Diwali Puja, 1st Day, Dhanteras

New Delhi (भारत)

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Dhanteras Puja 27th October 2008 Date : Place Delhi : Type Puja : Speech Language Hindi

ORIGINAL TRANSCRIPT HINDI TALK यह एक अद्भूत चीज़ है कि हमारे अन्दर बसी हुई शक्ति को हमने जगाया है और हम खोये रहते है हमारे अपने ही ने विचारों में। लेकिन हमारे अन्दर बहत शक्ति है और सब परमात्मा हमें ये शक्ति दी है। हम सब परमात्मा, परमात्मा कहते है पर सब ये जानते है कि वो हर जगह है, हर जगह रहते है, हर जगह वो देखते है। और हमारी हर एक बात को वो बहुत प्यार से देखते हैं। अब तुम लोग तो उनके दरबार में आ गये हो। यही मुझे कहना है कि मुझे बड़ा आनन्द आया कि इतने साल हो गये दिल्ली में सहजयोग बड़े जोरो में चला है। इसका मतलब ये है कि दिल्ली के लोगों में बड़ी श्रद्धा है और बहुत सामाजिक भी है। नहीं तो इतने और जगह में गयी हूँ, वहाँ इतना प्रचार हुआ फिर भी में ये नहीं कह सकती कि हर जगह इस कदर समझदारी लोगों में आयी। आप लोगों ने सहजयोग को पूरी तरह से समझना है और उसका आशीर्वाद आपके अधिकार की चीज़ है । आपने ‘सहज’ को समझा तो सहज आपको समझेगा । वो जानते हैं कि आप क्या है और आपकी क्या हैसियत है और आपको क्या देना चाहिए। अब मैं आपसे बताती हूँ ये एक बात कि बहुत साल पहले मैं आयी थी दिल्ली और दिल्ली में मैंने सोचा था कि यहाँ सहजयोग बहुत जम जाएगा | क्या वजह थी कि गवर्नमेंट यहाँ आ गयी और कलकत्ता से आ गयी। क्या सहज थी कि यहाँ सब सरकारी नौकर आ गये और सरकार का काम यहाँ शुरू हो गया है । ये सब आप | लोगों को इकठ्ठा करने का इंतजाम था क्योंकि और किसी भी जगह जाईये तो आप इतने लोग इकठ्ठा नहीं कर सकते थे। जितना काम दिल्ली में होता है उतना और जगह नहीं हो सकता। ये तो मेरा अनुभव है और मैं यही सोचती हूँ कि दिल्ली में कोई न कोई ऐसी बात है कि लोग बढ़ रहा है, हर एक में फर्क आ गया है और हर एक पूरी तरह से समझ गया है कि सहजयोग क्या है। आप लोग सोचते नहीं है कि ये चमत्कार दिल्ली में क्यों हुआ। ये सब आप लोगों की विशेषता है । दिल्ली से सारा कारोबार सहजयोग का चल रहा है । बहत मदद की है दिल्ली वालों ने । मैं आपको बता नहीं सकती कि सहज में ऐसी हुई है बात कि जिसको समझना मुश्किल है, वहाँ दिल्ली वालों ने बहुत अच्छे से समझ लिया है और समझके उसको उन्होंने अपनाया, अपने अन्दर लाया और लोगों पर बाहर इसका परिणाम हुआ। दिल्ली का बड़ा असर है सारी दुनिया में । हम बहुत बात समझते हैं लेकिन ये नहीं समझ पाते हैं कि दिल्ली में जो है ये सब कैसे है । क्योंकि दिल्ली में लोग तो सरकारी होते है, सरकार के और उनके सोचने का तरिका होता है लेकिन ये बात नहीं । यहाँ बहुत से परमात्मा के आशीर्वाद से आये है, विशेष रूप से वो यहाँ इसलिए आये है और इसलिए ये सहजयोग दिल्ली में बहुत, बहुत गहन होता है । एकाध दिल्ली का सहजयोगी देख लीजिए मैं तो हैरान हो जाती हूँ कि इतनी इन्होंने गहराई कहाँ से पायी है। ये जो दिल्ली के वातावरण में इतना सरकारी का मामला है, हर जगह आड़े आया सरकारी चीज़। लेकिन लोग जो सहजयोग में आये उन्होंने कमाल कर दिया है। हर जगह लोग इसके लिए आश्चर्यचकित है कि दिल्ली के लोगों में कैसे क्या फैल गया है। वो तो सरकारी लोग है। सरकार को ही मानते है, उन्होंने ‘माँ’ को कैसा क्या मान लिया है। बड़ी आश्चर्य की बात है, सबको लगा है, बड़ी आश्चर्य की बात है। पर इसमें कोई आश्चर्य नहीं है क्योंकि यहाँ भगवान के बात को ले और जहाँ असल में भगवान को मानते है वही सहजयोग फैलता है, वही सहजयोग बढ़़ता है, उसमें और कोई चीज़ का असर नहीं होता है। परमात्मा को समझना चाहिए, उनकी शक्ति को समझना चाहिए उनकी कार्यक्षमता समझनी ন

