We are not ourselves Istanbul (Turkey)

२०००. ० ४. २५  सार्वजनिक कार्यक्रम, इस्तांबुल, तुर्की, लेवेंट सिरका और ओया बसर थियेटर, माक्का-इस्तांबुल मैं सत्य       को खोजनेवाले सभी साधकों को नमन करती       हूँ । ये दिन हैं       सर्वाधिक उथल-पुथल के      । हम देख सकते हैं अपने आसपास      सभी प्रकार की आपदाओं को       आते हुए । साथ ही, जो  हम      देखते हैं कि मानव      स्वयं से खुश नहीं है और न ही दूसरों से      । इसका मतलब है,      कुछ मूल-रूप से ग़लत है हमारे साथ , जो कि हम सभी एक साथ शांति से नहीं रह सकते हैं। हमारे पास आनंद नहीं है। हम अपने जीवन का आनंद नहीं ले सकते हैं। हम अनावश्यक रूप से इतने दुखी हैं। चाहे अमीर हो या गरीब, जो भी स्थिति/परिस्थिति/अवस्था      हो, लोग बहुत खुश नहीं हैं। इसका क्या कारण है? क्या हम दुख और परेशानियों के लिए बनाए गए हैं/क्या हमारी सृष्टि की गई है  दुःख और परेशानियों के लिए  ?      सभी प्रकार के रोगों और सभी प्रकार के संक्रमणों से पीड़ित होने के  लिए ?  प्रकृति भी, धरती माँ, सब का हमारे साथ सामंजस्य नहीं है। इसका कारण है,      हम स्वयं      नहीं हैं। यह बहुत महत्त्वपूर्ण है , जैसा कि सभी के द्वारा कहा गया है ,      कि आपको स्वयं को जानना चाहिए। लेकिन हम कैसे जानें      ? अब समय आ गया है। कुरान में, इसे दो चरणों में वर्णित किया गया है, एक है क़ियामा और दूसरा है क़यामत । हम बच      सकते हैं और कियामा का आनंद उठा सकते हैं। या हम नष्ट हो सकते Read More …