैं?” तो उसने बस उसे देखा, उसने कहा, “मैं नहीं, क्षमा करें, मैं आपको बताने वाला नहीं हूं।” उन्होंने कहा, “क्यों?” उन्होंने कहा, “मैंने जिसे पहले बताया था उसने मेरी नाक पर मुक्का मारा है। मैं नहीं, क्षमा करें। ” क्या आप कृपया अपने लिए खुद निर्णय लेंगे क्योंकि निर्णय लेना अहंकारवश बहुत अधिक है। इसलिए आप इसे उचित तरीके से करें। अपने निर्णय स्वयं लें, आप बेहतर तरीके से उस पर टिके रहेंगे। फिर भी वह (अहंकार)मौजूद है। मौजूद है, हम इस बारे में क्या कर सकते हैं। यह (अहंकार) अभी भी मौजूद है। तो बेहतर है … यह सूची है, आप इसे देखें , अपने चयन और विकल्प बनायें और किसी पर दबाव नहीं डालें। क्योंकि फिर से वही प्रश्न, “नहीं, क्षमा करें”।

यह जिस तरह से हम चीजों को करते हैं ,बेतुका, बेतुका, बिल्कुल बेतुका है। विवाह एक तरह से  इतना महत्वपूर्ण नहीं है। इतना महत्वपूर्ण नहीं है। लेकिन यह अहंकार वापस आ जाता है और, “मैंने फैसला कर लिया है और अब मुझे नहीं मिल रहा है”, और फिर ऐसा और – यह सब बकवास है। तो उस विचार के साथ कि एक बार शादी करने के बाद आप हमेशा के लिए शादी कर लेते हैं। ठीक से निर्णय लो।तो,  मैं आप सभी को आशीर्वाद देती हूं – सभी दुल्हन और दुल्हन। लेकिन मुझे लगता है कि दुल्हनों की तुलना में अधिक दूल्हे हैं।

 योगी: हाँ, यह सच है, माँ।

इसलिए मुझे कुछ दुल्हनों का पता लगाना होगा। 

योगी: उनमें से एक- दो  – उनमें से दो ने विशेष रूप से पूछा है कि क्या वे किसी समय भारतीय महिलाओं से शादी कर सकते हैं जरूरी नहीं कि इस बार, माँ। एक ऑस्ट्रेलिया से है … ऑस्ट्रेलिया से दो।

 अच्छा विचार।

 योगी: वे महाराष्ट्रियन लड़कियों से शादी करना पसंद करेंगे| 

वह जो था .. आप जिसके बारे में बता रहे थे, वह लगभग 39 वर्ष या कुछ और था। योगी: हां, वह … वह उनमें से एक है। 

और … उसके लिए मुझे एक लड़की मिली लेकिन वह अभी तक तलाकशुदा नहीं है, आप देखिए। वह अभी तक तलाकशुदा नहीं है।

तो, आपके पास कोई अन्य प्रश्न हैं, कृपया पूजा शुरू करने से पहले मुझसे पूछें। अच्छा विचार। कोई और सवाल? यदि आपके पास वास्तव में कुछ सवाल है, तो पूछें, अन्यथा हमें पूजा को तेजी से खत्म करना होगा और हमें निकल जाना होगा। योगिनी: शायद हम में से कुछ लोग यह नहीं जानते कि वे कौन लोग हैं जो दिल्ली के लिए हमारे टिकटों की देखभाल कर रहे हैं, मैं उनसे परिचित नहीं हूं, मैं लोगों को नहीं जानती, क्या कोई ऐसा व्यक्ति है जिससे मैं परिचित हो सकती हूं। इसलिए हम दिल्ली के लिए हमारे टिकटों के बारे में देखना जानते हैं, मुझे उनके नाम नहीं पता हैं। मुझे वास्तव में अमेरिका जाना है कि समझना चाहती हूँ कि, आपने जो कहा था। उसने क्या कहा? 

