Shri Mahalakshmi Puja: She connects you to God

Munich (Germany)

Feedback
Share
Upload transcript or translation for this talk

Shri Mahalakshmi Puja. Munich (Germany), 8 September 1984

आज एक महान दिन है महालक्ष्मी पूजा का । महालक्ष्मी, लक्ष्मी का अवतरण हैं, जो विष्णु की शक्ति हैं  । उन्होंने ही अवतार लिया। यह महालक्ष्मी तत्व लक्ष्मी से उत्पन्न हुआ है, जो श्री विष्णु की शक्ति हैं। जब मनुष्य में उत्थान की इच्छा जागृत होती है, तो लक्ष्मी तत्त्व महालक्ष्मी तत्व बन जाता है। जैसे पश्चिम में हम कह सकते हैं, लोगों में लक्ष्मी की संपन्नता है, इसलिए वे उस तत्व से ऊपर उठकर महालक्ष्मी बनना चाहते थे। जागृति की अवस्था में यह सौंदर्यशास्त्र जैसे मामले पर कार्य करता है। इस स्थिति में लोग  चीज़ों पर अपने अधिकार से अधिक  उनकी कलात्मकता पर ध्यान देते  हैं।  

और जब वे और अधिक उत्थान की ओर बढ़ते हैं ,अपनी जागरूकता की ख़ोज में, तो वे पाते हैं कि उन्हे भौतिक मूल्यों की तुलना में वस्तुओं की कलात्मकता को अधिक महत्व देना चाहिए। अब जब यह इच्छा मनुष्य में स्पष्ट दिखती है, तब  लक्ष्मी ही महालक्ष्मी के रूप में अवतरित होती हैं। इसलिए  उन्होंने महालक्ष्मी के रूप में तब अवतार लिया जब राम इस धरती पर आए,पहली बार  और श्री कृष्ण के इस धरती पर आने पर उन्होंने राधा के रूप में अवतार लिया। और जब वह मैरी बनकर आई। वह महालक्ष्मी थीं, जिन्होंने उस बच्चे को जन्म दिया जो कि प्रभु ईसा मसीह हैं । उन्होंने जिस बच्चे को जन्म दिया, वह महाविष्णु का महान व्यक्तित्व था । इस महाविष्णु-तत्त्व का भी प्रतिनिधित्व किया गया है या हम कह सकते हैं कि यह एक अन्य रूप में, इस धरती पर सीता के दो बच्चों के रूप में अवतरित हुए हैं। उन्होंने महावीर और बुद्ध के रूप में अवतार लिया, हसन और हुसैन के रूप में।

पैगंबरों के समय में भी, महालक्ष्मी ने उनके साथ एक शुद्ध संबंध के रूप में अवतार लिया । जैसे राजा जनक की बेटी जानकी थी, मतलब सीता। वह मोहम्मद साहब की बेटी के रूप में इस धरती पर आईं और फिर वह नानक की बहन नानकी के रूप में इस धरती पर आईं, इसलिए वह इन गुरुओं के साथ शुद्ध रिश्ते के रूप में रहती हैं। 

इस प्रकार महालक्ष्मी की महानता यह है कि, उनकी शक्ति के माध्यम से ही सुषुम्ना में कुंडलिनी चढ़ती है। वह हमारे उत्थान की शक्ति हैं। और उनकी शक्ति से ही हमारा विकास मनुष्य रूप में हुआ है और उनके पुत्र की शक्ति से हम उच्चतर मानव बनने जा रहे हैं।

इस प्रकार महालक्ष्मी का प्रभाव सभी सहज योगियों के लिए बहुत ही अच्छा है। क्योंकि वह हमारे विष्णु तत्त्व को उसकी परिणति, उसके पूर्ण होने तक, जो कि हमारे विकासवादी प्रक्रिया  का सिद्धांत है, का मार्गदर्शन करता है। इस प्रकार वह धर्म की दात्री हैं, वह हमें धर्म देती हैं और वह सत्य की दात्री हैं। वह ही हैं जो हमें हमारे मस्तिष्क से जोड़ती हैं । पूरे मस्तिष्क की प्रणाली महालक्ष्मी की प्रणाली है। तो वह ही हैं, जो संपूर्ण ज्ञान को सत्य के रूप में उजागर कर हमारे समक्ष रखती  हैं हमारे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर लेकिन विराट की स्थिति में, जब विष्णु विराट बन जाते हैं, जो महान आदिपुरुष हैं, तब उन्हें (महालक्ष्मी को) विराटांगना कहा जाता है, जो उनकी शक्ति  हैं। तो ये महालक्ष्मी के अवतार हैं जिनके बारे में मैंने बताया है।

