Public Program पुणे (भारत)

Velechi Hallk 25th March 1999 Date: Place Pune Public Program Type [Hindi translation from Marathi talk] सत्य साधको को हमारा प्रणाम ! इसके पहले भी मैंने कई बार आपको सत्य के बारे में बताया है । सत्य क्या है? सत्य और असत्य इन दोनों में क्या अन्तर है, ये कैसे जान सकते हैं। इसके बारे में मैंने बहुत अच्छी तरह से समझाया है । सबसे पहले इस पुणे में या पुण्यपट्टणम् में हम सत्य क्यों खोज रहे हैं, यह जानना जरूरी है । आज के इस कलियुग में ऐसी-ऐसी घटनाऐं होने लगी हैं कि मनुष्य घबराने लगा है। उसकी समझ में नहीं आ रहा है कि यह क्या हो रहा है और कलियुग की यही विशेषता है कि मनुष्य संभ्रान्ति की स्थिति में घिरा हुआ है। इस स्थिति में आकर वह घबरा जाता है। उसे पता ही नहीं चलता कि सत्य क्या चीज़ है? मैं कहाँ जा रहा हूँ? दुनिया कहाँ जा रही है? इस तरह के प्रश्नों से वह घिरा रहता है। ऐसी हालत सिर्फ महाराष्ट्र में नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष में, पूरी दुनिया में है। पूरी दुनिया को इस कलि की महिमा की जानकारी हो रही है। नल और दमयंती का जो बिछड़ना हुआ था वह कलि के कारण ही था और एक बार यह कलि नल के हाथों पकड़ा गया। उसने (नल ने) कहा, ‘मैं तुम्हारा सर्वनाश कर दूँगा ताकि किसी को भी तुमसे परेशानी न हो। कोई तकलीफ न हो।’ तब कलि ने नल से कहा कि, ‘पहले तुम मेरी महिमा सुनो। वह सुनने के बाद Read More …