1997-05-03 Sahasrara Puja
आज का कार्यक्रम वास्तव में बहुत, बहुत आनंदपूर्ण, बहुत दक्षता पूर्ण था। मुझे कहना होगा कि इसका श्रेय हमेशा की तरह जर्मनी के लोगों को और साथ-साथ ऑस्ट्रिया के लोगों को भी जाता है, सब कुछ इतना उत्तम करने के लिए। पूर्वार्ध में हम चकित थे कि कैसे पश्चिम के लोग भारतीय वाद्य यंत्रों पर भारतीय रागों के साथ इतना अच्छा बजा सकते हैं। यह एक असंभव कार्य है। मेरे कहने का अर्थ है, भारत में, वे कम से कम दस से बारह वर्ष व्यतीत करते हैं उस स्तर तक पहुँचने के लिए और तीन महीने के समय में वे सभी इतनी निपुणता प्राप्त कर चुके हैं।
और बाबामामा कह रहे थे कि संभवतः ये उनके आत्मसाक्षात्कार के कारण है, कि वे तीन महीने के समय में यह सब चीज़ें सीख सके हैं। मैं स्वयं अचंभित थी कि तीन महीने के समय में ये इतना अच्छा कैसे बजा सकते हैं।
उसके बाद अन्य कार्यक्रम भी बहुत रोचक थे, उदाहरण के लिए जिस तरह से उन्होंने प्रदर्शन किया इस संगीत का इतने अच्छे से संचालन कर के।
मेरे कहने का अर्थ है कि इस कार्यक्रम को देखने के लिए आपको $ 50 का भुगतान करना पड़ेगा!
और पूर्ण शांति होनी चाहिए, और सुनिश्चित रूप से अपने स्थान पर बैठना पड़ेगा, पूर्णतया स्थिर मानो…
और यह इतना उल्लेखनीय था और इतना वृत्तिक था, इतनी, इतनी सुंदरता से किया गया, बिना एक गलती के कहीं भी, इतने सामंजस्य से , संभवतः इसमें भी सहजयोग का आशीर्वाद है, मुझे नहीं पता।
कोई संघर्ष नहीं, कुछ भी नहीं; लेकिन कभी-कभी आप पाते हैं, मान लीजिए कि आप किसी बड़े ऑर्केस्ट्रा के कार्यक्रम में जाते हैं या किसी प्रकार का वो क्या कहते हैं, जहाँ आप देखते हैं कि लोग ईर्ष्या कर रहे हैं, वे क्रोध अनुभव कर रहे हैं, हम उनके चेहरे से देख सकते हैं कि वे एक-दूसरे का आनंद नहीं ले रहे हैं।
लेकिन मैंने पाया कि वे न केवल आनंद ले रहे थे, अपितु वे एक-दूसरे को प्रोत्साहित भी कर रहे थे, और उनके साथ सामूहिक चेतना में व्यवहार कर रहे थे। जो बहुत अच्छा संकेत है, इस तरह के एक ऑर्केस्ट्रा के लिए आठ देशों से– ये असंभव हो सकता था।
होना असंभव है, इस प्रकार का सामंजस्य, ऐसी समझ, और ऐसा सुंदर प्रतिपादन इन कठिन लोगों का, जैसे कि विवाल्डी मुझे लगता है कि वो काफ़ी जटिल व्यक्ति हैं, और जब मैंने उन्हें पहली बार सुना, तो मुझे बहुत अच्छा लगा था।
और यद्यपि वे एक इटालियन हैं वे बहुत , मुझे कहना ही होगा, वे संगीतात्मक हैं, हर तरह से , बहुत सच्चे और बहुत संगीतात्मक।
ये हर देश का है, जहाँ कहीं भी संगीत है, मुझे लगता है कि वहाँ उनके माध्यम से दैवीय शक्तियाँ कार्य करती हैं और वे अपनी राष्ट्रीयता को भूल जाते हैं, वे भूल जाते हैं अपने स्वयं के समुदाय और पंथ की समस्याओं को|
यही जर्मन और ऑस्ट्रियाई लोगों के साथ है। ऑस्ट्रियाई लोग निश्चित रूप से जाने जाते हैं बहुत अच्छे ऑर्केस्ट्रा और संगीत आदि के लिए ।
लेकिन ये ऑर्केस्ट्रा वास्तव में दैवीय था।
क्योंकि आप देख सकते थे उनके मुख पर इतनी प्रसन्नता बजाते समय, आनन्द, यहाँ तक कि संचालक भी इतने प्रेम से संचालन कर रहे थे।
