Sixth Day of Navaratri पुणे (भारत)

Navaratri Puja – Hamare Jivan Ka Lakshya Date: October 16th, 1988                      Place: Pune  Type: Puja Speech                                   Language: Hindi आज हम लोग यहाँ शक्ति की पूजा करने के लिए एकत्रित हुए हैं। अभी तक अनेक संत साधुओं ने ऋषि मुनियों ने शक्ति के बारे में बहुत कुछ लिखा और बताया है। और जो शक्ति का वर्णन उन्होंने अपने गद्य में नहीं कर पाये, उसे उन्होंने पद्य में किया। और उस पर भी इसके बहुत से अर्थ भी जाने (अष्पष्ट)।  लेकिन एक बात शायद हम लोग नहीं जानते हैं कि हर मनुष्य के अन्दर ये सारी शक्तियाँ सुप्तावस्था में हैं। और ये सारी ही शक्तयाँ मनुष्य अपने अन्दर जागृत कर सकता है। ये सुप्तावस्था की जो शक्तियाँ हैं उनका कोई अंत ही नहीं है, न ही उन का कोई अनुमान कोई दे सकता है। क्योंकि ऐसे ही पैंतीस कोटी तो देवता आपके अन्दर विराजमान हैं उस के अलावा न जाने कितनी ही शक्तियाँ उनको चला रही हैं। लेकिन इतना हम लोग समझ सकते हैं कि जो हमनें आज आत्मसाक्षात्कार को प्राप्त किया है, तो उसमें जरूर कोई न कोई शक्तियों का कार्य हुआ। उस कार्य के बगैर आप आत्मसाक्षाल्कार को नहीं प्राप्त कर सकते। ये आत्मसाक्षात्कार को प्राप्त करते वक्त हम लोग सोचते हैं कि ये सहज में हो गया। पर सहज में दो अर्थ हैं, एक तो सहज का अर्थ ये भी है कि Read More …