1997-09-06 ईपी श्री गणेश पूजा, कबेला,इटली
मैं आस्ट्रेलियाई सामूहिकता और अन्य सभी देशों को धन्यवाद देना चाहूंगी जो यहां हैं । कितनी खूबसूरती से उन्होंने सारी चीज़ को संगठित किया है । उन्होंने इन सभी कार्यक्रमों के साथ समय बर्बाद नहीं किया, आप देखिये । आपको नहीं पता कि मैं क्या महसूस कर रही हूँ जब मैं इन सभी देशों को देखती हूँ जहाँ मैं पहले जा चुकी हूँ, और मैं आप में से अधिकांश को अच्छी तरह से जानती हूँ। । जिस तरह से आपको अपनी आध्यात्मिक जागृति के माध्यम से जो पूरी खुशी और आनंद मिला है, वह आपकी आत्मा के प्रकाश में, यह बहुत स्पष्ट है और बहुत खूबसूरती से तरंगों की तरह बज रहा है,तरंगों की तरह । यह सहज योग का सपना, जो मैंने देखा था, यह उम्मीद से ज्यादा पूरा हो गया है, मैं आपको बता सकती हूं । मैं समझ नहीं पायी कि कैसे – ऑस्ट्रेलिया से शुरू होकर, फिर जापान, फिर ताइवान और वियतनाम, इन सब देशों के अलावा सबसे बड़ा है मलेशिया, के लोग – कि हम इस अनायास इतनी खूबसूरती से संगठित करने में सफल रहे हैं। किसी न किसी तरह यह कार्य हुआ है, मुझे बस यही कहना है. चीन-मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी कि चीनी आकर इन गीतों को गाएं; यह बहुत आश्चर्य की बात है । उन्होंने इतनी अच्छी तरह गाया । मैं चीन गयी हूं , मैंने वहां इतने अच्छे गाने कभी नहीं सुने है; मुझे लगा कि वे शुरुआत में बहुत अल्पविकसित थे, लेकिन इस बार आप उन्हें सचमुच समझ रहे हैं कि क्या गाया जा रहा है।
हमारे पास पूर्वी तरफ के लोग हैं, और अन्य लोग भी आपके साथ हैं। । अब इस कव्वाली ने पूरी तरह से, आप देखते हैं, उसी गति से मेरे शरीर को कम्पित कर दिया, जिससे वे गा रहे थे, और मुझे नहीं पता था कि अब क्या करना है। तो यह वही है जो प्रेम है, और इस प्रेम के साथ हम सिर्फ डूब जाते हैं । यह परमानंद जो आपको मिल रहा था, वह कुछ और नहीं था, बल्कि प्रेम का उमड़ना था ।
मैं अभी भी यह देखने की कोशिश कर रही हूं कि कैसे यह महान संयोजन विभिन्न संस्कृति, धर्म और राष्ट्रीयताओं का जो हमेशा हमें सीमाओं में सीमित करते है; और अचानक आपको यहां इतनी खूबसूरती से मिल जाए, सभी स्थानों के – मेरा मतलब है कि मैं हैरान हूं – ईरानी, क्योंकि ईरान, आप जानते हैं, बहुत परेशानी में हैं। मेरा चित्त बहुत वहां है और मैं समझ नहीं पा रही हूं कि उनके साथ क्या गलत हो गया है, मैं वास्तव में समझ नहीं पा रही हूं । मैं स्वयं ईरान गई होती, लेकिन अब ऐसी बात हो गई है कि मैं नहीं जा सकती । कोई फायदा नहीं है इस स्थिति में जाने का । लेकिन चीज़ें कार्य करेंगी, आप देखेंगे । कार्य होगा और देश बदल जाएगा। उसकी सारी निरर्थकता खत्म हो जाएगी। वैसे ही वे बहुत पीड़ित हैं । वे बहुत गरीब और कट्टरपंथी हैं, यह उन्हें खा रहा है । वे सभी आपस में लड़ रहे हैं। यह कोई धर्म नहीं है, यह कोई इस्लाम नहीं है, यह मोहम्मद साहब नहीं चाहते थे । उन्हें समझाना या इस्लाम के बारे में बताना बहुत मुश्किल है, कि यह इस्लाम है, और यही सत्य है ।
वहां एक लड़का है, वह एक अभिनेता है, वह एक सहज योगी है । उसका नाम जावेद खान है। वह बहुत अच्छी तरह से अध्ययन कर रहा है, कुरान उसने बहुत अच्छी तरह से अध्ययन किया है, और उसने सभी विषयों को सामने लाया है जो बिल्कुल सहज योग के समान हैं। उसने मुझे भेजा, वह बहुत बहादुर है।
मैंने उससे कहा, क्या मुझे आपका नाम लिखना चाहिए?
