Birthday Puja

New Delhi (भारत)

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80th Birthday Puja Date 21st March 2003: Place New Delhi: Type Puja

[Original transcript Hindi talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari]

सारे सहज योगियों को हमारे ओर से अनन्त आशीर्वाद । इतने बड़े तादाद में आप लोग आज यहां पर हमारा जन्मदिवस मनाने के लिए पधारे। मैं किस तरह से आपको धन्यवाद दूं? मेरी तो समझ में नहीं आता है! बाहर से भी इतने लोग आये हैं और अपने भी देश के इतने यहाँ सम्मिलित हुए । ये देखकर के हृदय भर आता है। न जाने हमने ऐसा कौन सा अद्भुत कार्य किया है जो आप लोग हमारा जन्म दिन मनाने के लिए यहाँ एकत्रित हुए हैं। आप लोगों का हृदय भी बहुत विशाल है कि आपने आज के दिन इतने दूरस्थ स्थित जगह पर आकर के हमें सम्मानित किया हमारे पास तो शब्द ही नहीं हैं कि आप लोगों से बताया जाए कि इससे हम कितने आनन्द से पुलकित हो गए! ন

हिन्दी प्रवचन : सहज सरल बात जो है बो सहजयोग है आज मैंने अंग्रेजी में इन लोगों को बताया और इसके लिए सब लोग तैयार हैं। आप और आपको बताने की ज़रूरत नहीं क्योंकि कहीं भी जाएं, कोई देहात में जाएं, शहर में इस देश में तो सब लोग जानते ही हैं कि जाएं. हर जगह सहजयोग के लिए उपयुक्त आध्यात्मिक जीवन कितना महत्वपूर्ण है और है। इसलिए मैं चाहती हूँ कि आप लोग और लोग चाहते हैं कि आध्यात्म में उत्थान हो। पूरी तरह से कोशिश करें और अगले साल लोग प्रयत्नशील हैं। कोई हिमालय में आज से भी दुगुने लोग यहाँ आ जाएं। बहुत जाते हैं तो कोई समुद्र के पास जा कर बैठते हैं। घंटों मेहनत करते हैं, उपवास उसके लिए मैं बहुत आप से धन्यवाद कहती करते हैं। ये सब करने की जरूरत नहीं है। हूँ । लेकिन जैसे कि मैंने चाहा, आप लोग सहजयोग में आते ही वो पार हो सकते हैं एक-एक आदमी सौ-सौ लोगों को पार और उनको आशीर्वाद मिल सकता है। लोगों कराइए, बस इस से ज्यादा कुछ को समझाओ कि सर के बल खड़े होने की कोशिश करिए। एक गर निष्ठा हो तो हमारा कोई जरूरत नहीं। आपकी झोली में ही वादा रहा कि आप ही सहज और सहजयोग आ सकता है। वो विश्वास भी सरल तरीके से सौ आदमियों को पार करा नहीं करेंगे, शुरु में, कि यह इतना सहज सकते हैं साल में। और सुगम बाद एक, हज़ारों लोग इस देश में आशीर्वाद ये कार्य हो सकता है जिनको ये सहजयोग में आ गए हैं और मैं चाहती हूं भाषा नहीं आती वो भी ये कार्य कर रहे हैं, कि इस देश में सहजयोग बहुत फैलना तो आप के लिए क्या मुश्किल है? आप के चाहिए। हमारे प्रश्न, इस देश में बहुत छोटे लिए तो सब पूष्ठ भूमि तैयार हैं। और ओछे हैं। उनके लिए सहजयोग में साधु-सन्तों ने महन्तों ने बहुत कार्य किया है एकबार पार हो जाना ही ज़रूरी है बाद में इस देश में। इतना तो किसी भी देश में नहीं कुछ करने की जरूरत नहीं। तो अगर यहां हुआ था। इसलिए सिर्फ सोचिए कि के लोग भी, हिन्दुस्तान के, प्रयत्न करें तो हिन्दुस्तानी होने के नांते आप कितना ज्यादा बहुत आसानी से वो सहजयोग करवा सकते उत्तरदायित्व रखते हैं और कितना ज्यादा हैं और लोगों को पार करवा सकते हैं। इस आप इसको कर सकते हैं ? आप सबको मेरा लिए आप सबको मेरा अनन्त आशीर्वाद है हृदय से अनन्त आशीर्वाद कि आप लोग कि आपसे, एक एक आदमी से, कम से कम सफलीभूत हो जाएं इस निश्चय में आप सौ-सौ आदमी पार हो जाएं। ऐसी कोई सफलीभूत हो जाएं। ये मेरा आशीर्वाद हृदय लोक-संख्या बढ़ी नहीं, ऐसी कोई हमारी से है। हार्दिक है और आशा है कि आप अवगढ़ स्थिति नहीं है। बहुत सहज सरल इस आशीर्वाद को पूरी तरह से आत्मसात बात है और सहज सरल बात ये है कि करेंगे। और लोगों को जैसे भी हो सके समझना चाहिए कि अपने देश में सबसे जागृति पर जागृति देंगे । जो आपने मेरा आदर सत्कार किया नहीं। बहुत सबको अनन्त आशीर्वाद, अनन्त है! पर जब वो देखेंगे कि एक के

