महिलाओं की भूमिका, द्वितीय सेमिनार दिवस Shudy Camps Park, Shudy Camps (England)

महिलाओं की भूमिका, द्वितीय सेमिनार दिवस, 19 जून 1988, शूडी कैम्प, कैम्ब्रिजशायर, यू0के0 कल शाम हमने बहुत सुंदर ध्यान किया और हम सभी ने ठंडी-ठंडी चैतन्य लहरियों का अनुभव भी किया। जैसा कि मैंने आप लोगों को बताया कि ये हमारे इतिहास का सबसे महान दिन है, जिसमें आपका जन्म हुआ है और आप सभी परमात्मा का सर्वोच्च कार्य कर रहे हैं। आप सभी को विशेषकर इसी कार्य के लिये चुना गया है। आप सबको ये जानना होगा कि अब आप लोग संत हैं। लेकिन, इन्ही आशीर्वादों के कारण कभी-कभी आप लोग भूल जाते हैं कि आप लोग अब संत हैं और आपको ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिये जो संतों को शोभा नहीं देता है।   इस बार, कई वर्षों के बाद मैंने श्री एकादश रूद्र पूजा के लिये अपनी सहमति दी है, मुझे मालूम है कि इस पूजा को करना कितना कठिन काम है, क्योंकि अभी भी बहुत से सहजयोगी परिपक्व नहीं है और उनमें से कुछ तो सहजयोग का फायदा उठाकर पैसे कमा रहे हैं और कुछ इससे नाम, प्रसिद्धि, शक्ति या कुछ और प्राप्त करना चाह रहे हैं। वैसे तो इसको अब छोड़ दिया गया है। यह शक्ति, एक प्रकार से बहुत ही खतरनाक शक्ति है और आपको इस संबंध में बहुत ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। निसंदेह, यह उन लोगों और नकारात्मकताओं से आपकी रक्षा करती है जो आपको परेशान करना चाहते हैं और आपको नष्ट करना चाहते हैं। ये आपकी सुरक्षा के लिये हरसंभव प्रयास करना चाहती है, लेकिन यदि आप गलत व्यवहार करते हैं Read More …