Sahasrara Puja, Sincerity Is The Key Of Your Success Dollis Hill Ashram, London (England)

सहस्त्रार पर आपको सामूहिक आत्मा द्वारा आशीर्वादित किया जा रहा है। (सहस्त्रार पूजा, डौलिस हिल) हम कह सकते हैं कि 5 मई 1970 को पहली बार परमात्मा की सामूहिक आत्मा का द्वार खोला गया था। इससे पहले परमात्मा के आशीर्वाद लोगों को व्यक्तिगत रूप से ही प्राप्त होते थे …. और वे अपना आत्मसाक्षात्कार भी व्यक्तिगत रूप से ही प्राप्त करते थे एक के बाद एक। व्यक्तिगत आत्मसाक्षात्कार की विधि सामूहिक साक्षात्कार से एकदम अलग थी। उन्हें (व्यक्तिगत आत्मसाक्षात्कार) पहले अपना धर्म को स्थापित करना पड़ता था ……. अपने मोक्ष की कामना करते हुये स्वयं को पूरी तरह से स्वच्छ करना पड़ता था …… और अपने चित्त को मोक्ष पर ही केंद्रित करना पड़ता था या कह लीजिये कि ईश्वर प्राणिधान पर….. (ईश्वर – परमात्मा और प्राणिधान– तीव्र इच्छा) ….. ध्यान धारणा—- प्रार्थना …. परमात्मा के बारे में सोचना … उनकी कृपा प्राप्त करने के लिये प्रार्थना करना …. स्वयं को शुद्ध करने के लिये धार्मिक तरीके से आचरण करना पड़ता था। उन्हें अपने मन मस्तिष्क पर, इच्छाओं पर, क्रियाओं पर इस तरह से नियंत्रण रखना पड़ता था ताकि वे पूरी तरह से मध्य मार्ग पर बने रहें और जब वे इस परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाते थे …. या जब वे इसके योग्य हो जाते थे तो माँ की कृपा से उन्हें साक्षात्कार प्राप्त होता था। कुछ समय तक यही तरीका चलता रहा। जिन थोड़े बहुत लोगों को इस प्रकार से साक्षात्कार प्राप्त हुआ उन्होंने सहजयोग की तैयारी के लिये बहुत से सुंदर कार्य किये। वे जीवन के प्रत्येक Read More …

The Value of Marriage Dollis Hill Ashram, London (England)

                                            “विवाह का आदर्श” डॉलिस हिल आश्रम, लंदन (यूके), 8 मार्च 1980 ..तो सहज योग सबसे पहले आपका अंकुरण शुरू करता है, फिर विकास करता है। उस वृद्धि में, आपको एक व्यापक, अधिक व्यापक व्यक्तित्व बनना होगा। शादी के साथ आप एक और भी बेहतर इंसान बनते हैं, और आप एक बेहतर व्यक्तित्व का विकास करते हैं। अब, सहज योगियों के लिए शादी क्यों जरूरी है? सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात, शादी करना सबसे सामान्य बात है। भगवान ने आपको  शादी करने की इच्छा किसी उद्देश्य से दी है। लेकिन, उसी इच्छा का उपयोग , यदि आप उस उद्देश्य के लिए नहीं करते, जिसके लिए इसे दिया जाता है, तो यह विकृति बन सकता है, यह एक बुरा काम बन सकता है। यह आपके विकास के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। तो हमारे भीतर शादी करने की इस इच्छा को समझना चाहिए। शादी का मतलब एक पत्नी है, जो आपके अस्तित्व का अंग-प्रत्यंग है। एक पत्नी जिस पर आप निर्भर हो सकते हैं। वह आपकी मां है, वह आपकी बहन है, वह आपका बच्चा है, वह सब कुछ है। आप अपनी सारी भावनाओं को अपनी पत्नी के साथ साझा कर सकते हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि पत्नी ऐसी होनी चाहिए, जो यह समझे कि उपरोक्त यह सब बातें, शादी की ज़रूरत है। अब, सहज योग में, जैसा कि आपने देखा है, आप सभी को या तो बाईं या दाईं ओर समस्या है। अब, जब ये विवाह होंगे, ज्यादातर अनायास, यह प्रकृति की योजना से ही होगा, कि आप एक Read More …

Diwali Puja: Today is the day to take an oath Dollis Hill Ashram, London (England)

                                                दीवाली पूजा  डॉलिस हिल आश्रम, लंदन, इंग्लैंड। 20 अक्टूबर 1979। ….14वें दिन, षडानन के द्वारा उसका वध हुआ, कार्तिकेय पुत्र थे पार्वती और शंकर के जो रुद्र शक्ति की बहुत शक्तिशाली अभिव्यक्ति थे, जो कि भगवान की मारक शक्ति हैं। और उसकी रचना विशेष रूप से इसी उद्देश्य के लिए, नरकासुर को मारने के लिए की गई थी। तब – ऐसा था, यह राक्षस, ऐसा खतरा था और उसने कितने लोगों के जीवन को बर्बाद कर दिया था। उसने ऐसा कहर बरपाया है और लोगों को यह नहीं पता था कि सुरक्षा कैसे प्राप्त की जाए। उस समय, तब शक्ति द्वारा षडानन, कार्तिकेय के रूप में नरकासुर का वध किया गया था, उस समय चारों ओर उत्सव मनाया गया था। लोगों ने अगली रात मनाई और अगली रात पूरे साल की सबसे काली रात थी, जो कि आज रात है। घटते चंद्रमा के 15वें दिन को अमावस्या [अमावस्या] कहा जाता है। तो यह सबसे अंधेरी रात है। हर महीने एक बार हमेशा अंधेरी रातें होती हैं, लेकिन यह पूरे साल की सबसे काली रात होती है और इससे ठीक पहले नरकासुर का वध हुआ था। और घर में सारी रौशनी प्रज्वलित की जाती हैं और ढेर सारे दीपक जला दिए जाते हैं। बेशक बिजली की बत्तियाँ इनसे अलग होती हैं, जैसा कि आप जानते हैं, कि वे हर समय बाधा को जला देती हैं। इसलिए नरकासुर की मृत्यु के बाद, जब वह बहुत शक्तिशाली था तब उसकी अपनी एक बड़ी सेना थी, और उसने कई लोगों को सम्मोहित कर लिया Read More …