Become the light and give the light Spreckels Organ Pavilion, San Diego (United States)

Public Program Day 2, San Diego (USA), 19th of June, 1989 सार्वजनिक कार्यक्रम  दूसरा दिवस   सैन डिएगो (यूएसए), 19 जून, 1989 कृपया बैठ जाएँ। मैं सत्य के सभी साधकों को नमन करती हूं। जैसा कि मैंने कल आपको बताया था कि हम सत्य की अवधारणा नहीं बना सकते। हम इसे बदल नहीं सकते, हम इसे व्यवस्थित नहीं कर सकते। सत्य की समझ एक अनुभव है|  सत्य को आपकी अनुभूति में होना आवश्यक है। यह इसके बारे में सिर्फ एक मानसिक रवैया नहीं है। क्योंकि दुनिया में,  अगर आप देखें तो ऐसे लोग हैं जो इस या उस तरह के दर्शन को मानते हैं,  इस या उस धर्म को मानते हैं,  हर तरह की बातों को मानते हैं और बड़े आत्मविश्वास से कहते हैं, मैं उस पर विश्वास करता हूं। लेकिन आपके जो भी विश्वास हों, आपका दर्शन या आपका धर्म कोई भी हो, कोई भी व्यक्ति कुछ भी पाप कर सकता है, किसी भी प्रकार की हिंसा कर सकता है, किसी का भी अहित कर सकता है। कोई रोकथाम नहीं है। आप ऐसा नहीं कह सकते कि चूँकि मैं अमुक -अमुक हूं , ऐसा नहीं कर सकता। इसका मतलब है कि विश्वास केवल ऊपरी तौर पर है। और इसलिए हम दूसरों की आलोचना किए चले जाते हैं। अब उदाहरण के लिए यदि आप मुसलमानों के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप यहूदियों से बात करें। और अगर आप यहूदियों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप ईसाइयों से बात करें। यदि आप ईसाइयों के बारे में जानना चाहते Read More …