Shri Hanumana Puja पुणे (भारत)

Shri Hanuman Puja, Pune,  India 31 March 1999 [Hindi Transcript] आज हम लोग श्री हनुमान जी की जयन्ती मना रहे हैं। हनुमान जी के बारे में क्या कहें कि वो जितने शक्तिमान थे, जितने गुणवान थे, उतने ही वो श्रद्धामय और भक्तिमय थे। अधिकतर मनुष्य, जो बहुत बलवान हो जाता है और जिसके पास शक्ति आ जाती है, जिसे हम लोग कहें कि वह राईट साईडेड (right sided) हो जाता है और वो अपने को इतना ऊँचा समझता है कि अपने आगे किसी को भी नहीं मानता। पर हनुमान जी एक विशेष देवता हैं, एक विशेष गुणधारी देवता। कि  जितने वो बलवान थे, जितने वो शक्तिशाली थे, उतनी ही उनकी भक्ति, शक्ति के संतुलन में; जितनी  शक्ति थी उतनी उनके अंदर भक्ति थी। ये संतुलन उन्होंने किस प्रकार पाला और उसमें रहे, ये एक बड़ी समझने की बात है। जब हम सहजयोग में पार हो जाते हैं ,और सहजयोग में हमारे पास अनेकविध शक्तियां आ जाती है, उसके साथ में हमें संतुलन भी आ जाता है।  हम प्यार करते हैं और प्यार के सहारे, प्यार की शक्ति के सहारे, हम अपने कार्य में रत रहतें हैं, वो कार्य करते रहते हैं। इसी प्रकार श्री हनुमान जी अत्यंत शक्तिशाली थे। और उनके अंदर दैवी शक्तियां थी। उनके अंदर नवधा शक्तियां थी। जैसे कहते है गरिमा, लघुमा… वो चाहे जितना बड़ा हो सकते थे, चाहे जितना छोटा हो सकते थे, अणिमा – छोटे, बिलकुल बारीक़ हो सकते थे। ये सारी शक्तियां उन्होंने अपने भक्ति से पायी है। इसका मतलब ये है की Read More …