Shri Kartikeya Puja: Woman Is A Woman Munich (Germany)

श्री कार्तिकेय पूजा ग्रॉसहार्टपेनिंग, म्यूनिख (जर्मनी), 13 जुलाई 1986 मैं देर से आने के लिए माफी चाहती हूं। मुझे पता नहीं था कि यह कार्यक्रम इस तरह की एक सुंदर जगह पर है और यहाँ आप माइकल एंजेलो की एक खूबसूरत पेंटिंग देख रहे हैं, जो कि आपको बचाने तथा मदद करने की, आपके परम पिता की इच्छा को व्यक्त करती है और अब यह घटित भी हो रहा है । जर्मनी में हमारे साथ बहुत आक्रामक घटनाएं हुई हैं और इसने पश्चिमी जीवन पर सब और विनाशकारी प्रभाव डाला। मूल्य प्रणालियां टूट गईं, धर्म का विचार गड़बड़ा गया, महिलाओं ने पुरुषों की तरह व्यवहार करना शुरू कर दिया और इतने लोग मारे गए। बहुत युवा मर गए, बहुत, बहुत युवा। उनकी सभी इच्छाएँ पूर्ण न हो पाई थी, उनके जीवन ने उन्हें युद्ध के अलावा कुछ नहीं दिया। यह एक तरह से गर्म हवा का झोंका था जो आया और उसने सभी सूक्ष्म चीजों को नष्ट कर दिया। जब प्रकृति राहत चाहती है, या क्रोध करती है, तो यह केवल स्थूल चीजों को नष्ट करती है, लेकिन जब मनुष्य नष्ट करना शुरू करता है, तो वे आपकी मूल्य प्रणाली, आपका चरित्र, आपकी पवित्रता, आपकी अबोधिता, और धैर्य जैसी सूक्ष्म चीजों को भी नष्ट कर देता हैं। इसलिए अब युद्ध सूक्ष्म स्तर पर है। हमें अब यह समझना होगा कि इन सभी चीजों ने पश्चिमी व्यक्तित्व पर, पश्चिम में इस तरह का तोड़ देने वाला दुष्प्रभाव डाला है। तो पहला प्रयास यह करना है कि इसे ठीक करना है, इसे Read More …