उन्होंने कहा, हां, क्या होगा? वह एक है, वह एक ब्लैक बेल्ट है, और भारत में पच्चीस मुस्लिम लड़के है उसके साथ जिनके पास ब्लैक बेल्ट है । तो उन्होंने कहा, अगर कोई मुझसे मिलने आता है तो मैं उन्हें हरा सकता हूं।
मैंने कहा, आप उन्हें हराने के लिए नहीं हैं।
“नहीं, नहीं, मां, बस कुछ हाथ यहां और वहां, और वे होंगे…”
इतना अच्छा लड़का और बहुत बहादुर, बहुत बहादुर । वह डरता नहीं है, और वह केवल मुसलमानों के बीच रह रहा है । तो मैंने उससे कहा, सावधान रहो ।
उन्होंने कहा, क्या है? उन्हें मेरे बारे में सावधान रहना होगा, मैं सत्य पर खड़ा हूं । मैं इस युवक से ये शब्द सुनकर बहुत खुश हुई, जिसने कुरान को बहुत ध्यान से पढ़ा है ।
तो अब हम कह सकते है कि हमें विभिंन राष्ट्रिताओं में नहीं सोचना है , अपितु हमें सोचना है कि हम देवत्व की एक दुनिया से संबंधित हैं, और वहां आप बिल्कुल संरक्षित हैं । रूस में जब मैं वहां गयी थी वहां तख्तापलट हुआ था । और तख्तापलट में हर कोई होगा, मेरा मतलब है, परेशान । तो मैंने उनसे पूछा, रूसी से पूछा, मैंने कहा, क्या आप अपने देश में क्या हो रहा है उससे डरते नहीं हैं?
उन्होंने कहा, “क्यों? हम इस देश के नहीं हैं, हम भगवान के देश के हैं । हम इससे संबंधित नहीं हैं । हमारा इस देश से कोई लेना-देना नहीं है ।
जरा सोचिए। लेकिन रूसीओं की गहनता, मैं नहीं जानती कि उन्हें कहां से मिल गयी है: बहुत आत्मनिरीक्षण और बहुत गहरे लोग, मैं चकित थी । और अच्छी खबर इस बारे में है, वे एक चिकित्सा संमेलन में एक महिला कुलपति से एक नोट लाये थे, उनके चर्च के प्रमुख का मतलब है, रूढ़िवादी चर्च के, कह रही है कि “सहज योग एक पंथ नहीं है, और यह हमारा एक हिस्सा है.” तो अब इससे कोई खतरा नहीं – हम सोच रहे थे कि एक दिन सहज योग रूस में प्रतिबंधित हो जाएगा। यह नहीं कर सकते, क्योंकि हमारे पास हजारों-हजारों लोग हैं । लेकिन इसका उजागर हमे उस औरत द्वारा किया था, और मैं इसके बारे में बहुत प्रसन्न थी ।
और अमेरिकी कांग्रेस, आप कह सकते हैं, अमेरिका की संसद ने मेरे लिए एक बहुत ही सुंदर प्रमाण पत्र भेजा है । इसलिए ये सारी चीजें हर तरफ से आ रही हैं। और मुझे लगता है कि अयातुल्ला रूहानी भी, उन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि “इस्लाम में ज्ञान को जानने के केवल दो तरीके हैं: एक अध्ययन करके है, और दूसरा “स्व” भाव अपनाने से । आत्मज्ञान ही एकमात्र तरीका है और यह कार्य माताजी द्वारा किया जाता है, वह इस्लाम का कार्य कर रही हैं । क्या आप कल्पना कर सकते हैं? वह शिया लोगों के प्रमुख माने जाते है ।
तो हालांकि ईरान शिया लोगों से भरा है, उनकी सरकार अभी भी बेवकूफ लगती है, और असल बात नहीं देखना चाहती है । काबुल या किसी भी चीज में क्या हुआ था, अभी भी वे इसके बारे में रो रहे हैं – यह अब खत्म हो गया है। अब एक नया युग शुरू हो गया है और मुझे उम्मीद है कि मुसलमान समझ जाएंगे। मैंने यह भी सुना है कि लंदन में जफर ने कुछ मुसलमानों के साथ कुछ कार्यक्रम की व्यवस्था की है, इसलिए मैं उन्हें कल देखना चाहूंगी कि वे कैसा व्यवहार कर रहे हैं । मेरा मतलब है, वे मुझे नहीं मार सकते, वे मुझ पर फतवा नहीं दे सकते, यही उन्होंने कहा: केवल मुसलमानों को फतवा मिलता है । तो मैं सुरक्षित हूं, कोई फर्क नहीं पड़ता ।
