Easter Puja, Crucify Yourself कोलकाता (भारत)

1995-04-14 ईस्टर पूजा प्रवचन, स्वयं को क्रूसारोपित करें, कलकत्ता, भारत (अंग्रेजी, हिंदी) । [अंग्रेजी में प्रवचन] आज वह दिन है जब हम ईस्टर मना रहे हैं । ईस्टर पूर्णतया प्रतीकात्मक है, केवल ईसा मसीह के लिए नहीं, बल्कि हम सभी के लिए भी। उस में सबसे महत्वपूर्ण दिन पुनरुत्थान का है। ईसा मसीह के पुनरुत्थान में ईसाई धर्म का संदेश है, क्रॉस का नहीं। पुनरुत्थान के माध्यम से  ईसा मसीह ने दिखाया था कि कोई भी व्यक्ति अपने शरीर के साथ पुनर्जीवित हो सकता है और उनके पुनरुत्थान के बिना, हम आज्ञा चक्र को पार नहीं कर सकते थे, इसमें कोई संदेह नहीं है। उनका जीवन बहुत कम था, हम कह सकते हैं मात्र साढ़े तीन वर्ष , वह वहां रहे । वह भारत आए और शालिवाहन से मिले और शालिवाहन ने उनका नाम पूछा । उन्होंने बताया कि उनका नाम ईसा मसीह है । लेकिन उन्होंने कहा, मैं उस देश से आ रहा हूँ, जहां म्लेच्छ, मल–इच्छा । इनमें मल की इच्छा है, मलिन बने रहने की इच्छा है और मैं नहीं जानता कि वहाँ कैसे रहना है । मेरे लिए, यह मेरा देश है । लेकिन शालिवाहन ने कहा कि, आप वापस जाकर अपने लोगों को बचाएं और उन्हें परम निर्मल तत्व प्रदान करें। इसलिए वह वापस चले गए, और जैसा कि है, साढ़े तीन साल के भीतर उन्हें क्रॉस पर चढ़ाया गया था। अपनी  मृत्यु के समय उन्होंने क्षमा के लिए बहुत सारी सुंदर बातें बताई, लेकिन अंततः उन्होंने कहा माँ को निहारें अर्थात आपको मां के Read More …