योगी: श्री माताजी के टिकटों के बारे में – 

उन्हें वॉरेन को मिलने के लिए कहें। वॉरेन, आपको वॉरेन को देखना चाहिए। ठीक है। ब्रायन। ब्रायन और वॉरेन।

ठीक है। अब मैं फिर से अमेरिकी अंग्रेजी भूल गयी हूं। मुझे माफ कर दो। अमेरिका में मैं समझ जाती हूं और मैं इसे भूल गयी हूं, आप देखिए। अंग्रेजी के इतने संस्करण हैं। ऑस्ट्रेलियाई अंग्रेजी अलग है … हर अंग्रेजी अलग है, इसलिए खेद है कि मैं अमेरिकी अंग्रेजी भूल गया हूं। मैं यह बहुत जल्द सीख लुंगी। सब ठीक,  हो गया।

अब … केवल वैतरणा के लोग। वे लोग आगे आओ जिन्होंने पूजा नहीं की है केवल उन्हें मौका मिलेगा , ठीक है? केवल वैतरणा के लोग और भाटसा से या छपुर से। सबसे पहले गणेश स्तुति। क्या आप इसका मतलब जानते हैं? 

योगी: हां, करता हूं। आप बस उन्हें इसका मतलब बताएं। 

वह नाभी चक्र है। नाभी चक्र और स्वाधिष्ठान चक्र के बीच एक गाँठ है, यह पहली गाँठ है। जिसे तोड़ना है, अन्यथा कुंडलिनी इसमें से नहीं निकलती है, यह राज योग है। यह तथाकथित राज योग है जो आपके अंदर ही घटित होता है | माँ उस सब को तोड़ देती है और कुंडलिनी को ऊपर ले आती है। कुण्डलिनी श्रद्धा लाती है, भक्ति हृदय से आती है, स्वच्छ हृदय से ही आती है। भक्ति वह नहीं है जो आप दिखावा कर  रहे हैं या कुछ भी, भक्ति आपके दिल के भीतर है।

क्योंकि वह हर चीज का आधार  है, वह पूर्ण बिंदु है। निरपेक्ष बिंदु का अर्थ दूसरा निरपेक्ष नहीं है। पातक का अर्थ है पाप। क्योंकि … इसीलिए लोग आपसे पूछते हैं कि हमें सफाई करनी है, यह बात, वह बात, लेकिन कोई है जो पापों का नाश करने वाला है। आपको ऐसी कोई परवाह करने की जरूरत नहीं है, वह आपके सभी पापों को नष्ट कर सकता है।

जिनकी तुलना नहीं की जा सकती।

जिनके पास करुणा का सागर है।

जिसके बारे में सोचा नहीं जा सकता, जिसे समझा नहीं जा सकता।

जितने भी राक्षस – चंड, मुंड, वे सभी। 

महतये – महतये।यानी काफी महत्वपूर्ण। शुभ कार्य।Auspicious work.यानी  शुभकारी – वह जो भी काम करती है, वह उसे शुभ बनाती है।

वह शुभता का सृजन करती है। परमाणु। परमाणु का अर्थ है … जिसे आप परमाणु या सबसे छोटा अणु कहते हैं- अणु से परे परमाणु। संस्कृत भाषा में “परम” फिर  है “अणु”। परम का अर्थ है सबसे आखिरी या सबसे छोटा। परमाणु, अणु परमाणु है।

क्षिप्रा? क्षिप्रा … क्षिप्रा का अर्थ है शुभता। वह जो शुभता की दाता हो। यह वास्तव में ब्रह्म है। क्षिप्रा वह है जो ब्राह्मणी है जिसे योग मिलता है। यह योग का आशीर्वाद है। क्षिप्रा ब्राह्मणी है वह योग की दाता है। वह अपनी कृपा के माध्यम से अपने भक्तों को योग और मोक्ष प्रदान करती है। उनकी कृपा से आप अपने मोक्ष को प्राप्त करते हैं। कृपा।

योगी: ओम श्री पुष्ट्ये नमः उनके लिए नमस्कार जो अच्छी तरह से स्वास्थ्य व पौषण प्रदान करती हैं।

श्री माताजी: भूतों से। समचित्त – संतुलित – संतुलित चित्त।

Generous, वह जो उदार है।

स्व-धा – स्व स्वयं है, धा स्थापित है। तो, अपने आप में स्थापित। स्वा-धा।

Enjoyment. आनदं। विलासिनी।

हमारे पास एक और है – महायोग दायनी । En masse yoga। देखिये, जनसाधारण को कुटेती? किलाका।

अब, जो लोग एक तस्वीर लेना चाहते हैं, कृपया आयें।

उन्होंने पूजा का आनंद लिया। अब बेहतर तरीके से इसे आप लें – यह आपकी संपत्ति है।

वॉरेन आप कार में बैठ सकते हैं और फिर हम जा सकते हैं।