ये एक बहुत ही अलग वातावरण है और अलग शैली है जहाँ हर कोई आनंद ले रहा है, आप देखिए, इतनी अच्छी तरह से बजा रहे हैं। मैं इस सब का कहीं अधिक आनंद ले पाई किसी भी अन्य स्थानों की तुलना में जहाँ मैं जा चुकी हूँ । अत्यंत सुंदरता से किया गया है, और यह वास्तव में दर्शता है कि सहजयोग कितना रचनात्मक हो सकता है और इतना अधिक सामूहिक भी हो सकता है । इतना आनंद दे रहे हैं अपने आप को और हमें भी ।
कभी-कभी लग रहा था कि आप बहुत बड़े हॉल में बैठे हैं या कहीं एक बड़ा संगीत चल रहा है, और अचानक समझ में आया, “ये मेरे बच्चे इतना अच्छा बजा रहे हैं”।
मुझे उन सभी पर बहुत गर्व है, उन सभी पर अत्यंत गर्व है। और फ़िर, यहाँ तक कि रैप भी काफ़ी अच्छी तरह से किया गया था मुझे अवश्य कहना होगा, आपको उस भाग को दिखाना ही था, उसके दूसरे पक्ष को भी। और फ़िल्में एक और बहुत, बहुत अच्छी तरह से की गयी फ़िल्में थीं, जिनमें सहज योग का संदेश स्पष्ट था।
कुल मिलाकर, अगर आप देखें, तो हर, हर, हर कार्य इतनी सुंदरता से व्यवस्थित और क्रमबद्ध किया गया था कि मुझे नहीं पता कि आप लोगों ने इन सभी क्षमताओं को कैसे विकसित किया है, तत्परता के लिए, मंच चलाने के लिए, और नाटक का प्रबंधन करने के लिए, और फिल्मों और उस जैसी चीज़ों के लिए। यहाँ तक कि नाटक भी बहुत अच्छा था, नाटक को इतनी सुंदरता से प्रदर्शित किया गया था। यदि आप, मैं नहीं जानती कि आप कभी भी किसी नाटक मंडली के आस – पास रहे हैं, वे बहुत घबराए हुए होते हैं, चीखते हैं, हर समय चिल्लाते हैं, आप जानते हैं? और अत्यधिक चिंतित हो रहे होते हैं कि आप समझ नहीं पाते कि वे कैसे अभिनय करेंगे । और फ़िर कभी-कभी, आप जानते हैं, वे इतनी भयानक गलतियाँ करते हैं अपने संवाद और सभी का प्रतिपादन करते समय। इंग्लैंड में बहुत अच्छे , मुझे कहना होगा, नाटक घर हैं और … लेकिन आजकल वे ऐसे भयानक (नाटक ) बनाते हैं कि आप उनमें से किसी को भी नहीं देख सकते हैं। वे भयानक हैं, मुझे नहीं पता कि वे कौन सी ओछी चीज़ें बना रहे हैं, इतने पैसे ले कर । और उस ठंड में, आप देखिए, उन हॉलों में हमेशा बहुत ठंड होती है, मुझे नहीं पता क्यों। आप बस सहन नहीं कर सकते देखना उन भयानक नाटकों को ।
एक दिन आप लोग, जिन लोगों ने यहाँ प्रदर्शन किया है, मुझे विश्वास है कि (वे) जनमानस के मध्य जाएंगे, और आप इन बड़े हॉलों में जाएंगे और इस प्रकार का सुंदर ऑर्केस्ट्रा बजाएंगे, और इस प्रकार के सुंदर नाटक और रूपक दिखाएंगे। साथ ही फिल्म को विषय की बहुत समझ के साथ बनाया गया था। मैं कहूंगी कि हमें हर प्रकार की कला शैलियों पर प्रयास करना चाहिए और ये देखने की कोशिश करनी चाहिए कि हम क्या बना सकते हैं, क्योंकि सहज योग में बहुत प्रतिभा है।
ये केवल पाँच देशों में से, हमें ये सभी प्रतिभाएँ मिली हैं, किंतु अन्यथा अगर आप देखें तो हर देश में हमारे पास ऐसी प्रतिभाएँ हैं, और सहजयोग से, देखिए, वे वास्तविक कलाकार और महान कलाकार बन गए हैं – तो हमें उनका उपयोग करना चाहिए और प्रयत्न करना चाहिए कि कुछ रचनात्मक करें, क्योंकि आजकल पूरा विश्व कला के अलावा कुछ नहीं है। क्योंकि लोग अच्छे नाटकों को देखना चाहते हैं, वे अच्छे ऑर्केस्ट्रा सुनना चाहते हैं, और ये भी कि उन्हें कुछ बहुत अच्छा लगता है – जिसे आप कह सकते हैं- संगीतात्मक नाटक आदि ।