Original Transcript : Hindi चाहिए । और आप लोगों के द्वारा परमेश्वर का कार्य कैसे होगा, ये बड़ा आश्चर्य है । यहाँ एक से बढ़कर एक सहजयोगी है। मेरी तो समझ में ही नहीं आता कि यहाँ के सरकारी नौकरी के साथ ये सब कैसे घटित होगा। और आज बड़ा अच्छा | दिन है जो मैं यहाँ हूँ और आज का दिन बहुत माना जाता है, शुभदिन । मैं नहीं जानती कि दिल्ली में कैसा मनाया जाता है पर ये बहुत बड़ा शुभदिन है क्योंकि इस दिन कोई सा भी नया कार्य शुरू करने का, उसके लिए विशेष दिन है आज का । अपने देश में सच तो बात ये है कि लोग बहुत बाते जानते है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि ज्योतिष और दूसरे आधार पर ये जानते है कि कौनसा दिन अच्छा है? कौनसा दिन क्या है? वैसे आज का ये दिन बड़ा ही अच्छा है। और मैं बहुत खुश हूँ कि आजके दिन मैं आप लोगों के पास आयी हूँ। आज का दिन विशेष आशीर्वाद है, विशेष आशीर्वाद है और वो आशीर्वाद ये है कि आपकी समस्यायें ठीक हो जाएंगी । आपको मदद करेंगे परमेश्वर और जगह नहीं मैं इतना कह सकती हूँ जितना मैं दिल्ली में सुनती हूँ कि परमेश्वर की बड़ी कृपा है और वो जानते है कि यहाँ एक से एक समझदार लोग है। एक से एक बात है और आप सबको पहचानते भी है। हो सकता है कि आप में से कुछ लोगों को नहीं जानते है, हो सकता है। पर मेरे अन्दर जो भगवान है वो जानते है आप सबको, सबको जानते है और आपके प्रति बहुत रुझान है। आपके प्रति बड़ी श्रद्धा है कि आप लोग इस भारत वर्ष को ऊँचा उठायेंगे। यहाँ पर ये सहजयोग उठा और यहीं से अगर सहजयोग फैल जायें तो क्या कमाल हो । अब तो मैं हर एक देश में गयी हूँ और जहाँ भी रशिया वगैरा लेकिन जो श्रद्धा यहाँ जो दिल आप लोगों का है वो वैसी श्रद्धा है । यहाँ की शुद्ध श्रद्धा, कोई कुछ चाहता है, कोई कुछ चाहता है । पर श्रद्धा का मज़ा आप लोगों के आते है । लेकिन मुझे बड़ी खुशी हुई जब उन्होंने कहा कि आज पूजा हो जाएगी, मैंने कहा ठीक है। अच्छा है। ये नया शुभ, दिन है आप जानते है कि आज श्री लक्ष्मी की पूजा है । अपने यहाँ लक्ष्मी की पूजा कोई करता ही नहीं है इसलिए ये शुभ समझ लेना चाहिए कि आज का दिन बहुत महत्त्वपूर्ण है । लक्ष्मी आपको सब कुछ देती है । वो ‘माँ’ है । वो सब चीज़ देती है, सब सुख, सब आराम और सबसे बड़े वो आपके अन्दर ज्योत जलाती है इसलिए किसी भी तरह से, किसी भी तरह से आप लक्ष्मी को मानिये । लक्ष्मी माने पैसा नहीं है, ये समझ लीजिए लक्ष्मी माने देवी है और देवी की तरह आपको पैसे को मानना है। अपने देश में लोग पैसे के लिए क्या क्या काम करते है, गलत, सलत बस, वो बहुत बुरी चीज़ है। लेकिन आप लोगों के पास जिम्मेदारी है कि आप लक्ष्मी को देवी समझ लें और उसकी पूरी पूजा करें और उसको समझे कि इस लक्ष्मी के साथ खेल खिलवाड़ नहीं हो सकता। लक्ष्मी आपको आशीर्वाद देती है और आशीर्वाद देती रहेगी । ऐसे तो दुष्ट लोग बहुत कम होते है और आपको तृप्त होना चाहिए क्योंकि आपके अन्दर लक्ष्मी का निवास करती है और हर तरह के आनन्द और सुख के क्षण आपके लिए जोड़ के रखे हैं। वो सब आपको मिलने वाला है और मिला है। अब इतना ही समझ लीजिए कि आज के दिन मेरा यहाँ आना इत्तेफाक है । कोई ऐसा विचार नहीं था और नही मेरे जहेन में था । लेकिन बराबर यहाँ आना चाहिए आज के दिन ये मैं जानती थी और वैसे ही हो गया अपने आप मैं यहाँ आयी हूँ अभी सहजयोगी तो बहुत है और आप लोगों में से कुछ लोग नहीं आ सके मैं जानती हूँ । लेकिन कुछ हर्ज नहीं है । मैं सबके लिए बात कर रही हूँ और सबके लिए मेरा ये विश्वास है कि वो सब लक्ष्मी की पूजा आज करें और लक्ष्मी की पूजा में लक्ष्मी के समस्त रूप को समझना चाहिए कि वो कैसी है, वो देवी कैसी है? उसे हम समझ नहीं पाते है और अगर उसे हम समझ नहीं पाते है तो गलत रास्ते चले जाते है। इसलिए ये समझना चाहिए कि वो देवी है और वो आपकी ‘माँ’ है और आपके लिए वो कुछ भी कर सकती है क्योंकि वो बहुत शक्तिशाली है और मोहब्बती है, आपको किसी भी परेशानी में नहीं ड्ालती है। आप अगर किसी चीज़ में फँस रहे हो तो आपको बचायेगी । ऐसी लक्ष्मी की कृपा है। पर यहाँ खासकर सरकारी नौकर, 3

