Sarvajanik Karyakram Rahuri (भारत)

राहुरी फैक्ट्ररी के माननीय अध्यक्ष श्री सर्जेराव पाटिलजी, मित्र संघ संस्था के संचालकगण, जितने भी राहुरीकार और पिछड़े/दलित जाती के लोग यहाँ एकत्रित हुए हैं, मुझे ऐसा कहना उचित नहीं लगता। क्योंकि वे सब मेरे बच्चे हैं। सभी को नमस्कार! दादासाहेब से मेरी एक बार अचानक मुलाक़ात हुई और मुझे तब एहसास हुआ कि यह आदमी वास्तव में लोगों की फिक्र (परवाह) करता है। जिसके हृदय में करुणा न हो उसे समाज के नेता नहीं बनना चाहिए. जिन्होंने सामाजिक कार्य नहीं किया है उन्हें राजनीति में नहीं आना चाहिए। जिन्होंने सामाजिक कार्य किया है, अगर वे राजनीति में आते हैं, तो उनके मन में जनसामान्य के लिए दया रहेगी। लेकिन ज्यादातर लोग सामाजिक कार्य इसलिए करते हैं ताकि हम राजनीति में आएं और पैसा कमाएं। मुझे सब पता है। मैंने बचपन से अपने देश का हाल देखा है। मैं शायद तुम सब में सबसे उम्रदराज हूँ। मेरे पिता भी बहुत धार्मिक हैं, एक बहुत ही उच्च वर्ग के सामाजिक कार्यकर्ता, देश के कार्यकर्ता, राष्ट्रीय कार्यकर्ता और डॉ अम्बेडकर के साथ बहुत दोस्ताना था,  घनिष्ठ मित्रता थी। उनका हमारे घर आना-जाना था। मैंने उन्हें (डॉ. अम्बेडकर को) बचपन से देखा है।  मैं उन्हें चाचा कहती थी। उनके साथ संबंध बहुत घनिष्ठ हैं। और वह बहुत तेजस्वी और उदार थे। मेरे पिता गांधीवादी थे और यह(डॉ. अम्बेडकर)  गांधी जी के खिलाफ थे। बहस करते थे। तकरार के बावजूद उनके बीच काफी दोस्ती थी। वह बहुत स्नेही थे! जब मेरे पिता जेल गए, तो वह हमारे घर आकर पूछते थे कि कैसे चल Read More …