तो मैं कहूंगी कि हम सभी इसे बहुत अच्छी तरह से कार्यांवित कर सकते हैं और हमारे भीतर की प्रतिभाओं का पता लगा सकते हैं, जो आश्चर्यजनक रूप से वहाँ छिपी हुई हैं। क्योंकि अब आप आत्म – साक्षात्कारी लोग हैं, आप पाएंगे कि ये बहुत सरल है। मैं ऐसे लोगों को जानती हूँ जो बोलने के लिए भी कभी मंच पर नहीं आ सकते थे, अत्यंत भयभीत थे, तो मैंने उनमें से कुछ को प्रोत्साहित किया।
और अब वे बहुत महान वक्ता हैं। महान वक्ता के रूप में वे अब जीवन में बहुत उच्च पदों पर आसीन हैं, और वे बहुत अच्छा कर रहे हैं।
लेकिन यही बात है कि: आपके पास साहस होना चाहिए और आपको स्वयं पर विश्वास होना चाहिए, कि आपने कुछ प्राप्त किया है, आप स्वयं को बहुत अच्छी तरह से व्यक्त कर सकते हैं। यह आपको एक बहुत अच्छा प्रदर्शन का माध्यम देने वाला है, मुझे कहना चाहिए, या पूरे कला के वातावरण में वृद्धि। वहाँ आपको पहचाना जाएगा, मुझे विश्वास है कि आप सभी को पहचाना जाएगा, क्योंकि आपके पास विशेष प्रतिभा है जैसे इस कलाकार के पास है: वो एक आत्मसाक्षात्कारी है, लेकिन आप सभी आत्मसाक्षात्कारी हैं।
तो चित्रकला में भी आप इसे कार्यांवित कर सकते हैं, मुझे प्रसन्नता है कि बहुत से सहज योगी सीख रहे हैं।
तो ये बहुत अच्छा विचार है। और ये भी कि मैं अत्यंत प्रभावित हूँ कि संगीत की ये अकादमी, जिसे आपने मेरे पिता के नाम पर शुरू किया है – क्योंकि वे बहुत उत्कंठित थे कि हमारा भारतीय संगीत पूरी दुनिया में पहुँचना चाहिए। और यह अकादमी बहुत अच्छा कार्य कर रही है और ऐसे महान कलाकारों का निर्माण कर रही है, जो अविश्वसनीय हैं।
वास्तव में बहुत, बहुत प्रतिभाशाली लोग। लेकिन फ़िर भी, उन्होंने जिस तरह से उन्नति की है वह सहजयोग के चमत्कार जैसा दिखता है। और यह अकादमी, बाबामामा मुझे बता रहे थे, कि वह यहाँ तीन महीने के लिए डालियो में हो सकती है, गर्मियों के दौरान तीन महीने, सहजयोगियों के लिए आ कर सीखने के लिए, तो आप सभी महान कलाकार (…) बन जाएंगे।
केवल ईटली की सरकार को हमें वीज़ा देना चाहिए, आप देखिए, वे बहुत जटिल लोग हैं। वे सबसे कठिन लोग हैं, मैं नहीं जानती , ईटली के लोग: कौन इटली में बसना चाहेगा? लेकिन वे बहुत कष्टकारी हैं। और अगर वे हमें इस अकादमी को यहाँ शुरू करने की अनुमति देते हैं, सभी नियमों और विनियमों और अन्य बातों के साथ, जो कुछ भी है, तो ये एक अच्छा विचार है, हम इसे शुरू कर सकते हैं।
हमारे यहां डालियो पहले से ही है और गर्मियों के दौरान लोग यहाँ आकर सीख सकते हैं। और आप इतनी तेज़ी से सीखते हैं, तीन महीने में आप विशेषज्ञ बन जाते हैं! तबला में अल्लाह रक्खा जैसे, कभी-कभी, सरोद में … मेरा तात्पर्य है, वास्तव में आप इन सभी महान कलाकारों से अच्छा करते हैं। तो ऐसा लगता है कि आपने एक नए क्षेत्र में प्रवेश किया है विशेष ऊर्जा और गतिशीलता के ।
आप सबको परमात्मा का अनंत आशीर्वाद।