Advice on Gudi Padwa New Delhi (भारत)

परमपूज्य माता जी श्री निर्मला देवी द्वारा दी गयी शिक्षा गुडी पाडवा, दिल्ली २४-०३-९३ आज सत्य युग का पहला दिन हैं। प्रकृति आप को बताएगी कि सत्य युग आरम्भ हो गया है। सहजयोग सत्ययुग ले आया हैं। आप आत्म साक्षात्कारी हैं, आपको स्वयं में श्रद्धा तथा विश्वास होना चाहिये। सहजयोग की कार्य शैली में आपकी श्रद्धा होनी चाहिये । आपकी ज्योतिर्मय श्रद्धा में क्या कार्य करता है? पूर्ण विश्वास होना चाहिये । मेरी ओर देखिये । मैनें अकेले सहजयोग को फैला दिया हैं। बस परम चैतन्य में विश्वास रखें । यदि आपको कोई सन्देह हैं, तो मुझसे पूछ लें। परमात्मा तो नहीं है पर मै तो आप से बातचीत करने के लिये यहाँ हूँ। अत:अब सहजयोगियों को सन्देहमुक्त होना चाहिये । | १. अगुआगणों को बहुत सावधान रहना चाहिये । उन्हें अहंकार विहीन होना चाहिये । वे संदेश के माध्यम मात्र हैं जैसे पोस्ट करने के लिये मुझे पत्र को लिफाफे में ड्रालना पड़ता हैं। स्वामित्व भाव से वे सावधान रहे । २. किसी भी चीज की योजना बनाते समय हमारा चित्त सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण चीज पर होना चाहिये। आपकी प्राथमिकताएं स्पष्ट होनी चाहियें । | ३. यदि कोई नकारात्मकता हो तो मुझे बतायें, मैं इसे ठीक करुंगी । ४. प्राय: आयोजक धन की चिन्त करने लगते हैं। सहजयोग में आपको सदा धन प्राप्त हो जायेगा । परन्तु यदि आप चिन्ता करेंगे तो धन नहीं मिलेगा। धन इतना अधिक महत्त्वपूर्ण नहीं हैं । ५. एक दूसरे के लिये हम में विवेक होना चाहिये । ६. आपको कोई भय नहीं होना Read More …

Poem by Shri Mataji at the age of 7 (भारत)

धूल का कण बनना7 साल की उम्र में श्री माताजी द्वारा लिखी गई कविता Poem by Shri Mataji at the age of 7मैं चाहती हूँ की सूक्ष्म बन जाऊँ,एक धूल के कण की तरहजो की पवन के साथ उन्मुक्त विचरता हैवह जहाँ चाहे जा सकता है ,चाहे तो किसी राजा के सर पे आसन रखेया फिर चाहे तोकिसी आम इंसान के कदमो पे आ गिरे.वह हर कोने में जा सकता हैऔर कहीं भी समा सकता है .पर मुझे ऐसा धूल कण बनना है,जिसमे सुगंध हो और जो सभी का पोषण करेजिसके प्रकाश से सभी प्रबोधित हो.