Puja, Mother You be in our brain Adelaide (Australia)

Puja, Mother You be in our brain आप सबके बीच आना बड़ा सुखद अनुभव है और अभी मेरे आने से पहले यहां जो कुछ हुआ उसके लिये मुझे खेद है। लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि प्रकृति भी परमेश्वरी व्यक्तित्व की उपस्थिति में जागृत हो जाती है और एक बार जब ये जागृत हो जाय तो यह उसी तरह का व्यवहार करने लगती है जैसे कोई साक्षात्करी आत्मा करती है। ये उन लोगों से नाराज हो जाती है जो धार्मिक नहीं हैं … जो परमात्मा के बारे में जानना नहीं चाहते हैं…. जो लोग गलत कार्य करते हैं… जो लोग सामान्य लोगों जैसा व्यवहार नहीं करते हैं … या एक तरह से वे पूर्ण का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं … इस तरह के सभी लोगों से वह नाराज हो जाती है। एक बार जब वह इस स्तर तक आ जाती है तो यह स्वयं ही कार्यान्वित होने लगती है। जैसा कि आपको मालूम है कि सहजयोग के अनुसार सभी तत्वों के पीछे उनके देवता होते हैं। उदाहरण के लिये आग के देवता अग्नि हैं। अपने शुद्ध स्वरूप में ….वास्तव में अग्नि देवता हमें शुद्ध करते हैं। ये सभी को शुद्ध करते हैं … ये सोने को शुद्ध करते हैं … यदि आप सोने को आग में डाल दें तो यह जलता नहीं है बल्कि और भी चमकदार हो जाता है। लेकिन अन्य बेकार की वस्तुओं को आग जला डालती है। अतः सभी ज्वलनशील वस्तुयें अधिकांशतया निम्न श्रेणी की होती हैं जिनको जलाना ही उचित है। आश्चर्यजनक रूप से इन Read More …