Sahasrara Puja: Jump Into the Ocean of Joy Sorrento (Italy)

सहस्रार पूजा, “प्रेम के महासागर में कूदें” सोरेंटो (इटली) 6 मई 1989। पिछली रात पूर्ण अंधकार की रात थी, जिसे वे अमावस्या कहते हैं; और अभी-अभी बस चंद्रमा का पहला चरण शुरू हुआ है। आज हम यहां उस दिन को मनाने के लिए हैं जब सहस्रार खोला गया था। साथ ही आपने फोटो में देखा है। यह वास्तव में मेरे मस्तिष्क की एक तस्वीर थी, जिसमें दिखाया गया था कि सहस्रार कैसे खुला था। अब मस्तिष्क के प्रकाश की तस्वीर खींची जाना संभव हुआ है। इस आधुनिक समय ने यह कुछ महान कार्य किया है। तो आधुनिक समय बहुत सी ऐसी चीजें लेकर आया है जो दिव्य अस्तित्व को साबित कर सकती हैं। साथ ही यह मेरे बारे में भी साबित कर सकता है। यह आपको विश्वास दिला सकता है कि मैं क्या हूं। यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आधुनिक समय में इस अवतरण को पहचानना है, पूरी तरह से पहचानना है। यह सभी सहज योगियों के लिए एक शर्त है।  अब देखते हैं कि आधुनिक समय में लोगों के दिमाग में क्या चल रहा है। आज लोगों के दिमाग में देखा जाए तो सहस्रार पर वार हो रहा है। हमला बहुत पहले से होता आया है लेकिन आधुनिक समय में यह सबसे बुरा समय है। वे लिंबिक एरिया (मस्तिष्क में भावना और प्रेरणा का क्षेत्र )को बेहद असंवेदनशील बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बहुत उदास उपन्यास, अति अवसाद के विचार और बहुत उदास संगीत, आप कह सकते हैं ग्रीक त्रासदी जैसी बकवास। हमें कहना चाहिए कि, ये सब Read More …