इस महालक्ष्मी-तत्व के बारे में बहुत कुछ कहा जा सकता है; आप सभी पर इनकी बहुत कृपा है। और इसलिए आज हम मारिया के रूप में उनके महान अवतरण को याद करते हैं, जो बहुत ही महान थीं, क्योंकि उन्हें अपने दिल के भीतर अपनी उन सभी शक्तियों के साथ भयानक पीड़ा सहन करनी पड़ी, जो कि उनके पास थी। वह एक अत्यंत शक्तिशाली महिला थीं। लेकिन इसके बावजूद, उन्होंने अपने हृदय में मसीह पर होने वाली सभी यातनाएँ झेलीं। और यह उनका आदेश था और उनकी इच्छा थी कि मसीह स्वयं को सूली पर चढ़ाएं ताकि लोगों का पुनरुत्थान किया जा सके। और कभी-कभी भारतीय पूछते हैं कि उन्होंने महालक्ष्मी बनने के लिए क्या किया, उन्होंने क्या पाया? मैंने कहा: “अपनी समस्त शक्तियों के साथ इसे सहन कर पाना और इस  लीला को करना बहुत ही कष्टकारी रहा होगा।”

इसलिए वह उद्धारक हैं और वह आपको ईश्वर से जोड़ती हैं। इस अर्थ में वह एक पुल हैं। और कुंडलिनी इस पुल से ऊपर बढ़ जाती है। और कुण्डलिनी महाकाली है। भारत में कोल्हापुर में महालक्ष्मी का एक मंदिर है, जहाँ आप गए भी हैं। और वहाँ महालक्ष्मी की स्तुति में जब वे गाते हैं उस समय वे कहते हैं “उदबाय, उदबाय, अम्बे”। उस समय वे कहते हैं: “हे अम्बे, हे कुंडलिनी, तुम उठो”। लेकिन कुंडलिनी ही कार्यक्षमता है तीनों महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती शक्तियों की, क्योंकि यही मौलिक इच्छा है। क्योंकि वह पवित्र आत्मा हैं, आप देखते हैं, इसलिए उनमें यह तीनों शक्तियाँ समाहित हैं। जिस प्रकार आदिशक्ति में महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती की तीनों शक्तियां हैं।

तो अब आज हमारे लिए एक महान दिन है क्योंकि महालक्ष्मी ने हमारी बहुत मदद की है, उनका आशीर्वाद बहुत है। वह हमारी अच्छी तरह से देखभाल करती हैं, वह ही हैं जो हमारी सभी समस्याओं का निवारण करती हैं, वह हमें हमारे चक्रों में हर संभव मदद देती हैं और उनमें सुधार करती हैं। और वो ही हमें समस्त भौतिक और शरीरिक सुख प्रदान करती हैं।  इसलिए हमें आज उनका बहुत आभारी होना चाहिए। आपको आभारी होना होगा। और आज ग्रीगोइरे का जन्मदिन भी है। इसलिए मैं उन्हें बधाई देना चाहती हूँ कि उन्होंने मुझे म्युनिक बुलाया। क्योंकि वहाँ हमारा इतना जबरदस्त कार्यक्रम था।

आप सबको परमात्मा का अनंत आशीर्वाद।

(यह भाग यू ट्यूब वीडियो में नही है।)

हमें पूजा शुरू करने से पहले कहना चाहिए कि ह्यूगो बहुत ही मददगार रहा है, बहुत सक्रिय है। वह अपनी पत्नी के साथ ऑस्ट्रेलिया से इतनी दूर आया था। और मुझे कहना होगा कि उसकी वजह से मैं यहां आई। मेरे प्रेम के प्रतीक के रूप में और उनकी कड़ी मेहनत की प्रशंसा करते हुए मैं उन्हें  एक डिनर सेट देना चाहती हूँ, जिस पर प्लेटिनम रेखा बनी हुई है, क्योंकि प्लैटिनम महालक्ष्मी का रंग है। क्योंकि महालक्ष्मी अन्नपूर्णा भी हैं। वह लोगों को भोजन प्रदान करती हैं। आप कह सकते हैं कि महालक्ष्मी सबसे भव्य गृहलक्ष्मी हैं।आप सबको परमात्मा  का अनंत आशीर्वाद।