Easter Puja: We have to establish our meditation Istanbul (Turkey)

ईस्टर पूजा। इस्तांबुल (तुर्की), 25 अप्रैल 1999. आज, हम सभी एकत्रित  हुए हैं यहाँ , तुर्की में, इस्तांबुल  में, ईसा मसीह के पुनरुत्थान को मनाने के लिए, और उसी के साथ आपके संग आपके पुनर्जागरण को मनाने के लिए । ईसा मसीह का पुनरुत्थान हमारे लिए एक महान संदेश था। उन्होंने  मृत्यु पर विजय प्राप्त किया ।और उस मृत शरीर से बाहर आ गए , एक दूसरे शरीर के साथ जो जीवित शरीर था। शरीर वही था।परन्तु एक मृत शरीर था ।और दूसरा शरीर एक  जीवित शरीर  था। यह केवल प्रतीकात्मक नहीं है ।यह सच में उनके साथ घटित  हुआ था। आख़िरकार , वे  एक दिव्य बालक थे ।वे एक दिव्य व्यक्ति थे । सच  में यह उनके साथ घटित  हुआ । यह मात्र एक प्रतीकात्मक बात नहीं है,  कि उनकी मृत्यु हुई एवं  उनका  किसी एक अन्य व्यक्ति के रूप में पुनर्जन्म  हो गया। या, आप कह सकते हैं, एक जीवित व्यक्ति के रूप में। उनके लिए, मृत्यु क्या चीज़ है? शाश्वत  प्राणियों के लिए कोई  मृत्यु नहीं होती है। उस व्यक्ति के लिए कोई मृत्यु नहीं है जो शाश्वत है। कुछ समय के लिए, वे ऐसे दिख  सकतें हैं  जैसे कि वे मृत  हैं।परन्तु वे कभी मर नहीं सकते। ईसा मसीह उसी प्रकार के थे ।एक अत्यधिक  विशेष अवतरण, जो मृत शरीर से पुनर्जन्म लेने के लिए इस धरती पर प्रकट हुए।  हम भी अब  , जबकि हम अभी भी आत्म साक्षात्कारी नहीं हैं, जबकि हम अभी तक प्रबुद्ध नहीं हुए हैं। हम भी  मृत हैं, इस आशय Read More …