
Public Program New Delhi (भारत)
नैतिकता और देशभक्ति दिल्ली, १८/१२/१९९८
सत्य को शोधने वाले आप सभी साधकों को हमारा नमस्कार! हम सत्य को खोज रहे हैं किंतु कौन सी जगह खोजना चाहिए? कहाँ खोजना चाहिए? कहाँ ये सत्य छुपा हुआ है? ये पहले समझ लेना चाहिए। आप देखते हैं कि परदेस से हजारों लोग हर एक देश से यहाँ आते हैं और उनसे पूछा जाये कि, ‘तुम यहाँ क्यों आयें?’ तो कहते हैं कि, ‘हम यहाँ सत्य खोजने आयें हैं, हमारे देश में तो सत्य नहीं लेकिन भारत वर्ष में तो सत्य है। ये समझ कर के हम यहाँ आयें हैं। और इस सत्य की खोज में हम हर साल हजारों लोग इस देश में आते हैं और हजारों वर्षों से इस देश में आते हैं। आपने सुना ही होगा कि इतिहास में चायना से और भी कई देशों से लोग यहाँ आते थे। और उनको पता नहीं कैसे मालूम था कि इस देश में ही सत्य नेक है, […]