अब यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां इतने सारे अभी भी बहुत अंधे हैं । और मैं केवल चिंतित हूं, उन सभी को नरक में जाने के लिए कहा रहा है या क्या, जिहाद के बेतुका विचार में और यह और वह । आइए देखें, यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है – शायद वे इसे सीखेंगे। देखिए, भारत में ज्यादातर मुसलमान पढ़े-लिखे भी नहीं हैं। वे इतने गरीब हैं, इतने अशिक्षित हैं; अब उनसे कैसे बात करें मुझे समझ में नहीं आता। लेकिन जावेद जैसी यह युवा पीढ़ी जो अब सामने आई है, वे समझ रहे हैं कि इस्लाम ने उनके साथ क्या किया है वह इस्लाम नहीं है। और वे अब वहां अच्छी तरह से खड़े हैं, शारीरिक शक्ति का निर्माण करके, सभी प्रकार के बेतुके विचारों से लड़ने के लिए । कि – मेरे पास वह पत्र है, और मैं सभी नेताओं को यह दिखाना चाहूंगी कि उसने इस्लाम के बारे में क्या चर्चा की है, इसलिए उसने यह स्पष्ट रूप से कहा है। यह केवल तीन या चार पृष्ठों मुझे लगता है, चार या पांच पृष्ठों है । लेकिन हम उसकी कॉपी बनाकर आपको देंगे ।
हमें उनकी चिंता करनी होगी। वे आपके अपने हैं। वे उसी भगवान के द्वारा बनाए जाते हैं या उसी आदि शक्ति द्वारा बनाए जाते हैं, इसलिए वे आपके अपने हैं; लेकिन वे नष्ट हो रहे हैं। इसलिए हमें यह देखना होगा कि हम वास्तव में उन्हें जागृत करने के लिए कुछ करें, या उन्हें बताएं । मैं यह कर रही हूं, आप देखो, मेरे अपने तरीके से, लेकिन आप सब अपने दोस्तों से बात कर सकते हैं जो मुसलमान है और चक्कर लगाओ, और आप इस जावेद के ज्ञान का उपयोग बहुत अच्छी तरह से कर सकते है इस के लिए ।
आज के कार्यक्रम में बहुत सारी चीजों के साथ मिलाया गया था, आप जानते हैं, और नृत्य वे बैंकॉक से इन महिलाओं से था, आपको पता है- मैंने इस तरह के अच्छे नृत्य कभी नहीं देखे, कभी नहीं, और मुझे बहुत मज़ा आया है । लेकिन राग भारतीय थे दोनों बार मैंने देखा, , और ताल भी भारतीय थी और वे नाच रहे थे, मेरा मतलब है जैसे हम कह सकते है स्वर्गदूत नृत्य करने के लिए इस धरती पर आ रहे हैं । कल्पना कीजिए, इस जगह मैं वहां गयी थी, और मुझे उम्मीद नहीं थी कि वे बहुत कलात्मक, बहुत कलात्मक लोग होंगे । और कला, यह कुछ भगवान का आशीर्वाद है कि आप सभी को मिल गया है, और मैं इसके बारे में बहुत प्रसन्न हूं । अपनी कलात्मक प्रतिभा को भी संतुलित करने, दाएं पक्ष को संतुलित करने का प्रयास करें। दाईं ओर बहुत ज्यादा है, कि कोई अच्छा नहीं है । इसलिए कलात्मक प्रतिभाएं आपकी मदद करेंगी। इसके अलावा जिस तरह से आपने संगीत का आनंद लिया पता चलता है कि आप सभी आशीर्वादित हैं संगीत को समझने के लिए ।
