New Year Puja (भारत)

New Year Puja. Kalwe (India), 1 January 1991. [Shri Mataji speaks in Hindi] आज हम लोग बम्बई के पास ही में ये पूजा करने वाले हैं। बम्बई का नाम, मुम्बई ऐसा था। इसमें तीन शब्द आते हैं मु-अम्बा और ‘आई’। महाराष्ट्रियन भाषा में, मराठी भाषा में, माँ को ‘आई’ ही कहते हैं। वेदों में भी आदिशक्ति को ‘ई’ कहा गया है। सो जो आदिशक्ति का ही प्रतिबिम्ब है, reflection है, वो ही ‘आई’ है। इसलिए मां को आई, ऐसा कहते हैं और बहुत सी जगह माँ भी कहा जाता है। इसलिए पहला शब्द, उस माँ शब्द से आया है, मम। अम्बा जो है, वो आप जानते हैं कि वो साक्षात कुण्डलिनी हैं। सो ये त्रिगुणात्मिका- तीन शब्द हैं। और बम्बई में भी आप जान्ते हैं कि महालक्ष्मी, महासरस्वती, महाकाली ये तीनों का ही एक सुन्दर मन्दिर है। जहाँ पर पृथ्वी से ये तीन देवियाँ निकली हैं। हलाकि, यहाँ पर बहत गैर तरीके लोग उपयोग में लाते हैं पर तो भी ये तीनों देवियाँ यहाँ जागृत हैं। सो बम्बई वालों के लिए एक विशेष रूप से समझना चाहिए कि ऐसी तीनों ही मूर्तियाँ कहीं भी पाई नहीं जाती। वैसे तो आप जानते हैं कि ही माहूरगढ़ में महासरस्वती हैं, और तुलजापुर में भवानी हैं महाकाली हैं, और कोल्हापुर में महालक्ष्मी। और वरणी में अर्धमात्रा जो है उसे हम आदिशक्ति कहते हैं, वो हैं। लेकिन यहाँ तीनों ही मूर्तियाँ जागृत हैं। लेकिन जहाँ सबसे ज्यादा मेहनत होती है, और जहाँ पर चैतन्य सबसे ज्यादा अपना कार्य करता है। उसकी वजह भी कभी- Read More …