[Hindi translation from English talk, scanned from Hindi Chaitanya Lahari]

मेरे छोटे से कार्य की सराहना कर रहे हैं। पूरे विश्व में सहजयोग फैल गया है और अभी भी आग की तरह से फैल रहा है। इससे पता चलता है कि यह विश्व की आवश्यकता थी। लोगों को इसकी जरूरत थी। यही कारण है कि इतने उत्साह पूर्वक लोगों ने इसे अपनाया | भारत जैसे देश की बात तो मुझे समझ में आती है जहां आत्म- साक्षात्कार की बात कही गई परन्तु जिन देशों में उच्च आध्यात्मिक चेतना का ज्ञान नहीं है उन देशों में भी आप लोग महान आशीर्वाद मानकर सहजयोग को समझे, सराहना करें और उसका आनन्द लें, ये बात मेरी समझ में नहीं आती! मैं सोचती हूँ कि ये विशेष समय है जिसमें आप प्रेम एवं प्रकाश के जाल में फंस गए। स्वयं मुझे भी विश्वास नहीं था कि जिस प्रेम का आनन्द अपने अन्तस में लिया जा सकता है उसे आप समझेंगे। अंग्रेजी से अनुवादित : मैं उन्हें ये बता रही थी कि जिस प्रकार थी कि किस प्रकार आप अपनी आत्मा को से आप लोग मेरा जन्मदिवस मना रहे हैं समझेंगे और इसका आनन्द लेंगे! इसका अर्थ उससे मुझे अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है जो ये हुआ कि आप सबमें इस महान प्रेम तथा आनन्द प्रवाहित हो रहा है अभिव्यक्ति करने की विधि मैं नहीं जानती। विषय में कोई सन्देह नहीं है। किस प्रकार यह वास्तव में मैं नहीं जानती कि मैंने आप इतनी सुन्दरता पूर्वक कार्यान्वित हुआ? ये लोगों के लिए क्या किया है कि आप इतने अत्यन्त आश्चर्य की बात है? जिस प्रकार से उत्साह एवं प्रेम से इस कार्य के लिए आगे आपको आध्यात्मिक शक्तियां प्राप्त हुई हैं और आए हैं। अपने विशाल हृदय के कारण ही आप जिस प्रकार आप इनका उपयोग कर रहे हैं ये आध्यात्मिक सूझ-बूझ क्या है? मैं नहीं जानती उसकी आध्यात्मिक जागृति की योग्यता है। इसके প

