Birthday Puja, Sahaja Yoga me pragati ki Teen Yuktiyaan New Delhi (भारत)
Janm Diwas Puja Date 30th March 1990 : Place Delhi : Type Puja Speech Language Hindi आज नवरात्रि की चतुर्थी है और नवरात्रि को आप जानते हैं रात्रि को पूजा होनी चाहिए। अन्ध:कार को दूर करने के लिए अत्यावश्यक है कि प्रकाश को हम रात्रि ही में ले आएं। आज के दिन का एक और संयोग है कि आप लोग हमारा जन्मदिन मना रहे हैं। आज के दिन गौरी जी ने अपने विवाह के उपरान्त श्री गणेश की स्थापना की। श्री गणेश पवित्रता का स्रोत हैं। सबसे पहले इस संसार में पवित्रता फैलाई गई जिससे कि जो भी प्राणी, जो भी मनुष्यमात्र इस संसार में आए वो पावित्र्य से सुरक्षित रहें और अपवित्र चीज़ों से दूर रहें। इसलिए सारी सृष्टि को गौरी जी ने पवित्रता से नहला दिया। और उसके बाद ही सारी सृष्टि की रचना हुई। तो जीवन में सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य हमारे लिए यह है कि हम अपने अन्दर पावित्र्य को सबसे ऊंची चीज़ समझें| लेकिन पावित्र्य का मतलब यह नहीं कि हम नहाएँ, धोएं, सफाई करें, अपने शरीर को ठीक करें किन्तु अपने हृदय को स्वच्छ करना चाहिए। हृदय का सबसे बड़ा विकार है क्रोध। क्रोध सबसे बड़ा विकार है, और जब मनुष्यमें क्रोध आ जाता है तो जो पावित्र्य है वो नष्ट हो जाता है क्योंकि पावित्र्य का दूसरा ही नाम निर्वाज्य प्रेम है। वो प्रेम जो सतत बहता है और कुछ भी नहीं चाहता। उसकी तृप्ति उसी में है कि वो बह रहा है और जब नहीं बह पाता तो वह कोंदता है, परेशान होता Read More …