मुझे यह भी लगता है कि सहज योगियों में हर तरह की प्रतिभाएं होनी चाहिए जो कलात्मक हों और उन्हें वह प्रतिभायें प्राप्त करनी चाहिए, केवल संगीत में ही नहीं-कला, नृत्य, हर तरह से । ये सब, आप देखते हैं, चीजें, दूसरों के लिए इतनी उत्साहजनक हैं कि वे भी वही करना चाहते हैं जो आप कर रहे हैं, आप देखते हैं । लेकिन कव्वाली के लिए मुझे कहना होगा कि अब आप उत्तम हैं, सच में । एक कव्वाल पहले ही स्वर्ग सिधार चुके हैं और अब मैं अन्य कव्वालों को बहुत अच्छी तरह से गाते हुए देखती हूं, और युवा-तो, इतने प्रभावशाली, इतने । और यह समां हमेशा हमारे साथ रहना चाहिए।
क्या मैं किसी देश को भूल गयी? बिलकुल ठीक।
अब ध्यान एक अमेरिका पर और देना होगा। अमेरिकी बहुत बचकाने लोग हैं, मुझे कहना होगा । वे बड़े नहीं हुए हैं। बहुत बचकाने, और उन्हें भी आपके ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि अब आप वैश्विक होते जा रहे हैं। इसलिए आपको उन पर भी ध्यान देना होगा, ऑस्ट्रेलिया या ताइवान नहीं कहना, बल्कि उन लोगों के लिए जो सहज योग में उन्नत नहीं हैं, आपको उन पर ध्यान देना होगा । अमेरिकियों के लिए मुझे लगता है कि संगीत के द्वारा हम अमेरिका से बहुत अच्छी तरह से सम्बंधित हो सकते हैं, अगर हम अच्छी तरह से गा सकते है और अच्छी तरह से नृत्य ।
नृत्य के बारे में मुझे कहना होगा कि आप सब परमानंद में हैं, तो वहां किसी लय की जरूरत नहीं है, किसी भी चीज़ की जरूरत नहीं है, आप परमानंद में हैं । लेकिन फिर भी नृत्य सीखना बेहतर है। मुझे कहना होगा कि हामिद इसके लिए महान हैं । वह बहुत प्रवीण है, मैं उससे चकित हूं; वह बहुत प्रवीण है । तो आपको उससे सीखना है कि कैसे नृत्य करना है, वह बहुत अच्छा है, और मुझे लगता है कि हमारे पास और अधिक लोग होंगे, जो आपको सिखायेंगे कैसे नृत्य करना होगा । लेकिन परमानंद नृत्य अलग है। लेकिन अंयथा हम शास्त्रीय नृत्य भी कर सकते हैं, और आपने भारत में देखा होगा कि वे किस प्रवीणता के साथ के साथ लेज़िम नृत्य शैली खेलते हैं, आप देखो, और वह आशीर्वाद है, लोगों के लिए इतना बड़ा आशीर्वाद स्वयं को व्यक्त करने के लिए ।
मेरा मतलब है कि सहज योग हर क्षेत्र में फैल चुका है और कई लोग ऐसे हैं जो आए हैं। मैं कहूँगी कि हमें क्लाऊस नोबेल नामक एक बहुत प्रसिद्ध व्यक्ति मिला । लेकिन उनका बेटा एक और उल्लेखनीय है । वह जिस तरह से मेरे पास आया, वह सहज योग करने के लिए, आया मैं चकित थी । जब मैं बर्कले आई वह गेट के पास हवाई अड्डे पर खड़ा था, और एक फूल के साथ । जैसे ही उसने मुझे देखा वह बस दंग रह गया था। उसने मुझे फूल नहीं दिया, कुछ नहीं, बस दंग रह गए । दो मिनट के लिए वह नहीं जानता था कि वह क्या कर रहा था-इतना गहरा वह है । बहुत अच्छी तरह से बात की, और वह कई चीजों का आयोजन कर रहा है । वह एक बहुत अच्छा युवा व्यक्ति हमारे साथ है ।
अब मुझे लगता है कि अमेरिका की मूर्खता खत्म होने जा रही है और वे सहज योग करने जा रहे हैं, क्योंकि ये सभी बेवकूफ और आप उन झूठे गुरुओं को क्या कह सकते हैं, अब नहीं हैं । वहां एक या दो रह गए हैं, लेकिन वे भी बहुत जल्द ही गायब हो जाएंगे । वे मेरे व्याख्यानों का उपयोग कर रहे हैं, वे लोगों को प्रभावित करने के लिए मेरी पुस्तक का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन आत्मबोध देने के लिए वे वहां नहीं हैं ।