वास्तव में मानवीय समझ से परे की बात है। जितने भी ले सकें उन्हें जागृति देने का यही कारण है कि लोगों को विश्वास नहीं होता प्रयत्न करें वो सब भी मानव हैं जिन्होंने कि सहजयोंग जैसी भी कोई चीज है तथा इस समय जन्म लिया है। अतः वो भी इसके मानव में अन्तर्जात एक शाश्वत शक्ति है जिसे अधिकारी हैं । आप उनसे मिलने का, जागृत किया जा सकता है। यह मानव की बातचीत करने का और आत्मसाक्षात्कार देने सोच से परे की बात है कि वह अपने अन्दर का प्रयत्न करें। ये ज्यादा कठिन कार्य नहीं इस प्रकार की आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर है। आप सभी इस कार्य को कर सकते हैं । सकता है। न जाने आपमें से भी कितने लोग प्रत्येक सहजयोगी यदि दस पन्द्रह लोगों को इस बात को महसूस करते होंगे कि आपने जो भी आत्म- साक्षात्कार दे तो पूरा विश्व प्राप्त किया है वह महान उपलब्धि है मानव परिवर्तित हो जाएगा यही हमारी अभिलाषा विकास, मानव उत्थान और सभी प्रकार की है कि विश्व की सूझ बूझ को नई शैली में उन्नति जो हमने की है यह उन सबकी परिवर्तित कर दें, कि मानव रूप में हमें पराकाष्ठा है । निश्चित रूप से यह विश्व को शान्ति पूर्वक रहना है। बिना रंग और राष्ट्र तथा मानव की सूझ-बूझ को परिवर्तित कर के भेदभाव के हमें मानव की तरह से देगा। मिलकर रहना है मानव और पशु में केवल आज जबकि इराक का युद्ध जोरों पर यही अन्तर है। जब तक हम आध्यात्मिक चल रहा है। मैं आपसे बात कर रही हूँ। मैं नहीं हैं तब तक तो ठीक है परन्तु आप यदि नहीं जानती कि क्या कहा जाए, किस प्रकार लोगों को आध्यात्मिक बना सकें तो मुझे पूरा ये कार्यान्वित होगा परन्तु आप सबके विश्वास है सभी कुछ परिवर्तित हो जाएगा। शान्ति प्रयत्नों से इसका समाधान हो जाएगा जैसा हमने देखा है कि सहजयोग में अब और सर्वत्र शान्ति स्थापित हो जाएगी। इस सहजयोगियों को लड़ने झगड़ ने की बात का मुझे विश्वास है। हमें युद्ध नहीं आवश्यकता नहीं है। परस्पर वे अत्यन्त ही चाहिए, हमें तो मानव का हृदय परिवर्तित शान्त एवं भद्र हैं। करना है अन्यथा उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता। आप सबके सम्मुख ये बहुत सहजयोग पूरे विश्व में फैले और विश्व का बड़ी चुनौती है। सबको आत्मसाक्षआत्कार देने हर मानव आत्मसाक्षात्कार प्राप्त करे। के इरादे को पूर्ण करने के लिए आपको आपको वचन देना होगा कि पथ-भ्रष्ट कठोर परिश्रम करना होगा केवल भाषण मानव को परिवर्तित करने के लिए आप सभी देकर या लोगों को भयभीत करके आप उन्हें कुछ करने का प्रयत्न करेंगे मुझे विश्वास है रो क नहीं सकते । आन्तरिक जागृ ति कि एक बार जब ये कार्यान्वित होने लगेगा आवश्यक है। मैं नहीं जानती कि कितने तो सभी लोग इसे लेने का प्रयत्न करेंगे, परन्तु शान्ति मय जीवन के मूल्य को समझेंगे। अतः आज हमें प्रार्थना करनी है कि लोग सहजयोगियों के रूप में পu

हमें गहन कार्य करना होगा क्योंकि मानव को इसकी आवश्यकता है। आज इसकी अत्यन्त आवश्यकता है। उचित समय पर अब हम सहयजोग करने के लिए, जहां तक सम्भव हो और जहां पर भी आवश्यकता हो सर्वत्र इसे फैलाने के लिए तैयार हैं । निःसन्देह ये कार्यान्वित होगा और वैसे भी ज जरूरत हो या न हो, जब मानब में उत्थान की इच्छा होगी, मानवीय असफलताओं से ऊपर उठने की इच्छा होगी तो ये कार्य होगा । जार मैं आपको हृदय से आशीर्वाद देती हैं. अनन्त आशीर्वाद देती हूँ कि सहजयोग का प्रचार करने एवं आत्मसाक्षात्कार देने के ७ अपने कार्य को आप करते रहें। आपको शक्तियां प्राप्त हैं, इस बात को आप जानते हैं। केवल इन शक्तियों का उपयोग करें और लोगों को आत्म साक्षात्कार दें। मेरे जन्मदिवस पर यह एक वचन आपको देना होगा। आप सबको धन्यवाद ।