Original Transcript : Hindi वो अगर ये समझ लें कि ये लक्ष्मी की जगह है तो सारा कारोबार ठीक हो जाएगा । इसलिए अपने देश में लक्ष्मी की कभी कभी लगता है कि कृपा होनी चाहिए । वैसी बात नहीं है, गलती हम करते हैं, वो नहीं । वो तो क्षमाशील है और हम पर मेहरबान है, सब पर, सब लोगों कर बहुत मेहरबान है । लेोाकिन हम खुद ही अपने को सताते है, अपने को काट रहे हैं । और इतना तय हो जाये कि हम गलत काम नहीं करेंगे तो देखिए मुझे आशा है कि दिल्ली में ये जो प्रोग्राम हुआ और ये लक्ष्मी का स्थान है इसलिए यहाँ पर इस दिन कोई भी, कोई भी इन्सान ऐसा न रह गया जो लक्ष्मी का अपमान करें, उसको निचा दिखाएं । उसने हमारे देश का भाग्य बहुत ऊँचा उठाया है इसलिए हमें लक्ष्मी की पूजा करनी है। लक्ष्मी को मानना है और वो अपनी ‘माँ’ है उसका पूरा सत्कार करना चाहिए । आप लोगों को क्यों कह रह हूँ क्योंकि आप लोग सहजयोगी है और आप सबको पता है कि आज का दिन लक्ष्मी की पूजा का दिन है और लक्ष्मी एक ऐसी ‘माँ’ है, हर हालत में आपका साथ नहीं छोड़ेगी। सिर्फ इतना आप करिए लक्ष्मी को ‘माँ’ स्वरूप समझिये और बहुत सफाई के साथ, ऐसे जो लोग हैं वो तो सहजयोग में आएंगे ही लेकिन और भी लोग आ जाएंगे क्योंकि इसका असर सब को होगा। आप सब पर लक्ष्मी की कृपा रहे और रहेगी ये मैं जानती हूँ। सहजयोग यहाँ बहुत फैल गया है, बहुत ज्यादा। उसके लिए तो कोई दूसरे तरह का मेहनत करना पड़ता तब ये काम होता । आपके यहाँ और भी कार्य होने है और उस पर यहाँ आप जानते है कि यहाँ बहुत सारी जमीनें ली गयी है और वहाँ सबकुछ अपने आ हो रहा है । मैं कुछ कर नहीं रही हूँ। सबकुछ घटित हो रहा है। और हो रहा है अपने आप उसमें कोई करना नहीं है ये मैं जानती हूँ और दूसरे आप लाग, आप लोगों के भी जो आशायें है, वो यहीं पूरी हो बनाया जा रहा है। जाएंगी और जो कुछ भी आप जानना चाहें तो लक्ष्मी जी की कृपा आप पर रहेगी। तो आज का दिन उसके लिए है, लक्ष्मी कृपा। सबको अनन्त आशीर्वाद ! 4