इस तरह यह जीवन बहुत धीरे,ख़ूबसूरती से बदल रहा है और यह बहुत जल्द ही अपनी परिपक्वता पर आ जाएगा मुझे विश्वास है, कि लोग आधिकारिक तौर पर सहज योग को स्वीकार करेंगे । यह मुश्किल था; बहुत मुश्किल था जब मैं इसे शुरू किया, लेकिन अब मुझे लगता है कि वे अपनाएंगे ।
मुझे आश्चर्य हुआ कि उन्होंने डायना की इसके लिए प्रशंसा की – उसकी मृत्यु, आप जानते हैं। बेशक मुझे यह भी बुरा लगा कि उसकी मृत्यु हुई; लेकिन उसके पास कोई मर्यादा नहीं थी। वह एक जन्मजात आत्मसाक्षात्कारी थी । मैंने लोगों से कहा कि वह एक जन्मजात आत्मसाक्षात्का री है, और इसीलिए करुणा, आप जानते हैं, वह अपने आप को रोक नहीं पाती थी – लोगों से मिलती थी, उनसे बात करती थी, सहायता करती थी। लेकिन यह इंग्लैंड है; क्योंकि इंग्लैंड दिल है और इंग्लैंड में कुछ भी होता है – यह इस तरह की एक छोटी सी जगह है – सभी जगह फैलेगा। कई रानियों को मरने दो, कई राजाओं को मरने दो, ऐसा नहीं होगा। यह इंग्लैंड के कारण है, दिल की वजह से, और यह महिला इतनी दयालु थी केवल एक चीज वह सिर्फ जाती थी और लोगों से मिलती थी, उन्हें छूने, और कितना धन वह एकत्रित कर रही थी । लेकिन इसके बावजूद मुझे कहना होगा, यह इंग्लैंड है; और मीडिया ने भी उसे पहले इस तरह की झलकियां दी थीं, इसलिए अब मीडिया उसकी वजह से मुसीबत में है । लेकिन यह क्या है, सहज कैसे काम करता है । यह चीजों को आसानी से बदल देता है, और उसकी मौत भी बहुत उल्लेखनीय थी । तो सहज दृष्टिकोण से पूरी बात एक बड़ा नाटक था: आवश्यक है, बहुत जरूरी है दिखाने के लिए कि किसी भी औरत जो दयालु है, जो दयालु है, उसका इतना संमान है । मुझे आशा है कि अब अंग्रेजी महिलाओं का दूसरों के प्रति उनका रवैया बदल जाएगा; क्योंकि यह एक बड़ा सबक है कि यह महिला, क्योंकि वह इतनी दयालु और अच्छी थी, कि उसको इतना सम्मान मिला ।
फिर कल मैं पूजा में ये बातें नहीं कह सकती, लेकिन आज मुझे कहना है कि मैं आप सबकी शुक्रगुजार हूं कि हमारे देश में आजादी के पचास साल हो गए हैं। यह है-और आजादी के इन पचास सालों को इतना बर्बाद किया गया है, क्योंकि शुरुआत में यह संविधान, सुंदर संविधान, सुंदर लोग, बहुत अच्छे लोग थे। मैंने भारत में बहुत अच्छे लोगों को देखा है, जो आदर्शवाद से भरे हुए हैं, सिद्धांतों से भरे हुए हैं, देश के लिए सब कुछ दे रहे हैं । जब मैंने इस गीत को लिखा था उस समय हम सब को गिरफ्तार कर लिया और अत्याचार किया गया था, और यह और वह; उस समय मैंने मां की महिमा के लिए यह गीत लिखा था। और वह आज हुआ है, क्योंकि हर जगह यह मनाया गया था, और… । लेकिन मैं यह अवश्य कहूँगी कि हमारे देश को बहुत अधिक अध्यात्म की आवश्यकता है। यह अध्यात्म का स्रोत है, और यहाँ आध्यात्मिकता की आवश्यकता है। लेकिन जब वे आप लोगों को आदि शक्ति का गीत गाते हुए देखते हैं तो वे हैरान रह जाते हैं । वे समझ नहीं पा रहे हैं कि आप हमारे देश के बारे में ये सब कैसे गा सकते हैं, आप कैसे जानते हैं?
अब हमारे कार्यक्रम में एक महान संगीतकार थे, वह बहुत अच्छी तरह से जानी जाती हैं, वह और उनकी माँ। और उन्होंने कहा, “हमने अपना सिर नीचे कर लिया।” मैंने कहा, क्यों?
“क्योंकि इतने कम समय में वे इतनी अच्छी तरह से कैसे गा सकते हैं, इतनी सुंदर लय और इतनी सुंदर स्वरों के साथ? वे नहीं कर सकते । मेरा मतलब है, वे इन लोगों को लगता था, वे भारतीय गीत कभी नहीं गा सकते हैं, और वे इस पर बहुत आश्चर्यचकित थे ।
और इस संगीत को आगे बढ़ाना है । बाबामामा ने पहले ही अकादमी शुरू कर दी है; वे कहते हैं, वह पहले ही पांच कक्षाएं बना चुके हैं । और उनका विचार वहां लोगों को सीखने के लिए बुलाना है । लेकिन वह कहते हैं, तीन महीने में वे प्रवीण बन जाते हैं। इन लोगों के बारे में कुछ महान है । यहां तक कि भारतीय सहज योगी भी ऐसा नहीं कर सकते । आप लोग क्या कर सकते हैं, भारतीय सहज योगी नहीं कर सकते। इसका मतलब है कि वहां बहुत कुछ खास है । तीन महीने में एक व्यक्ति ने आलाप के साथ राग मालकौंस गाया, … सब कुछ। मैं सोच रही था कि क्या हुआ है, यह अंग्रेज यह सब कैसे कर सकता है- एक अंग्रेज बाकि सबको छोडकर? मेरे पिता मुझे बताते थे कि “यदि आप एक अंग्रेज को हिंदी सिखाना चाहते हैं, तो बेहतर होगा समुद्र में कूद जाएं!” यह बात है, वह था, मेरा मतलब है, अगर यह अंग्रेजों के लिए था-दूसरों के बारे में क्या, मैं नहीं जानती ।
अब इस सब के साथ, आप देखते हैं, अपनी प्रतिभा को, अपनी आध्यात्मिक उन्नति को देखते हैं, और इस तरह आपको देखना चाहिए। जॉन मुझे पता है, वास्तव में महान है, एंड्रयू भी, मैंने आपको आज ही सुना; और आप सब वास्तव में बहुत महान संगीतकार यहाँ मेरे सामने बैठे हैं। और मैं आपका बहुत सम्मान करती हूं और मुझे आशा है कि आप भी इस कला का सम्मान करते हैं, और इसे दूसरों के मनोरंजन के लिए बेहतर विकसित करेंगे जो अभी तक ऐसे संगीतकार नहीं हैं। लेकिन वे एक दिन हो जाएगा । आपको पता है, मुझे इस मंच को बढ़ाना पड़ेगा!
तो यह है कि आज के लिए सब ठीक है; कल हम पांच बजे पूजा करेंगे। अब बहुत ठंड है। यह काफी गर्म हुआ करता था तो हमने सोचा, बेहतर यह नौ बजे है, लेकिन मुझे लगता है कि हम पांच बजे पूजा करेंगे । और कल मैं आपको सच में बहुत गहरी कुछ बातें बताने जा रही हूँ, तो उस के लिए तैयार आओ. बहुत-बहुत धन्यवाद, धन्यवाद।
आप सबको अनंत आशीर्वाद